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एमपी परिवहन घोटाला: सिंधिया के क़रीबी मंत्री के बंगले पर डीलिंग- कांग्रेस

एमपी परिवहन घोटाला: सिंधिया के क़रीबी मंत्री के बंगले पर डीलिंग- कांग्रेस

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एमपी परिवहन घोटाले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बंगले पर डीलिंग हुई। क्या सिंधिया खेमे पर बढ़ेगा दबाव? पढ़ें पूरी खबर।

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित परिवहन घोटाले को लेकर कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके सिपाहासालार, मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने पूरे घोटाले का किंगपिन मोहन सरकार के मंत्री राजपूत को बताया है। बिना नाम लिए सिंधिया पर भी लेनदेन के गंभीर आरोप मढ़े हैं।

मध्य प्रदेश में दिसंबर महीने में लोकायुक्त टीम ने परिवहन महकमे में सिपाही पद पर महज सात साल सेवा देने वाले सौरभ शर्मा के भोपाल सहित अनेक ठिकानों पर छापा मारा था। छापे में बड़ी तादाद में कैश, जेवरात, हीरे-जवाहरात और ढाई सौ किलो चांदी बरामद की थी। सौरभ के ठिकानों से परिवहन महकमे के लेन-देन से जुड़ी डायरी, दस्तावेज और बड़ी तादाद में प्रॉपर्टी में निवेश के सबूत भी मिले थे।

लोकायुक्त रेड के ठीक बाद भोपाल के उस पॉश इलाके, जो इन दिनों मौजूदा एवं रिटायर्ड नौकरशाहों के महलनुमा आशियानों के तौर पर ख्यात है, मैंडोरा बस्ती के एक फार्म हाउस से लावारिस कार मिली थी। इनोवा कार में 52 किलो सोना और 10 करोड़ नकद मिलने के बाद पूरा मामला और गहरा गया था। सामने आया था कि कार सौरभ के सहयोगी के नाम रजिर्स्ड है।

पूरे मामले में पहले इनकम टैक्स और बाद में हवाला कारोबार की सुगबुगाहट पर ईडी की भी एंट्री हो गई थी। सौरभ की गिरफ्तारी के साथ ही उसके सहयोगियों को भी लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सभी रिमांड पर रहे थे। क़रीब दो महीने में भी पूरे मामले में कुछ ठोस निकलकर सामने नहीं आया है। सौरभ शर्मा अभी ईडी की रिमांड पर है। ईडी सूत्रों के हवाले से खबरें निकली हैं कि अनेक महत्वपूर्ण पक्षों को लोकायुक्त पुलिस ने नहीं खंगाला। अहम पहलुओं की तफ्तीश ठीक से नहीं हुई। कई बिन्दुओं पर लोकायुक्त पुलिस का रवैया हीला-हवाली भरा रहा।

तमाम ख़बरों के बीच, मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पूरे मामले पर बड़ा एवं तीखा हमला सरकार और सिंधिया-राजपूत पर बोला है। उमंग सिंघार ने शनिवार को भोपाल में एक प्रेस कांफ्रेस की। उन्होंने सरकार पर सौरभ को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सौरभ के घर मिले दस्तावेजों की जाँच होनी चाहिए। 40 दिन फरारी के दौरान वह कहां रहा? किसने मदद की? इसकी कोई जानकारी नहीं है, यह सच सामने आना चाहिए। सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। इसे मीडिया के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा, कॉल डिटेल सामने आने के बाद कई अधिकारी और नेता बेनकाब होंगे।

उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर महीने 2 करोड़ रुपए जाते थे।

सिंघार ने कहा, जो जानकारियां उनके पास आयी हैं, उनमें मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, उनके परिजनों एवं बिजनेस पार्टनर्स की करीब 1 हजार 250 करोड़ रुपए की बेहिसाब संपत्ति का ब्योरा है। इसके रिकॉर्ड उनके पास हैं। सिंघार ने अनेक प्रॉपर्टियों की रजिस्ट्री की प्रतियां मीडिया को दिखाईं। सरकार को इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।

उमंग सिंघार ने सवाल उठाया, क्या मध्य प्रदेश में वाकई ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति लागू है, या फिर यह सिर्फ एक नारा बनकर रह गई है?

