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एमपी- गरबा पंडाल में आई कार्ड के बिना प्रवेश नहीं: संस्कृति मंत्री

एमपी- गरबा पंडाल में आई कार्ड के बिना प्रवेश नहीं: संस्कृति मंत्री

मध्य प्रदेश में आख़िर गरबा पंडाल में पहचान पत्र देखकर प्रवेश देने की बात क्यों की जा रही है? जानिए राज्य की संस्कृति मंत्री ने क्या कहा।

मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘इस बार गरबा पंडालों में बिना परिचय पत्र के प्रवेश नहीं दिया जायेगा।’

ऊषा ठाकुर गुरुवार को ग्वालियर पहुँची थीं। मीडिया से बातचीत में ठाकुर ने कहा, ‘गरबा पंडाल लव जिहाद का बड़ा माध्यम बन चुके थे, इसलिये बहुत आवश्यक है कि अपनी पहचान छिपाकर कोई भी गरबा पंडाल में नहीं पहुंच पाये।’

उन्होंने कहा, ‘आयोजकों की जिम्मेदारी है कि वे पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को आई कार्ड देखने के बाद ही एंट्री दें।’ जब उनसे पूछा गया कि उनके विभाग अथवा सरकार ने इस बारे में विधिवत कोई आदेश जारी किया है या आदेश जारी होने वाला है, तो संस्कृति मंत्री ने दो टूक कहा, ‘सभी आयोजकों को यह सलाह भी है और चेतावनी भी।’

ऊषा ठाकुर ने किसी संगठन का नाम लिये आगे जोड़ा, ‘आयोजक और सभी संगठन बहुत जागरूक हो चुके हैं, फिर भी पहचान छिपाकर किसी को भी गरबा पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाये, क्योंकि गरबा पंडाल लव जिहाद का एक बड़ा माध्यम बन चुके थे।’

बता दें कि मध्य प्रदेश में भी नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित राज्य के ज्यादातर जिला मुख्यालयों एवं कस्बों में गरबा के बड़े पंडाल सजते हैं। नौ दिन गरबा का धूम होती है। मिल-जुलकल गरबा खेला जाता है। 

मध्य प्रदेश में बीते सालों में कथित तौर पर पहचान छिपाकर मुस्लिम धर्म के युवकों के गरबा पंडालों में पहुंचने की ख़बरें सामने आने पर खूब बवाल हुआ है। मारपीट की घटनाएं हुई हैं। कई अन्य विवाद भी हुए। ऐसा माना जा रहा है पिछले सालों की घटनाओं को देखते हुए ही राज्य की धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर इस बार अभी से ही कुछ ज्यादा ‘सख्त एक्शन’ में दिखलाई पड़ रही हैं।

शहर काजी ने किया विरोध, बोले यह ठीक नहीं

मंत्री ऊषा ठाकुर के बयान पर भोपाल शहर काजी सैयद अनस अली ने आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘फेस्टिवल भाई-चारा बढ़ाने और गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूती प्रदान करते हैं। आप गरबे में आईकार्ड देखें और हम ईद पर बुलाने पर आधार कार्ड मांगें, यह सब ठीक नहीं! इससे दूरियाँ बढ़ेंगी।’

शहर काज़ी ने कहा, ‘आपराधिक प्रवृत्ति को रोकने के लिये उठाये जाने वाले क़दमों के वक्त आईकार्ड देखा जाना या मांगना उचित है, लेकिन त्योहारों में इस तरह की पड़ताल किसी भी सूरत में समाजहित में नहीं होगी।’

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी संस्कृति मंत्री के बयान को अनुतिच करार दिया है। कांग्रेस ने कहा है, ‘सरकार के पास पूरा तंत्र है। वह बिना आईकार्ड देखे भी गलत लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। गरबा पंडालों में आईकार्ड देखा जाना दूरिया बढ़ायेगा। वैमनस्यता फैलायेगा।’

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