बॉलीवुड की मशहूर जोड़ी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट उज्जैन में महाकाल के दर्शन नहीं कर पाये। बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के भारी विरोध की वजह से इस जोड़ी को बिना मत्था टेके उलटे पैर लौटना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच कर रही है। मामले पर सियासत भी आरंभ हो गई है।
बता दें, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट अपनी आने वाली फिल्म ब्रह्मास्त्र की सफलता की प्रार्थना के लिए मंगलवार शाम को महाकाल मंदिर के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे। इस जोड़ी के आने की भनक लगते ही बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता लामंबद हो गये। आलिया-रणबीर का विरोध बीफ वाले एक बयान को लेकर हुआ।
बजरंग दल के कार्यकर्ता काले झंडों के साथ महाकाल मंदिर के वीईआईपी गेट पर खडे़ हो गए। हालात ऐसे बने कि रणबीर और आलिया को भगवान महाकाल के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ा।
पुलिस को नहीं लगी भनक
बजरंग दल-विहिप द्वारा विरोध करने की भनक तक पुलिस को नहीं लगी। प्रोडक्शन टीम व अधिकारियों की गाड़ी तय समय पर प्रवेश द्वार से प्रवेश करने लगी तो हिंदू संगठनों ने नारेबाजी कर काले झंडे दिखाये और प्रदर्शन किया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकना चाहा तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों की पुलिस से जमकर बहस हुई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को वहां से खदेड़ा। पूरी घटना महाकाल परिसर में सुरक्षा हेतु लगे कैमरों में कैद हो गई।
मूवी की प्रोडक्शन टीम और डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने जरूर मंदिर के गर्भ गृह में बाबा महाकाल के दर्शन किए। लेकिन रणबीर और आलिया मंदिर के अंदर नहीं पहुंच पाए।
डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने मीडिया से बाचतीत में कहा, ‘‘फिल्म के रिलीज होने से पहले बाबा के दर्शन करने की काफी इच्छा थी और वह दर्शन करके काफी खुश हैं। फिल्म की सक्सेस के लिए उन्होंने भगवान से मनोकामनाएं की हैं। दर्शन बहुत अच्छे से हुए।” अयान ने आलिया-रणबीर के विरोध प्रदर्शन से जुड़े प्रश्नों का कोई जवाब नहीं दिया। चुप्पी साधे रहे।
एफआईआर दर्ज
उधर, उज्जैन पुलिस ने उत्पात मचाने वाले हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
पूरे घटनाक्रम के वक्त एडिशनल एसपी, एडीएम, एसडीएम व तमाम अधिकारी मौजूद रहे। क्षेत्र के सीएसपी और थाना प्रभारी को भी कार्यकर्ताओं ने नहीं बख्शा। धक्का-मुक्की की। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के अलावा शासकीय कार्य में बाधा की धारा भी विरोध प्रदर्शन करने वालों पर लगाई है।
खुफिया तंत्र हुआ फेल!
हैरान करने वाली बात यह रही कि हिन्दूवादी संगठनों के लामबंद होने और विरोध जताने की तैयारियों की कोई भनक खुफिया तंत्र को नहीं लग सकी। पूरा घटनाक्रम हो गया। दोनों फिल्म स्टार्स को बिना दर्शन किये लौटना पड़ा।
राज्य में सियासत गर्माई
कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे और मौजूदा वरिष्ठ कांग्रेस विधायक पी.सी.शर्मा ने पूरे घटनाक्रम पर क्षोभ व्यक्त किया है। शर्मा ने मीडिया से कहा, ‘ऐसे घटनाक्रम राज्य को बदनाम करते हैं। भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठनों की कट्टरता को दर्शाते हैं। मंदिर में किसी को भी दर्शन न करने देना बड़ा अपराध है। सरकार के इशारे पर पुलिस ने न तो पहले रोका और ना ही उत्पात करने वालों पर समुचित कार्रवाई की।’
इधर, राज्य के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा पूरे मसले पर लीपापोती करते नज़र आये। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘किसी को भी दर्शन से नहीं रोका गया।’