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा, “सौरभ शर्मा की डायरी और कागजात में जिन लोगों के नाम सामने आए, उनसे अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई? मुख्यमंत्री इस भ्रष्टाचार की आग में हाथ डालने से क्यों बच रहे हैं? डायरी में ‘टीसी’ और ‘टीएम’ का मतलब क्या है?” सिंघार ने दावा किया डायरी में ‘टीसी’ और ‘टीएम’ का आशय ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से है। उन्होंने पूछा कि इसका सच सामने क्यों नहीं लाया जा रहा है?

मंत्री के बंगले में डीलिंग होती थी?

उमंग सिंघार ने कहा, ‘ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सनसनीखेज एवं बेहद बड़े भ्रष्टाचार के दौरान परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत थे। सभी डील उनके बंगले पर होती थी। इस घोटाले में मंत्री राजपूत, हवाला कारोबारी लोकेश कुमार, संजय श्रीवास्तव और श्वेता श्रीवास्तव शामिल थे, जो क्लोन कंपनी चलाते थे।’

सिंघार ने कहा कि सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

सिंघार के आरोप और सवाल…

  • सागर में 400 करोड़ की जमीनें घर-परिवार के सदस्यों के नाम खरीदीं
  • सास, साले, साले की पत्नी, भाइयों आदि के नाम 200 करोड़ की जमीनें खरीदीं, स्टाम्प चोरी की गई
  • बिजनेस पार्टनर कमलेश बघेल और उसकी पत्नी के नाम सागर शहर में सहारा समूह की 600 करोड़ की जमीनें
  • दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में बाजार मूल्य के अनुसार 39 करोड़ मूल्य की संपत्तियां, पार्टनर्स/सहयोगियों के नाम से औने-पौने दामों में सौदे काटे गए
  • दो रिटायर्ड परिवहन अफसरों, एक मौजूदा अफसर, सौरभ का एडवोकेट, एक कारोबारी, तीन परिवहन आरक्षकों और अन्य सहयोगियों के नाम भी तमाम गोरखधंधे में
  • सौरभ ने फरारी कहां काटी...किसने मदद की? सच सामने लाया जाए
  • सौरभ के कॉल डिटेल सार्वजनिक किए जायें
  • वो केन्द्रीय मंत्री कौन जिन्हें परिवहन विभाग हर महीने 2 करोड़ भेजता था?
  • मंत्री राजपूत ने पूरे रैकेट को संभाला...हर महीने 150 करोड़ कमाई की

भाजपा बोली- आरोप मिथ्या, मीडिया स्टंट

उमंग सिंघार के आरोपों को मध्य प्रदेश बीजेपी ने मिथ्या और मीडिया में जगह बटारेने का स्टंट करार दिया है।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि ये वही उमंग सिंघार है, जिन पर 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान अपने ही मंत्रालय में खरीद-फरोख्त, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे कई मामलों में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन पर झारखंड के प्रभारी सचिव रहते टिकट बेचने के आरोप भी लगे थे, ये आरोप कांग्रेस नेताओं ने ही लगाए थे। महिलाओं से यौन शोषण के आरोप में घिरे रहे।

राजपूत को पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी कठघरे में खड़ा किया है। मोहन सरकार में मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत को शिवराज सरकार में मंत्री रहे, मौजूदा भाजपा विधायक और सीनियर लीडर भूपेन्द्र सिंह ने भी जमकर कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने भी बेहद गंभीर आरोप पहले लगाये हैं। इशारे-इशारों में दावा किया है कि गोविन्द राजपूत को जेल जाना होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी वे संकेतों में बरसते रहे हैं।

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