यूपी में ‘बुलडोज़र बाबा’ के बाद अब एमपी में ‘बुलडोज़र मामा’ 

08:06 am Mar 22, 2022 | संजीव श्रीवास्तव

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा घोषणावीर, जुमलेबाज़, नाटककार और कलाकार सरीख़े ‘व्यंग्य’ से नवाज़े जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर कांग्रेस ने ‘ट्रोल’ किया है। इस बार वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कथित ‘नकल’ को लेकर प्रतिपक्ष के निशाने पर आये हैं।

दरअसल, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को उनके ही दल के एक वरिष्ठ विधायक (कमल नाथ सरकार गिराकर शिवराज की अगुवाई में सत्ता में लौटी सरकार में राज्य विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर पद पाने वाले) रामेश्वर शर्मा ने ‘बुलडोज़र मामा’ के ‘तमगे’ से नवाज़ा है।

शर्मा ने अपने सरकारी निवास के बाहर एक भव्य पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में शिवराज सिंह को ‘बुलडोज़र मामा’ बताते हुए कहा गया है, ‘बेटी की सुरक्षा में जो बनेगा रोड़ा, मामा का बुलडोज़र बनेगा हथौड़ा।’ 

पोस्टर में शिवराज सिंह का एक्शन मोड वाला भव्य चित्र है। शिवराज के चित्र के ठीक पीछे पार्श्व में बुलडोज़र की तस्वीर है। शिवराज सिंह के ठीक नीचे बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का भी ‘एक्शन मोड’ वाला फोटो है।

इस पोस्टर में शिवराज को ‘बुलडोज़र मामा’ संज्ञा से नवाज़ते हुए, एक अन्य जुमला यह भी लिखा गया है कि-‘बहन-बेटी की इज्जत से जिसने किया खिलवाड़, बुलडोज़र पहुंचेगा उसके द्वार।’

सबसे ज़्यादा महिला अपराध वाला सूबा

यहां बता दें, मध्य प्रदेश बलात्कार और महिला वर्ग पर अत्याचार के मामले में देश में लंबे समय से अग्रणी राज्य बना हुआ है। राष्ट्रीय अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में हर दिन 23 बहन-बेटियां अत्याचार/दुराचार का शिकार होती हैं।

गत दिवस मंदसौर में एक अबोध बालिका से रेप और बलात्कार के बाद गला घोंटकर मार डालने वाला वहशियाना घटनाक्रम राज्य के मीडिया की प्रमुख सुर्खी रहा। ऐसी घटनाएं आये दिन सूबे में होती रहती हैं। 

एनसीआरबी के आंकड़ों में रेप और महिला वर्ग पर अत्याचारों में पहले पायदान पर बने रहने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कई बार सार्वजनिक तौर पर और विधानसभा के भीतर दलीलें देते हुए कहा है, ‘मध्य प्रदेश महिला वर्ग पर अत्याचार को लेकर बेहद गंभीर सूबा है। यहां हर प्रकरण दर्ज होता है। घिनौना कृत्य करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। नाबालिग और अबोध बच्चियों से बलात्कार करना सिद्ध होने पर फांसी की सजा का प्रावधान मध्य प्रदेश में उनकी सरकार ने किया है।’

बहन-बेटियों पर अत्याचार करने वालों पर बुलडोज़र ‘चलवाने वाले’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को ‘बुलडोज़र मामा’ बताने वाला बीजेपी विधायक का पोस्टर जमकर सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री के साथ-साथ बीजेपी विधायक शर्मा की भी कांग्रेस के नेता जमकर चुटकियां ले रहे हैं।

कांग्रेस ने बोला हमला

मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख के.के.मिश्रा का कहना है, ‘शिवराज और उनके नेताओं ने बेशर्मी की हद कर दी है। बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। राज्य के हर कोने से उन पर अनाचार-अत्याचार और रेप होने की वारदातों से जुड़ी सूचनाएं बढ़ती जा रही हैं। स्टेट के साथ नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े इस सचाई को बयां कर रहे हैं, लेकिन राज्य की सरकार और उसके नुमाइंदे चिरौरी एवं शिवराज की चाटुकारिता में लगे हुए हैं।’

