पांच हत्याओं का दोषी करार दिये जाने के बाद 2017 से उम्रकैद की सजा काट रहे हरियाणा के चर्चित और विवादित संत रामपाल के मध्य प्रदेश के अनुयायियों द्वारा मंदसौर जिले में करायी जा रही शादी में हुआ जबरदस्त बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। शादी का विरोध करने बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के लोग पहुंचे थे। उनके द्वारा गोली चलाने से मारे गए संत रामपाल संघ सतलोक आश्रम के मंदसौर जिला को-आर्डिनेटर के शव को रखकर आंदोलन किया जा रहा है।
बता दें, मंदसौर जिले की भानपुर तहसील के भेसोदा मंडी में रविवार को संत रामपाल के अनुयायी दहेज मुक्त शादी का आयोजन कर रहे थे। राजस्थान की सीमा से लगे भेसोदा मंडी गांव में संघ सतलोक आश्रम की ‘खास विधि’ से रामपाल के अनुयायियों द्वारा भानपुर निवासी हेमंत अकोदिया और चेचट गांव की रहने वाली सुनीता वर्मा का अंतरजातीय विवाह संपन्न करवाया जा रहा था।
शादी का यह आयोजन उस समय हंगामे में बदल गया, जब दो दर्जन के करीब हथियारबंद लोग मौके पर पहुंचे। कोई कुछ समझ पाता इसके पहले ही हथियारबंद लोगों ने पंडाल में मौजूद संत के अनुयायियों पर हमला बोल दिया।
महिलाओं-बच्चों को पीटा
हमले के दौरान पंडाल में बड़ी संख्या में मौजूद अनुयायियों में अफरा-तफरी मच गई। हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा। जो भी रास्ते में आया उस पर लट्ठ और डंडे बरसाये। रॉडों से पीटा। जमकर तोड़-फोड़ की। पंडाल को तहस-नहस कर दिया।
शादी समारोह में भाग ले रहे लोगों ने बामुश्किल स्वयं को हमलावरों से बचाया। लेकिन इनकी जद में जो भी आया वह जख्मी हो गया। दो महिलाओं और एक बच्ची को ज्यादा चोटें आयीं। तीनों अस्पताल में भर्ती हैं।
तमंचा लहराकर लोगों को दौड़ाया
आरोप है कि हमले की अगुवाई करने वाला बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद का खंड अध्यक्ष शैलेन्द्र ओझा है जो जय श्री राम का उदघोष कर तमंचा लहराकर लोगों को दौड़ाता रहा। जामुनिया गांव के पूर्व सरपंच और संघ सतलोक आश्रम के मंदसौर जिला को-आर्डिनेटर देवीलाल मीणा (55 वर्ष) इस शादी समारोह के आयोजक थे।
शैलेन्द्र ओझा, विवाह को हिन्दू संस्कृति और विधि-विधान के विपरीत बताते हुए देवीलाल को धमकाता रहा। दोनों के बीच बहसबाजी होती रही।
देवीलाल और संत समर्थकों की ओर से विरोध बढ़ने पर शैलेन्द्र ने अपने तमंचे से फायर किया। निशाना चूक गया। शैलेन्द्र ने दोबारा गोली चलायी जो देवीलाल की छाती में जा घुसी। गोली लगने से वे मौके पर ही गिर गए।
खून से लथपथ देवीलाल को समर्थक अनुयायियों ने संभालने का प्रयास किया। इस बीच हमलावर मौके से चंपत हो गये।
भारी हंगामे की सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा। गोली लगने से बुरी तरह जख्मी देवीलाल को राजस्थान के भवानी मंडी अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें कोटा के लिए रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान देवीलाल की मृत्यु हो गई।
धरना स्थल पर लोगों से बात करते मंदसौर कलेक्टर एवं एसपी।
तीन गिरफ्तार
रामपाल के अनुयायियों की सूचना पर पुलिस ने दस लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखी। लोगों का आक्रोश बढ़ने पर तुरत-फुरत में छापामार दस्ते बनाये गये। छापामारी शुरू की गई। देर रात तक तीन अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
जारी रहा हंगामा
तीन लोगों की गिरफ्तारी से संत रामपाल समर्थक संतुष्ट नहीं हुए। सोमवार को उन्होंने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात की। ज्ञापन सौंपे। सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
शव रखकर आंदोलन
देवीलाल मीणा के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। मीणा के परिवारजनों को पांच करोड़ का मुआवजा देने और सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूरे दिन हंगामा चलता रहा।
अलग-अलग दौर में प्रशासन के अफसर समझाने के लिए पहुंचे। मीणा के समर्थक मुआवजे की घोषणा और सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने को लेकर अड़े रहे।
कलेक्टर-एसपी जामुनिया पहुंचे
मंदसौर जिले के कलेक्टर गौतम सिंह और एसपी सुनील कुमार पांडे सोमवार की रात 11 बजे जामुनिया ग्राम पहुंचे। देवीलाल मीणा का शव रखकर धरना दे रहे लोगों से उन्होंने चर्चा की। करीब आधे घंटे चली चर्चा में हल नहीं निकल पाया था। कलेक्टर-एसपी इसके बाद लौट गये।
