मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों के परिणामों के दूसरे चरण में भी शहरी क्षेत्रों में बीजेपी को बड़ा नुक़सान हुआ है। मुरैना, रीवा और कटनी सीटों पर महापौर का चुनाव बीजेपी हार गई है। दंगाग्रस्त खरगोन में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और राजगढ़ में आप ने खाता खोला है।
मध्य प्रदेश में वोटों की गिनती के दूसरे और अंतिम चरण में पांच नगर निगमों में पड़े वोटों की गिनती आज की गई। पांच निगमों के जो नतीजे आये हैं, वह कांग्रेस के लिये बेहद उत्साहजनक रहे हैं। कांग्रेस ने मुरैना और रीवा सीट को जीत लिया है। जबकि कटनी में बीजेपी की बागी उम्मीदवार ने सत्तारूढ़ दल बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों को परास्त करने में सफलता पायी है।
मुरैना सीट के परिणाम पर प्रेक्षकों की तीखी नज़र थी। केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना से ही सांसद हैं। इस सीट को बीजेपी हार गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तोमर की सीट पर पूरा जोर लगाया था। मगर सफलता नहीं मिल सकी।
रीवा सीट को बीजेपी 22 सालों के बाद हारी है। इस क्षेत्र में बीजेपी के दिग्गजों का जमावड़ा है। विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम इसी क्षेत्र से आते हैं। उनके अलावा भी कई बड़े नेता इसी क्षेत्र से आते हैं। सबने मिलकर जोर लगाया था। मुख्यमंत्री चौहान ने भी पूरी ताक़त झोंकी थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पायी।
खजुराहो संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा के क्षेत्र में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। कटनी ज़िले का विजयराघवढ़ इलाक़ा खजुराहो में आता है।
कटनी महापौर का पद बीजेपी हारी है। यहाँ बीजेपी की बागी विजयी रही हैं। आज आये नतीजों में भारतीय जनता पार्टी के महापौर पद के उम्मीदवार रतलाम और देवास भर जीत पाये।
बीजेपी को 7 सीटों का बड़ा नुक़सान
आज हुई वोटों की गिनती में पांच नगर निगमों में महापौर चुनाव के परिणामों में सत्तारूढ़ दल बीजेपी को 3 सीटों- मुरैना, रीवा और कटनी महापौर सीट का सीधा नुक़सान हुआ, जबकि पहले दौर में हुई मतों की गणना में 4 सीटों का बड़ा नुक़सान हुआ था।
पहले दौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर सीट पर महापौर का चुनाव बीजेपी हारी थी। बीजेपी से ग्वालियर के अलावा जबलपुर और छिंदवाड़ा महापौर सीटें भी कांग्रेस ने छिन ली थीं। पिछले चुनाव में बीजेपी के ही कब्जे वाली सिंगरौली सीट पर मेयर पद को आप ने जीत लिया था।
साल 2015 के चुनाव में बीजेपी ने सभी 16 नगर निगमों में महापौर सीटों को जीता था। इस बार उसे 9 सीट ही मिल पायी है।
‘बीजेपी का दावा- बोर्ड हमारे’
महापौर के सात चुनाव हार जाने को लेकर कुरेदने पर अधिकांश नगर निगमों में बोर्ड पर कब्जा करने का उदाहरण बीजेपी दे रही है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर हितेष वाजपेयी का कहना है, ‘महापौर पद का चुनाव हारे हैं, लेकिन बोर्डों पर हमारा (भाजपा का) ही दबदबा रहा है।’
वाजपेयी, पहले चरण और आज के मतों की गणना के बाद नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में बड़ी तादाद में मिली सफलता का उदाहरण भी देते हुए कह रहे हैं, ‘शहर के वार्डों के साथ-साथ गांव और कस्बों में भी कमल ही कमल खिला है।’
मुरैना, रीवा और कटनी की करारी हार की ओर ध्यान दिलाये जाने पर डॉक्टर वाजेपयी कह रहे हैं, ‘पार्टी इस बारे में मंथन और चिंतन करेगी।’ उन्होंने आगे कहा - समीक्षा करेंगे, ‘बोर्ड जीते, लेकिन महापौर पद क्यों हारे?’
ओवैसी की खरगोन में एंट्री
प्रेक्षकों की निगाह खरगोन के चुनाव परिणामों पर भी थी। खरगोन नगर पालिका में पार्षदों की कुल 33 सीटों में 19 बीजेपी, 7 सीटें निर्दलीय, 4 कांग्रेस और 3 सीटें ओवैसी की पार्टी ने जीती हैं।
साफ़ है कि ओवैसी के दल के प्रत्याशियों ने तीन सीटें जीतकर संकेत दे दिये हैं, खरगोन में हिन्दू-मुस्लिमों के बीच दंगों के बाद मुसलिम वोटरों ने विकल्प के तौर पर सामने आयी एआईएमआईएम का साथ दिया है। उधर आप ने राजगढ़ ज़िले में पार्षद पद जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है।
राजगढ़ ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहाँ आप का कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं पहुंचा था। मगर विकल्प के रूप में मैदान में उतरे आप के प्रत्याशी को वार्ड विशेष ने ‘हाथ’ और ‘कमल’ को दरकिनार करते हुए तरजीह दी है।
कांग्रेस-बीजेपी दोनों पार्टियाँ मनायेंगी जश्न
स्थानीय सरकार चुनाव में भारी सफलता का दावा करते हुए मध्य प्रदेश बीजेपी ने आज शाम 5 बजे पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जश्न मनाने का एलान किया है। उधर कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस शाम 6 बजे पीसीसी दफ्तर में जीत की खुशी मनाने वाली है। कमलनाथ ने कहा है, ‘सत्तारूढ़ दल को वोटरों ने आइना दिखाते हुए संकेत दे दिये हैं, 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रतिपक्ष में बैठने की तैयारी वह कर ले।’
उधर मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने 'भारी बहुमत' के लिये वोटरों का आभार जताते हुए 2023 और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा जबरदस्त जीत दोहराने का दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि 90 प्रतिशत से ज़्यादा सफलता स्थानीय सरकार चुनावों में भाजपा को मिली है। कुछ सीटों पर महापौर सीट को हारे, लेकिन बोर्ड हमारा ही बना है।