प्रदेश कांग्रेस के अन्य प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने चुटकी लेते हुए कहा है, ‘मामा की कुर्सी जाने वाली है। खिसकती कुर्सी को बचाने के लिए अब वे बुलडोज़र मामा सरीखे निम्नस्तरीय चुनावी स्टंट पर आमादा हो गए हैं।

सलूजा का आरोप है कि-‘राज्य में 15 सालों के मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल में शिवराज सिंह ने सिवाय लफ्फाज़ी के कुछ नहीं किया है। जुमलेबाज़ी उनका स्टाइल बन चुका है। कुछ भी कर लें, अगला चुनाव शिवराज और बीजेपी को घर बैठा देगा।’

योगी अंदाज में चल रहा बुलडोज़र 

वैसे यह बात सही है कि पिछले कुछ वक्त से मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह के ‘बुलडोज़र’ ने ‘रफ्त़ार’ पकड़ी हुई है।

सोमवार को सिवनी जिले के थाना कुरई में दुष्कर्म के आरोपी के अवैध निर्माण को बुलडोज़र ने ढहा दिया। कुरई के पहले श्योपुर में नाबालिग लड़की से गैंगरेप के तीन आरोपियों के मकानों को बुलडोज़र के जरिये जमींदोज किया गया था।

रायसेन जिले में पिछले सप्ताह आदिवासियों पर गोलीबारी करने और एक आदिवासी को मौत के घाट उतार देने वाले आरोपियों के अवैध निर्माणों पर भी जमकर बुलडोज़र चला। 

बुलडोज़र चलाने की ताजा घटनाओं को इंगित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ‘बुलडोज़र मामा’ का ‘तमगा’ बीजेपी के विधायक ने दिया है।

योगी आदित्यनाथ का बुलडोज़र 

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के बुलडोज़र की ‘धमक और धूम’ पुरानी है। पिछले कार्यकाल में आदित्यनाथ का बुलडोज़र जमकर चला है। यूपी विधानसभा के 2022 के चुनाव के ठीक पहले और चुनाव के बीच में भी आदित्यनाथ का ‘बुलडोज़र’ सुर्खियों में बना रहा।

अपराधी प्रवृत्ति के लोगों और धुर विरोधियों की कमर तोड़ने के लिये योगी आदित्यनाथ ने बुलडोज़र का जमकर उपयोग किया। बुलडोज़र चलवाने के अंदाज़ के बाद से यूपी के साथ ही वे राष्ट्रीय स्तर पर ‘बुलडोज़र बाबा’ के नाम से ‘ख्यात’ हुए हैं।

पहला बुलडोज़र मंत्री मध्य प्रदेश से...!

देश में ‘बुलडोज़र मंत्री’ के नाम से मध्य प्रदेश ही सबसे पहले ‘ख्यात’ हुआ था। साल 1990 से 1992 के बीच सुंदरलाल पटवा सरकार में नगरीय प्रशासन विभाग के मंत्री रहे बाबूलाल गौर (वे मध्य प्रदेश के सीएम भी हुए) ने जमकर बुलडोज़र चलाया था।

राजधानी भोपाल को सुंदर बनाने के लिए गौर का बुलडोज़र देख अतिक्रमणकारी थर्रा जाया करते थे। भोपाल के बाद गौर का ‘बुलडोज़र’ सूबे भर में चला। 

तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने ही बाबूलाल गौर को ‘बुलडोज़र मंत्री’ की संज्ञा से नवाज़ा था। पटवा के बाद उमा भारती सरकार में भी गौर नगरीय प्रशासन मंत्री बनाये गये। उमा के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भी बनाये गये। 

सीएम पद से हटाये जाने के बाद शिवराज के तीनों मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्हें मंत्री रहने का मौका मिला।

मंत्री, मुख्यमंत्री और फिर मंत्री रहने के बावजूद गौर के साथ ‘बुलडोज़र’ हमेशा जुड़ा रहा। गौर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन बुलडोज़र का जिक्र आने पर चर्चा बिना बाबूलाल गौर के पूरी नहीं हो पाती है।