मध्य प्रदेश की राजनीति रीवा में प्राचीन शिव मंदिर तोड़ने पर गरमा उठी है। कट्टर हिंदुवादी संगठन जहां अपनी ही सरकार से ख़फ़ा हैं, वहीं कांग्रेस ने भी सत्तारूढ़ दल बीजेपी को कथित छद्म हिन्दुवाद और मंदिर प्रेम के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया है।
मध्य प्रदेश के रीवा शहर में ढेकबा तिराहे पर एक बेहद पुराना शिव मंदिर तोड़ दिया गया है। शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात इस प्राचीन मंदिर पर बुलडोज़र चलाया गया। कथित तौर पर गुप-चुप ढंग से मंदिर पर बुलडोज़र चलाने की भनक लगने पर हिंदूवादी संगठनों से पहले कांग्रेसी भरी ठंड में सड़क पर उतर आये। मंदिर तोड़े जाने की खबर लगते ही भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौक़े पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने मंदिर तोड़े जाने का विरोध शुरू कर दिया। हालांकि, तब तक मंदिर का आधा हिस्सा तोड़ा जा चुका था।
बता दें, मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होना हैं। कांग्रेस ने छद्म हिन्दुत्व का आरोप लगाते हुए बीजेपी को जमकर आड़े हाथों लिया।
शनिवार को देर शाम तक बयानबाज़ी, विरोध प्रदर्शन और ज्ञापनबाजी चलती रही। हंगामा और तनाव बढ़ा तो आसपास के थानों से बुलवाकर मौक़े पर पुलिस बल की तैनाती को बढ़ाना पड़ा।
मंदिर को तोड़े जाने से ख़फ़ा कट्टर हिंदूवादी संगठन, उसके पैरोकार और कांग्रेसी जब ज़्यादा ग़ुस्से एवं एक्शन में आते दिखे तो प्रशासन ने मंदिर पर अवैध तरीक़े से बुलडोज़र चलाने वालों पर एफआईआर करने का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
बीजेपी दफ़्तर के कायाकल्प में आड़े आ रहा था मंदिर!
स्थानीय कांग्रेस नेत्री कविता पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा, “ढेकहा तिराहे पर स्थित यह मंदिर कई दशक पुराना है। बाद में उसके पीछे बीजेपी का कार्यालय बनाया गया। अब मंदिर को तोड़कर भाजपा कार्यालय को भव्य रूप देने की तैयारी है।” उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया, “मंदिर के पुजारी को भी भाजपाइयों ने अपने पक्ष में कर लिया और रातों रात मंदिर को तोड़ दिया।” उन्होंने कहा, “मंदिर के नाम पर नौटंकी करने वाली बीजेपी भगवान शंकर को सड़क पर पहुंचाने का बेशर्मी भरा कृत्य कर रही है।” पांडे ने तंज कसा, “जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।” कविता पांडे ने पूरे घटनाक्रम को लेकर आक्रोश जताते हुए यह भी कहा-
“
भाजपा के स्थानीय सांसद और बीजेपी के ही 8 विधायकों को चुल्लू भर पानी में डूब के मर जाना चाहिए। जमीन की खरीद-फरोख्त करते-करते भगवान शंकर की 2 गज जमीन भी इन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही। इन पापियों के पाप का घड़ा भर चुका है। भगवान शंकर और सनातन धर्म के लोग जल्द ही इन्हें सबक सिखाएंगे। मैं भगवान भोलेनाथ के समक्ष संकल्प लेकर आई हूं की पुनः यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराऊंगी और पूरी ताकत से मंदिर तोड़ने वालों के खिलाफ लड़ाई लडूंगी।
-कविता पांडे, कांग्रेस, रीवां
उन्होंने कहा, “मैं, रीवा शहर की सनातन धर्मावलंबी जनता से आह्वान करती हूं कि आप सब एक-एक ईंट पत्थर का दान करें ताकि पुनः मंदिर का जीर्णोद्धार हो सके।'
भाजपा और पुजारी ने दी यह दलीलें
मामला तूल पकड़ने के बाद भाजपा नेता एवं नगर निगम के अध्यक्ष वेंकटेश पांडेय और मंदिर के पुजारी ने दावा करते हुए कहा, “मंदिर का कुछ हिस्सा जर्जर हो गया था। उसे इसलिए गिराया गया ताकि मंदिर को नया रुप देकर उसके सौंदर्यीकरण का काम किया जाए। यातायात प्रभावित न हो इसलिए रात में कार्य कराया जा रहा था। लेकिन कुछ लोग आए और हंगामा शुरु कर दिया।”
प्रशासन ने झाड़ा पल्ला, FIR का भरोसा दिलाया
उधर इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है, “जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए मंदिर गिराने की कोई पूर्व सूचना न तो जिला प्रशासन को दी गई थी ना ही पुलिस को, किसी भी प्रकार की पूर्व अनुमति भी नहीं ली गई थी।
मौके पर पहुंचे एसडीएम अनुराग तिवारी ने मंदिर ध्वस्त कराने में संलिप्त लोगों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज करने की बात कही। उन्होंने कहा, पूरे मामले की जांच की जा रही है।
एमपी कांग्रेस का ट्वीट
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी पीयूष बबेले ने ट्वीट कर कहा, “बीजेपी का बुलडोजर पहले इंसानों पर चलता था, लेकिन अब भगवान पर भी चल रहा है। रीवा जिले में पहले मंदिर के पीछे बीजेपी कार्यालय बनाया गया। अब कार्यालय के सामने बने प्रचीन शिव मंदिर को तोड़कर बीजेपी कार्यालय की शोभा बढ़ाई जाएगी।”