मुंबई में मंदिर-मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटेंगे: मेयर
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा है कि मुंबई में सभी मंदिरों और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाएंगे। बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे सरकार को चेतावनी दी थी कि पूरे महाराष्ट्र से मस्जिदों के आगे से 3 मई तक लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं।
बीते दिनों बीजेपी सांसद नवनीत राणा व उनके विधायक पति रवि राणा के द्वारा मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़े जाने को लेकर महाराष्ट्र में काफी विवाद हो चुका है।
मुंबई की मेयर ने सोमवार को कहा कि मुसलमानों या किसी ने भी हनुमान चालीसा का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए एक है और वह सभी से शांति बनाए रखने की अपील करती हैं।
मेयर ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जो नियम बनाए गए हैं, लाउडस्पीकरों को उसी के अनुसार इस्तेमाल किया जाना चाहिए और अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो इन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
मेयर ने कहा कि अगर राज ठाकरे ने अपने भाषण में कुछ भी आपत्तिजनक कहा होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज ठाकरे की वजह से ही मंदिरों से लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं। उन्होंने मनसे के कार्यकर्ताओं को चेताया कि उन्हें कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए वरना उनका सारा जीवन अदालतों के धक्के खाते हुए गुजरेगा।
राज ठाकरे ने फिर चेताया
बता दें कि रविवार को राज ठाकरे ने औरंगाबाद में एक बड़ी रैली की और एक बार फिर से ठाकरे सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए चेताया। उन्होंने कहा कि अगर 4 मई तक लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो मनसे के कार्यकर्ता दोगुनी आवाज में मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वह त्योहारों में खलल नहीं डालना चाहते, 3 मई को ईद है लेकिन 4 मई के बाद वह किसी की नहीं सुनेंगे और अगर 4 मई तक लाउडस्पीकर नहीं हटे तो वह अपनी ताकत दिखाएंगे।
केंद्र जारी करे नोटिफिकेशन: ठाकरे
इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ध्वनि प्रदूषण और लाउडस्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह सभी धर्मों पर लागू होना चाहिए ना कि सिर्फ अजान पर।
उन्होंने कहा कि जिस तरह नोटबंदी और लॉकडाउन पूरे देश में लगा उसी तरह केंद्र सरकार को लाउडस्पीकर के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए और सभी धर्मों के लोग अदालत के आदेश का पालन करेंगे।