मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह लगातार मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। एक के बाद एक उगाही के मामले परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ दर्ज किए जा रहे हैं। अब ठाणे पुलिस ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ ठाणे में ही दर्ज किए गए वसूली के एक मामले में लुकआउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ठाणे पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से परमबीर सिंह से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है इस वजह से इस प्रक्रिया को शुरू किया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस लुकआउट नोटिस को देश के सभी एयरपोर्ट के लिए भी भेजा जाएगा।
यह मामला उससे जुड़ा है जिसमें परमबीर सिंह और दूसरे पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ ठाणे में एक बिल्डर ने वसूली का मामला दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में बिल्डर ने कहा था कि जब परमबीर सिंह ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे तो उन्होंने अपने दूसरे पुलिस के साथियों के साथ मिलकर उनसे जबरन वसूली की थी। पुलिस के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया है कि अब उसी जबरन वसूली के मामले में शिकायतकर्ता ने ठाणे पुलिस को एक आवेदन देकर मांग की है कि आरोपी परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण क़ानून यानी मकोका लगाया जाए।
सूत्रों का कहना है कि पीड़ित केतन तन्ना ने ठाणे पुलिस कमिश्नर को एक पत्र देकर कहा है कि आरोपियों ने उसे गैंगस्टर रवि पुजारी से धमकी दिलवाई थी। इसलिए इस केस में आरोपी पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, गैंगस्टर रवि पुजारी और ठाणे एन्टी एक्सटॉर्शन सेल के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा के ख़िलाफ़ दर्ज मौजूदा मामले में मकोका लगाने की मांग की गई है।
पुलिस का कहना है कि परमबीर सिंह और दूसरे आरोपियों के ख़िलाफ़ अगर हफ्ता वसूली के पुख़्ता सबूत मिल जाते हैं तो उनके ख़िलाफ़ मकोका लगाने पर विचार किया जा सकता है।
ठाणे पुलिस ने हाल ही में एक बिजनेसमैन केतन तन्ना की शिकायत के आधार पर पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और 27 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ जबरन वसूली और दूसरी गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने इस केस में मुंबई पुलिस के दो डीसीपी और एक पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को भी आरोपी बनाया था।
बिजनेसमैन केतन तन्ना ने आरोप लगाया था कि जब परमबीर सिंह जनवरी 2018 से फ़रवरी 2019 के बीच ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे, तब उससे एक करोड़ 25 लाख रुपये की वसूली की गई थी। तन्ना ने अपने आरोप में कहा था कि उसे प्रदीप शर्मा ने परमबीर सिंह के आदेश पर ठाणे के एंटी एक्सटॉर्शन सेल में बुलाया था और उसे झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दी थी। इसके बाद वह डर गया था और वसूली की रक़म एक करोड़ 25 लाख रुपये आरोपियों को दिए थे।
परमबीर सिंह और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ ठाणे में दर्ज किया गया ये दूसरा मामला है। इससे पहले पिछले महीने भी परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में एक बिल्डर के रिश्तेदार शरद अग्रवाल से कथित तौर पर पैसे वसूलने और फिरौती के लिए उसका अपहरण करने का मामला दर्ज किया गया था। अपनी शिकायत में अग्रवाल ने कहा था कि उसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के दाहिने हाथ छोटा शकील से फोन करा कर धमकी भी दी गई थी।
तीन महीने पहले सचिन वाज़े केस के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उसके बाद परमबीर ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी जिसके बाद अनिल देशमुख को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ गई थी।