उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे, वजह दिलचस्प है
उत्तराखंड में भी यूपी और असम की तर्ज पर मदरसों का सर्वे होगा। यह घोषणा राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को की। सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी उत्तराखंड की बीजेपी सरकार यह सर्वे इसलिए कराने जा रही है, क्योंकि उसे पता चला है कि मदरसों के बारे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। पीटीआई की एक खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि राज्य में मदरसों का सर्वेक्षण आवश्यक है, क्योंकि उनके बारे में "हर तरह की बातें" सामने आ रही हैं। धामी का यह बयान उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के नए बनाए गए अध्यक्ष शादाब शम्स द्वारा राज्य में मदरसों के सर्वेक्षण की जरूरत को रेखांकित करने के एक दिन बाद आया है।
शादाब शम्स के बयान पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर धामी ने संवाददाताओं से कहा, मदरसों का सर्वे जरूरी है क्योंकि उनके बारे में अलग-अलग जगहों पर हर तरह की चीजें सामने आ रही हैं। उनके सर्वे से सच्चाई सामने आएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में "गैर-मान्यता प्राप्त" मदरसों का सर्वे करने का निर्देश देने के कुछ दिनों बाद उत्तराखंड का घटनाक्रम सामने आया है। उत्तराखंड सरकार भी टीचरों की संख्या, पाठ्यक्रम और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र कर सके।
It's a targeted survey against Muslim community. Survey of private schools, missionary schools, govt schools, RSS schools should happen. Doing survey of unaided madrasas is a targeted survey & is wrong: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on survey on madrasas in UP & Uttarakhand pic.twitter.com/noxxX3CgEC
— ANI (@ANI) September 13, 2022
ओवैसी का ऐतराज
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी शासित दो राज्यों के सभी मदरसों का सर्वे करने के यूपी और उत्तराखंड सरकारों के फैसले की कड़ी निंदा की है। एआईएमआईएम सांसद ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शासित दो राज्यों में सर्वे "मुस्लिम समुदाय के खिलाफ टारगेट किया गया है। गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे एक टारगेटेड सर्वे है और गलत है। ओवैसी ने कहा-
“
निजी स्कूलों, मिशनरी स्कूलों, सरकारी स्कूलों और आरएसएस स्कूलों का सर्वेक्षण होना चाहिए। गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे करना एक टारगेटेड सर्वे है और गलत है।
-असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम प्रमुख, मंगलवार को
इससे पहले उत्तराखंड में शम्स ने मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की भी जोरदार वकालत की थी और मदरसों में उत्तराखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम को शुरू करने की वक्फ बोर्ड की योजना के बारे में भी बताया था।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा था कि मदरसों की गतिविधियों में पूरी पारदर्शिता के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड राज्य में 103 मदरसे चलाता है।
परीक्षा विवाद पर बोले धामी
धामी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग इस सप्ताह इसके द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करेगा। यह भर्ती परीक्षा अधीनस्थ ग्रेड के लिए होनी थी। इसे पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) को कराना था। लेकिन भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद अब इसकी जिम्मेदारी राज्य लोकसेवा आयोग को सौंपी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि रिक्तियों का विज्ञापन अक्टूबर में किया जाएगा और परीक्षाएं दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह भर्ती परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी राज्य लोक सेवा आयोग को इसलिए सौंपी गईस क्योंकि यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित परीक्षा के पेपर लीक मामले की चल रही जांच से अधीनस्थ ग्रेड के लिए परीक्षाओं में देरी हो सकती थी और भविष्य प्रभावित हो सकता था।