कहावत है, ‘शेर की सवारी आसान नहीं? गिरे तो शेर खा जाता है।’ उक्ति यह भी आम है, ‘जो बोओगे, वही काटना पड़ेगा!’
दोनों कहावतों की चर्चा मध्य प्रदेश के राजनीतिक-प्रशासनिक गलियारों से लेकर चौक-चौराहों, और आमजनों में हो रही है।
मसला बेहद रोचक है। मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की पत्नी डॉक्टर स्तुति मिश्रा शर्मा ने मेडिकल शॉप चलाने वाले एक मुसलिम दुकानदार की तारीफ़ की। उन्होंने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात करीब ढाई बजे ट्वीट कर बताया, ‘एक दवाई की ज़रूरत थी। रविवार रात करीब 11.30 बजे का वक़्त था। अधिकांश दुकानें बंद हो चुकी थीं। एक मुसलिम युवक दुकान खोलकर बैठा था।’
उन्होंने ट्वीट में आगे कहा, ‘ड्राइवर के साथ वह दुकान पर पहुंचीं। दवा खरीदी। दुकानदार ने एक दवा को लेकर बताया, दीदी इस दवा से नींद आती है, कम ड्रॉप दीजियेगा।’ डॉक्टर स्तुति ने ट्वीट में यह भी लिखा, ‘दुकानदार का समझाने का स्नेह भरा अंदाज बहुत अच्छा लगा।’
कुल मिलाकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की धर्मपत्नी डॉक्टर स्तुति ने अपने ट्वीट में मुसलिम दवा विक्रेता के कार्य-व्यवहार की प्रशंसा करते हुए दिल को छू लेने वाले अंदाज का सहज भाव में ज़िक्र किया था।
लेकिन ‘हिन्दू धर्मध्वज थामे रहने वालों’ को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की पत्नी का ट्वीट ‘रास’ नहीं आया। कई लोगों ने उन्हें ट्रोल किया।
डॉक्टर स्तुति के ट्वीट पर 15 रि-ट्वीट और 12 कोट ट्वीटस हुए। ज़्यादातर ने उनके विचारों पर ‘असहमति जताई।’ वैसे, 125 लाइक्स भी उस ट्वीट को मिले।
ट्वीट पर विवाद बढ़ता देख अंततः डॉक्टर स्तुति ने मुसलिम दुकानदार की तारीफ़ वाले ट्वीट को अपने अकाउंट से डिलीट कर दिया।
विवाद पैदा कर रहे ट्वीट को डिलीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘आखिरी ट्वीट डिलीट कर दिया क्योंकि यह अनावश्यक अराजकता पैदा कर रहा था। धार्मिक लड़ाई के विषय पर विचार शेयर करना मुश्किल है। किसी के विचार को ठेस पहुँचाना मक़सद नहीं था।’
कांग्रेस ने कहा - ‘एक दिन भाई साहब भी समझेंगे’
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की पत्नी के ट्विटर पर ट्रोल होने और ट्रोल होने के बाद ट्वीट को हटाने को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी की जमकर चुटकी ली।
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख के.के. मिश्रा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘नफ़रत फैलाने की वैचारिक शिक्षा देने वाली छत के नीचे, सत्य को स्वीकारने व वैमनस्यता के ख़िलाफ़ शांतिदूत भी’…भाभीजी (डॉक्टर स्तुति) आपको सलाम...ट्वीट करने की मजबूरी भी लाज़मी थी…किन्तु एक दिन भाई साहब भी समझेंगे!’