मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मंदिर के सामने से निकलने पर दलित किशोरी की पिटाई का मामला सामने आया है। पुलिस ने 6 महिलाओं के साथ कुल 9 लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज की है। सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद जमानत हो गई है।
घटना खंडवा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र खालवा के भोगावा गॉंव की है। जन्माष्टमी के दिन का यह घटनाक्रम है। रिपोर्ट 21 अगस्त को दर्ज हुई है। आरोप है कि प्रियंका कटारे (15 वर्ष) के साथ उच्च वर्ण के लोगों ने मारपीट की। प्रियंका ने पुलिस को की गई शिकायत में कहा है, ‘जन्माष्टमी पर गांव में मटकी फोड़ कार्यक्रम के आयोजन के दौरान वह भीलट बाबा मंदिर के सामने से निकली तो उच्च वर्ण के लोगों ने तीखी आपत्तियाँ कीं। जातिसूचक गालियाँ दीं। विरोध किया तो जमकर पीटा। मारपीट में पसलियाँ बुरी तरह चोटिल हो गईं। अन्य चोटें भी आयीं। बीच-बचाव करने पहुँचे परिजनों को भी नहीं बख्शा। सबने मिलकर उन्हें भी पीटा।’
पीड़िता का यह भी आरोप है कि- ‘शारदा बाई, अनिता बाई और क्षमा बाई ने सबसे ज़्यादा मारा। वहां पर जितने भी लोग मौजूद थे, सभी ने मारपीट की। आरोपियों ने कहा कि दोबारा कार्यक्रम में आना मत, नहीं तो जान से मार देंगे।’
पीड़िता की बड़ी बहन ने मीडिया से कहा, ‘हम लोग इसलिए खामोश रहे, ताकि विवाद आगे न बढ़ जाए। लेकिन आरोपी पक्ष ने समझौते का दबाव बनाकर जान से मारने की धमकी दी तो पुलिस के पास पहुँचे। रिपोर्ट लिखवाई।’
‘पुलिस ने बताई दूसरी कहानी’
खालवा के थाना प्रभारी परसराम डावर ने ‘सत्य हिंदी’ को दूसरी कहानी बताई है। डावर ने बताया है, ‘जन्माष्टमी वाले दिन मटकीफोड़ कार्यक्रम के दौरान प्रियंका का पिता लखनलाल कटारे कार्यक्रम में पहुँचा था। वह शराब पीये हुए था। डांस करते हुए बहक रहा था। लोगों ने उसे समझाया था। बाद में घर भेज दिया था।’
कुछ देर बाद वह अपने परिवारजनों के साथ लौट आया था। बेटी प्रियंका ने लोगों से विवाद किया। विवाद, मारपीट में बदल गया। प्रियंका ने दो बुजुर्ग महिलाओं को काट लिया। छुड़ाने के लिये एक महिला के पति ने प्रियंका को गेडी (आदिवासी गुलेल) मारी।
डावर के अनुसार सूचना पर डायल 100 मौके पर पहुँची। विवाद को सुलझाया। कहने और पूछने पर भी किसी ने शिकायत अथवा रिपोर्ट नहीं लिखवाई।
उन्होंने आगे बताया, ‘21 अगस्त को प्रियंका का आवेदन मिला जिस पर पुलिस ने 9 ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 294, 323, 596, 34 और एससीएसटी उत्पीड़न की धारा 31 द/ध एवं 32 बीए में मुक़दमा कायम कर लिया।
इसी मामले में दूसरे पक्ष उमाबाई (64 वर्ष) की शिकायत पर प्रियंका, प्रियंका के पिता लखनलाल, मां द्रौपदी, चाचा माखन और बहन अरुणा के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 294, 323, 324 596 और 34 में मामला दर्ज किया है।
थाना प्रभारी परसराम डावर के अनुसार 21 अगस्त को ही दोनों पक्षों के सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी कर थाने से ही जमानत दे दी गई थी। आज मामले की सूचना कोर्ट को दे दी गई है।
डावर के अनुसार मामला उस तरह का नहीं है जैसा मीडिया दिखला रहा है। टीआई ने दावा किया, “प्रियंका और उसके परिजन गांव के धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं। किसी तरह का भेदभाव होने की शिकायत पहले कभी नहीं आयी है।”
उन्होंने कहा, “इस मामले की सचाई पुलिस की जांच पूरी होने के बाद सामने आयेगी। जांच जल्दी पूरी कर लेंगे।”
टीआई ने बताया कि लड़की आज बेहोश हुई थी। डॉक्टर से उसका चैकअप कराया है। डॉक्टर ने मामूली चोटें के अलावा सबकुछ सामान्य बताया है।