मध्य प्रदेश पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का गोरखधंधा करने वाले एक गिरोह को पकड़ा है। सूरत (गुजरात) के इस गिरोह ने मुंबई को केन्द्र बनाकर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक लाख से ज़्यादा नकली इंजेक्शन खपाने का सनसनीख़ेज़ खुलासा पुलिस के सामने किया है। पुलिस ने अब तक क़रीब डेढ़ दर्जन आरोपियों को पकड़ा है और पूरे मामले की छानबीन में जुटी है।
इंदौर पुलिस को तीन दिन पहले रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाज़ारी किये जाने की सूचना मिली थी। सूचना देने वाले मुखबिर ने बताया था कि शहर में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो ऊँचे दाम वसूलकर ज़रूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन ‘उपलब्ध करवा’ रहा है। यह भी बताया गया कि गोरखधंधे में लिप्त आरोपी सौदे के लिए महिलाओं को ही बुलाते हैं।
पुलिस ने जाल बिछाया। एक महिला सब इंस्पेक्टर को ज़रूरतमंद बनाकर आरोपियों से संपर्क साधा गया। आरोपी सुरेश यादव ने टोसिलिजुमैब इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात की। इसके बाद सौदा तय हो जाने पर महिला सब इंस्पेक्टर इंजेक्शन खरीदने पहुँची। ब्लैक में इंजेक्शन बेचते हुए आरोपी को पुलिस ने धर लिया।
सुरेश यादव से पूछताछ की तो एक बड़ा गैंग और सनसनीख़ेज़ गोरखधंधा सामने आ गया। पुलिस ने एक के बाद एक छापेमारी की कार्रवाई करते हुए कुल 17 लोगों को पकड़ा। सख्त पूछताछ की तो मुख्य आरोपियों ने पूरे ‘धंधे’ की ‘कार्यशैली’ का खुलासा पुलिस के सामने कर दिया।
गुजरात के मोरबी में बन रहे थे नकली इंजेक्शन
पूछताछ के बाद जांच और छापेमारी में गुजरात के सूरत स्थित मोरबी फार्म हाउस में नमक और ग्लूकोज के ज़रिये नकली इंजेक्शन तैयार करने का फर्जीवाड़ा सामने आया। जिस फैक्ट्री में ये इंजेक्शन तैयार किये जा रहे थे वह कौशल वोरा और उसके पार्टनर पुनीत शाह की बताई गई है।
मास्क और ग्लव्स के निर्माण की अनुमति वाली इस फ़ैक्ट्री में कौशल वोरा और उसके पार्टनर पुनीत शाह ने एक लाख से ज़्यादा नकली रेमडेसिविर तैयार कर मुंबई के रास्ते अनेक राज्यों में बेचे। कबाड़ में इंजेक्शन की खाली बोतलें खरीदने के बाद मुंबई में रैपर तैयार कराए।
35-40 हज़ार में बेचते थे नकली इंजेक्शन
जाँच में सामने आया है कि एक इंजेक्शन 80 रुपए में तैयार हो जाता था। होलसेलर्स को ये छह से सात हज़ार में बेचे जाते थे। होलसेलर्स दलालों के माध्यम से इन इंजेक्शनों को बाज़ार में 35-40 हज़ार में खपा देते थे। कई बार ज़रूरतमंद से इससे भी ज़्यादा दाम वसूल लिए जाते थे।
पुलिस ने फार्म हाउस से एक लाख नकली इंजेक्शन जब्त किए हैं। आरोपियों ने इंदौर के सुनील मिश्रा को एक हज़ार इंजेक्शन देने के अलावा 100 इंजेक्शन दवा बाज़ार के क़ारोबारी को भी बेचे हैं।
सुनील मिश्रा की कॉल डिटेल निकाली गई तो लोकेशन गुजरात के सूरत में मिली। सूरत पुलिस तुरंत आरोपी सुनील मिश्रा को हिरासत में लेकर फैक्ट्री पर छापा मारा, जहाँ नकली स्टिकर और हज़ारों की तादाद में नकली इंजेक्शन की शीशियाँ मिलीं। इसमें से कई ग्लूकोज और पानी से भरी हुई थीं। यहाँ से गिरोह के और सदस्यों को भी पकड़ा गया।
इंदौर के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के अनुसार रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी में कुल 17 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें से 12 आरोपियों के ख़िलाफ़ रासुका के प्रस्ताव कलेक्टर को भेजे जा चुके हैं।
एक लाख इंजेक्शन पर एक ही बैच नंबर
सुनील ने कबूला कि जल्दबाज़ी में सभी इंजेक्शन पर एक ही बैच नंबर 246039-ए डाल दिया गया था। कुछ इंजेक्शन विजय नगर पुलिस के कांस्टेबल भरत कुमार ने ग्राहक बनकर खरीदे तो सभी में एक ही बैच नंबर मिले। यहीं से आरोपियों का सुराग मिला।
आरोपियों ने मुंबई को सेंट्रल पॉइंट बनाकर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, मध्य प्रदेश, राजस्थान में इंजेक्शन बेचे हैं।
मध्य प्रदेश में दर्जनों गिरफ्तार
सूरत के गैंग के अलावा भी काफ़ी संख्या में मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाज़ारी के मामले सामने आ चुके हैं। अनेक आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों में पैरा मेडिकल टीमें और कई डॉक्टर भी इंजेक्शनों की कालाबाज़ारी के खेल में शामिल पाए गए हैं।