मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में सोमवार रात को हुए हादसे को लेकर कुछ बच्चों के परिजनों ने साज़िश की आशंका जताई है। आग लगने से चार बच्चों की मौत हुई है जबकि तीन दर्जन के लगभग बच्चे घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल के कमला नेहरू विंग की तीसरी मंजिल पर स्थित एसएनएसयू वार्ड में सोमवार रात आग लग गई थी। पीडियाट्रिक वेंटिलेटर से आग की शुरूआत हुई थी। देखते ही देखते आग और धुएं ने पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया था।
नर्स, वार्ड ब्वॉय भी घायल
वार्ड में भर्ती कुल 40 बच्चों में से चार की मौत हो गई थी, जबकि शेष बच्चे घायल हो गए थे। कुछ कर्मचारियों और परिजनों ने अपनी जान पर खेलकर बच्चों को वार्ड से बाहर निकाला था। चार नर्सें और दो वार्ड ब्वॉय भी घटनाक्रम में घायल हो गए थे। देर रात आग पर काबू पाया जा सका।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर अफसोस जताते हुए जांच बैठा दी है। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा शिक्षा) मोहम्मद सुलेमान को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंगलवार सुबह भी अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र यहां की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी थी। भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।
परेशान रहे परिजन
इस दौरान परिजनों की पुलिस और अस्पताल के सुरक्षा बल से नोकझोंक होती रही। परिजन अपने बच्चों को देखना चाहते थे, सुरक्षा की दलील देकर जब उन्हें वार्ड के भीतर नहीं जाने दिया गया तो कई परिजनों ने हंगामा किया। बाद में पुलिस के साये में परिजनों को उनके बच्चों को दिखलाया गया।
वार्ड में थी भारी अव्यवस्थाएं
तमाम हंगामे और अफरा-तफरी के बीच एक महिला परिजन पूनम ने आरोप लगाया कि वार्ड में भारी अव्यवस्थाएं पहले से थीं। आग लगने की घटना में पूनम ने अपने नाती को खोया है। पूनम ने कहा कि कर्मचारी आपस में लड़ते थे। सोमवार को वार्ड में ड्यूटी पर तैनात एक महिला नर्स और वार्ड ब्वॉय के बीच जमकर विवाद हुआ था। विवाद के पांच मिनट बाद ही वार्ड में आग लगने की घटना हो गई।
पूनम ने दुखी मन से कहा, “विवाद के बीच नर्स बोल रही थी कि कोई भी परिजन हंसी-खुशी नहीं जा सकेगा। सब रोते हुए जायेंगे।”
मृतकों की संख्या छिपाई?
पूनम के साथ ही खड़े अन्य परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और सरकार पर मौत के सही आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया। परिजनों का कहना था कि दस के लगभग ऐसे माता-पिता और परिजन मौके पर मौजूद हैं जिन्होंने रात से लेकर सुबह तक अपने बच्चों को खोया है। कई परिजनों ने मृत बच्चों के डीएनए की जांच कराये जाने की मांग भी की।
अमीन खान नाम के युवक ने कहा, “चार दिन पहले उसके यहां बेटा हुआ। सोमवार शाम तक वह ठीक था। शाम को वह घर खाना लेने गया। लौटा तो उसे वार्ड के भीतर नहीं जाने दिया गया। कर्मचारी और डॉक्टर बताते रहे कि उसका बेटा ठीक है। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात ढाई बजे बताया गया कि कमजोर होने की वजह से बच्चे की मौत हो गई है।”
अमीन ने आरोप लगाया कि बच्चा कमजोरी की वजह से नहीं बल्कि आग लगने के बाद वार्ड में भरे धुएं का शिकार होकर मारा गया है। अस्पताल स्टाफ झूठ बोलता रहा और उसकी मौत को छिपाता रहा।
मीडिया को नहीं मिली एंट्री
मीडिया को भी घटनास्थल और कमला नेहरू विंग के भीतर प्रवेश नहीं दिया गया। मंगलवार सुबह से काफी संख्या में मीडियाकर्मी मौके पर मौजूद रहे। सुरक्षा कर्मियों और पुलिस बल ने उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया।
उधर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अफसरों के साथ मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बारी-बारी से माता-पिता और परिजनों को घायल बच्चों से मिलाने के निर्देश दिए।
सारंग ने दावा किया कि स्थितियां काबू में आ रही हैं। बेहतर से बेहतर उपचार घायल बच्चों को दिया जा रहा है। आग लगने की सही वजह विस्तृत जांच के बाद सामने आयेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा, “जांच दल हर पहलू की जांच करेगा।”
बीजेपी ने रद्द किया भोज
हमीदिया अस्पताल के इस बड़े हादसे के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी ने मंगलवार को आयोजित लंच का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। दीपावली मिलन के तहत यह लंच रखा गया था।