मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले तक पार्टी में सहयोगी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनका नाम लिए बग़ैर आड़े हाथों लिया। उन्होंने उन्हें अपरोक्ष रूप से सरकार गिरने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और साजिशकर्ता बताया।
फ़्लोर टेस्ट के पहले ही मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी सरकार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने उनकी पार्टी को 5 साल का जनादेश दिया था। पर एक महाराजा ने अपने लोगों के साथ मिल कर साजिश रची और सराकर गिरा दी। महाराजा और दूसरे लोगों ने पार्टी और सरकार के ख़िलाफ़ साजिश रची। नतीजा सबके सामने है।
फ्लोर टेस्ट के पहले ही नाटक ख़त्म!
आज फ्लोर टेस्ट होना था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शुक्रवार को शाम 5 बजे फ़्लोर टेस्ट कराया जाये। इसके पहले एक अहम घटनाक्रम में विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस से बग़ावत करने वाले 16 बाग़ी विधायकों के इस्तीफ़े देर रात को मंजूर कर लिये। कांग्रेस के कुल 22 विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया था, जिनमें से 6 विधायक, जो कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे, उनका इस्तीफ़ा पहले ही स्वीकार कर लिया गया था। ये सभी बाग़ी विधायक अभी बेंगलुरू में मौजूद हैं।
ऐसे में कमलनाथ सरकार का गिरना पहले से ही तय माना जा रहा था। समझा जाता है कि कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट में अपनी हार निश्चित मान कर उसके पहले ही इस्तीफ़े का एलान कर दिया।