आंदोलनकारी इस बात पर अड़ गये थे कि प्रशासन उन्हें लिखित में मुआवजा दिलाने का पत्र दे। सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी की समयसीमा सुनिश्चित करे। इसके बाद ही देवीलाल का अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव में बने हालातों और तनाव के चलते पुलिस बल बढ़ा दिया गया था।
मांग पूरी न होने तक अंत्येष्टि नहीं करने के अपने दावे पर मीणा समर्थक बरकरार थे।
इन्हें बनाया गया आरोपी
गरोठ पुलिस ने शैलेन्द्र ओझा, गोलू मीणा, कमल पाटीदार, राजू मेहर, कालू धोबी, महावीर गुर्जर, ललित सुतार, किशन शर्मा, दीपक प्रजापति और मंगल पाटीदार को नामजद एवं अन्य अज्ञात हमलावरों को आरोपी बनाया है। ओझा के अलावा भी कई आरोपी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी हैं।
हत्या का मुक़दमा दर्ज
अपराध दर्ज करते समय रविवार शाम को अभियुक्तों पर भादवि की धारा 147, 148, 294, 323, 307 और 506 लगाई गई थी। देवीलाल मीणा की मौत की सूचना के बाद अभियुक्तों पर हत्या की धारा 302 भी बढ़ा दी गई है।
पुलिस ने कमल पाटीदार, ललित सुतार और मंगल पाटीदार को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य अभियुक्तों की तलाश की जा रही है।
संत रामपाल।
17 मिनट में हो जाती है शादी
संत रामपाल के दौर में ही उनके द्वारा संचालित किए जाने वाले आश्रमों में 17 मिनट में दहेज रहित विवाह कराये जाने की परिपाटी आरंभ हुई थी। देश भर में फैले उनके अनुयायी और भगतजन (अनुयायियों को भगत कहते हैं) इसे जारी रखे हुए हैं।
विवाह समारोह के दौरान संत रामपाल के प्रवचनों की रिकार्डिंग का प्रसारण होता है। रामपाल से जुड़ा लिट्रेचर बांटा जाता है। रामपाल के बैनर-पोस्टर लगाये जाते हैं। अन्य प्रवचन भी होते हैं।
हमले-तोड़फोड़ की निंदा
संत रामपाल संघ सतलोक आश्रम के मध्य प्रदेश के को-ऑर्डिनेटर विष्णु भगत ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि शादी के आयोजन का पांच मिनट का विधि-विधान पूरा हो चुका था। इसी के बाद बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कुछ पदाधिकारी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे एवं उन्होंने जमकर हंगामा किया।
वर-वधू को पीटा। वधू को बदनीयती से छुआ। ओछी हरकतें कीं। महिला-बच्चों को पीटा। हमारे श्रेष्ठ कार्यकर्ता को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
भगत ने दावा किया, ‘मारे गये श्रेष्ठ कार्यकर्ता के समर्थक और रिश्तेदारों द्वारा शव रखकर किए जा रहे प्रदर्शन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमने ऐसा करने के लिए किसी से नहीं कहा है और ना ही हम एवं संत जी के समर्थक उसमें शामिल हैं। इतना जरूर है कि हम सभी हमलावरों की बिना देर किए गिरफ्तारी और उन पर सख्त कार्रवाई चाहते हैं।’
भगत ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में संत रामपाल के अनुयायी 2004 से आयोजन कर रहे हैं। भारी संख्या में सामूहिक विवाह कराये हैं। बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद समेत कई हिन्दूवादी कट्टरपंथी संगठन बीते दो सालों से हमारे प्रवचनों और अन्य आयोजनों को बिगाड़ने में लगे हुए हैं।
पूरे घटनाक्रम और तनाव के बीच मीडिया ने बजरंग दल के मंदसौर जिलाध्यक्ष राजेश पाटीदार से संपर्क साधा तो उन्होंने कहा कि वे मंदसौर से बाहर हैं। घटनाक्रम के बारे में सोशल मीडिया से जानकारियां मिली हैं। मंदसौर लौटने के बाद मामले पर अपना पक्ष रखेंगे।
जेल में हैं रामपाल
संत रामपाल विवादित संतों की श्रेणी में शुमार है। हरियाणा ‘कर्मस्थली’ रहा। सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर पद से नौकरी छोड़ने के बाद संतगिरी आरंभ की थी। अनुयायी बनाये। संपत्ति खड़ी की।
चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के आरोप में पकड़े जाने के दौरान हुए भारी बवाल से वह मीडिया की सुर्खियों में आये। अक्टूबर 2017 में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
संत रामपाल की उम्र 70 साल है और वह अभी जेल में है। उस पर देशद्रोह समेत अन्य मामलों में भी प्रकरण दर्ज हैं। सभी कोर्ट में विचाराधीन हैं।
संत रहते हुए अपनी जीवनशैली, आधुनिकतम सुविधाओं से सुसज्जित आश्रम को लेकर भी संत रामपाल सुर्खियों में रहे। आश्रम में अवैधानिक गतिविधियों, अश्लील साहित्य और कॉन्डोम की बरामदगी भी चर्चाओं में रही। आश्रम में सुरंग बनवाकर रखने, स्वीमिंग पुल, टायलेट्स में सीसीटीवी, पांच लाख की कीमत वाला मसाजर रखने को लेकर भी रामपाल की चर्चा हुई।
दूध से नहाने और नहाने के बाद उसी दूध की खीर बनवाकर भक्तों में बंटवाने के आरोप भी संत पर रहे।