घरेलू गैस 15 रुपये महंगी, दिल्ली में अब 899 रुपये का एक सिलेंडर
रसोई गैस सिलेंडर के दाम आज 15 रुपये बढ़ाए गए हैं। इसके साथ ही दिल्ली में अब 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की क़ीमत 899.50 रुपये हो गई है। इससे पहले पिछले महीने दाम 25 रुपये बढ़ाए गए थे और तब इसकी क़ीमत 884 रुपये थी। उससे भी पहले अगस्त महीने में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। यानी इन डेढ़ महीने में ही 65 रुपये की बढ़ोतरी की जा चुकी है। दिल्ली में इस साल ही अब तक सिलेंडर पर 205 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। पूरे देश में इसी अनुपात में क़ीमतें बढ़ी हैं। हालाँकि दूसरे टैक्स व ख़र्चों की वजह से अलग-अलग राज्यों में सिलेंडर के दाम में अंतर रहता है।
इस बढ़ोतरी पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा है, 'पीएम नरेंद्र मोदी का 'ना खाने दूंगा' जुमला भारत के मध्यम वर्ग और ग़रीब लोगों के ख़िलाफ़ एक अभियान था, उन्हें खाना न बनाने देना।'
Domestic LPG prices have again been hiked today by ₹15. On Nov 30th last year, a cylinder costed ₹594 and today it costs a whopping ₹899.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 6, 2021
PM @narendramodi's 'Na khane dunga' jumla was a campaign against the middle-class & poor people of India, to not let them cook.
पिछले महीने जब दिल्ली में गैस की क़ीमतें 884.50 रुपये थी तब कोलकाता में 911 रुपये, मुंबई में 884.50 रुपये और चेन्नई में इसके दाम 900.50 रुपये प्रति सिलेंडर थे। क़रीब नौ महीने में 10 बार गैस के दाम बढ़े हैं। फ़रवरी महीने में तो तीन-तीन बार दाम बढ़ाए गए थे। गैस पहले से ही इतनी महंगी होने के बाद भी इसके दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
2014 के बाद दोगुने से ज़्यादा बढ़े दाम
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसके दाम दोगुने से भी ज़्यादा हो गए हैं। मार्च 2014 में जिस रसोई गैस के दाम दिल्ली में 410 रुपये थे वे अब क़रीब 900 रुपये हो गये हैं।
वैसे, गैस की क़ीमतों में बढ़ोतरी कोई मामूली नहीं है। पिछले सात साल में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस के सिलेंडर के दाम अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। इसी साल मार्च में तत्कालीन तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि 'घरेलू गैस का खुदरा बिक्री मूल्य 1 मार्च 2014 को 410.5 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर था। मार्च 2021 में एक सिलेंडर की क़ीमत 819 रुपये हो गयी।'
बता दें कि मई 2020 में एलपीजी सब्सिडी को समाप्त करने के बाद से 'सब्सिडी' वाले घरेलू सिलेंडर की यह उच्चतम क़ीमत है। मौजूदा समय में सब्सिडी नाम मात्र या नहीं के बराबर दी जा रही है और इस तरह बढ़ी हुई क़ीमतों का बोझ सीधे आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
वैसे, एक तरफ़ तो गैस के दाम बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ सरकार ज़्यादा से ज़्यादा एलपीजी कनेक्शन जारी करने पर जोर दे रही है। हाल ही प्रधानमंत्री मोदी ने ज़रूरतमंदों के लिए एलपीजी कनेक्शन तक पहुँच को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इस योजना के पहले चरण में ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए। योजना के दूसरे चरण में 1 करोड़ और कनेक्शन जोड़ने का लक्ष्य है। इससे देश में एलपीजी उपभोक्ताओं की कुल संख्या 30 करोड़ के करीब पहुँच जाने की संभावना है। हालाँकि, अब तक रिपोर्टें आती रही हैं कि पहले चरण में जिन उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए गए उनमें से अधिकतर ने सिलेंडरों में रिफिल नहीं कराया है। बढ़ती क़ीमतें भी इसकी एक वजह हो सकती हैं।
डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़े
इसके साथ ही, चार मेट्रो शहरों में आज लगातार दूसरे दिन डीजल-पेट्रोल की क़ीमतों में बढ़ोतरी की गई। दिल्ली में पेट्रोल की दरों में 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई और अब इसे 102.94 रुपये प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है। दिल्ली में डीजल के दाम 35 पैसे प्रति लीटर बढ़े और अब 91.42 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है।