इंदौर में दिव्यांग बच्चों के एक अनाथ आश्रम में बीते 72 घंटों में (30 जून से 2 जुलाई के बीच) 5 बच्चों की संदेहास्पद हालात में मौत से हड़कंप मच गया है। 34 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं, इनमें 2 की हालत गंभीर है। आश्रम संचालिका के साथ ठहाका लगाते वायरल वीडियो में नजर आये एसडीएम को लाइन अटैच किया गया है। राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच बैठा दी है। मामला सामने आने के बाद राजनीति शुरू हो गई है।
इंदौर के पंचकुइयां इलाके में ‘युगपुरुष धाम आश्रम’ है। आश्रम की प्राचार्य डॉ.अनीता शर्मा हैं। आश्रम में 200 से ज्यादा बच्चे हैं। बीती 30 जून को एक बच्चे की मौत हुई थी। इसके बाद अगले 48 घंटों में चार और बच्चे काल के गाल में समा गए।
मंगलवार 2 जुलाई को 29 बच्चों को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती किया गया तो हंगामा बरपा। सिलसिलेवार मौतों का मसला सामने आया। आश्रम संचालक ने दावा किया जिन पांच बच्चों की मौत हुई, उनमें से 2 को मिर्गी आती थी। अन्य दो की मौत के पीछे ब्लड इन्फेक्शन और फूड प्वाइजनिंग की संभावनाएं जतलाई गई हैं। मृत बच्चों के नाम शुभम उर्फ करण, आकाश, शुभ, दिव्या और छोटा गोविंद है। इन सभी की उम्र 5 से 15 साल के बीच है और ये सभी अनाथ थे।
शुरुआती जानकारी के अनुसार जिन 29 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनकी उम्र 5 से लेकर 18 साल के बीच है। बीमार बच्चों में सबसे ज्यादा 12 से 18 उम्र के बीच के बच्चे हैं। बीमार बच्चों में कई में हाथ-पैर ठंडे पड़ने, बुखार और घबराहट के लक्षण मिले, उन्हें अस्पताल लाया गया है। आब्जर्वेशन में रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के दावों के अनुसार चार बच्चों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मंगलवार शाम को आयी है। रिपोर्ट में साफ नहीं हुआ है कि मौत की वजह क्या है? हालांकि फिलहाल माना जा रहा है कि मौतें फूड प्वाइजनिंग की वजह से हुई हैं। अब विस्तृत जांच के लिए विसरा भेजा गया है।
पानी-भोजन पर रोकः बच्चों की मौत में फूड प्वाइजनिंग ऐंगल होने संबंधी संभावनाओं के चलते, प्रशासन ने आश्रम के खाने और पानी के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है। आश्रम में मौजूद खाद्य सामग्री और पानी आदि के सैंपल जब्त कर जांच के लिए भेजे गए हैं। आश्रम के शेष बच्चों को पानी-भोजन की डिलीवरी बाहर से ही कराने की व्यवस्था के आदेश भी दिए गए हैं। इसके अलावा आश्रम के हर बच्चे के स्वास्थ्य का परीक्षण कराये जाने के आदेश भी कलेक्टर ने दिए हैं।
एसडीएम को हटाया
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरी घटना के जांच के आदेश दिए हैं। इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह मंगलवार को अस्पताल में भर्ती बच्चों की जानकारी लेने पहुंचे। वे आश्रम भी गए। घटनास्थल पर तैनात एसडीएम ओमप्रकाश नारायण बड़कुल को मंगलवार शाम को हटा दिया गया। दरअसल बड़कुल संवेदनशील विषय पर ड्यूटी के दौरान आश्रम संचालक के साथ ठहाके लगाते दिखे थे, ठहाका लगाता वीडियो वायरल हुआ है।
कांग्रेस का ड्रग ट्रायल का आरोपः घटनाक्रम सामने आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव दावा किया है, ‘आश्रम में बच्चों की मौत के पीछे अवैध ड्रग ट्रायल की प्रबल संभावना हैं।’ उन्होंने अनाथ आश्रम और ट्रस्ट के हॉस्पिटल के तीन माह के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए जाएं। मामले की जांच के लिए सीएम उच्चस्तरीय कमेटी बनाएं। घटना में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।’ हालांकि जिला कलेक्टर ने ड्रग ट्रायल के आरोपों को खारिज कर दिया है। कलेक्टर ने कहा कि अभी हम बच्चों की सेहत पर फोकस कर रहे हैं।
कौन चलाता है आश्रम
यह आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। परमानंद गिरि नामक बाबा की देखरेख में यह संचालित हो रहा है। जब यह आश्रत शुरू हुआ था तब सभी बच्चों की मां का नाम प्राचार्य अनीता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम परमानंद गिरि के नाम पर परमानंद रखे गए। अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं।मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। बुधवार को मोहन यादव सरकार का पहला बजट पेश होना है। कांग्रेस की तैयारी इस मामले को जोर-शोर से उठाने और सरकार को घेरने तथा जवाब-तलब करने की है।