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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की पत्नी, बेटे के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की पत्नी, बेटे के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर

पुणे क्राइम ब्रांच ने कहा है कि करोड़ों रुपये कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से नीलम राणे और नितेश राणे के ख़िलाफ़ तीन सितंबर को अदालत के आदेश के बाद लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। 

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की पत्नी नीलम राणे और बेटे नितेश राणे के ख़िलाफ़ पुणे पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से कुछ साल पहले लिए गए कर्ज की अदायगी न करने पर अदालत के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि केंद्र सरकार से इजाज़त मिलने के बाद ही पुणे की अदालत ने नीलम राणे और नितेश राणे के ख़िलाफ़ यह सर्कुलर जारी किया है।

मुंबई की आर्टलाइन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड यानी डीएचएफएल से 25 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। जिस समय कंपनी ने कर्ज लिया था उस समय केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की पत्नी नीलम राणे आर्टलाइन प्रॉपर्टीज कंपनी की सह-आवेदक थी। डीएचएफएल का कहना था कि आर्टलाइन ने 25 करोड़ रुपये का कर्ज तो ले लिया लेकिन उसको चुकाया नहीं। बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी राणे परिवार ने डीएचएफएल से लिये कर्ज को नहीं चुकाया।

पुणे क्राइम ब्रांच के डीसीपी श्रीनिवास घाडगे ने बताया कि नीलम राणे और नितेश राणे के ख़िलाफ़ तीन सितंबर को अदालत के आदेश के बाद लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। घाडगे का कहना है कि नीलम राणे के स्वामित्व वाली कंपनी आर्टलाइन प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने डीएचएफएल से कर्ज ली गयी रक़म का कुछ भी हिस्सा नहीं लौटाया। घाडगे ने बताया कि अब नीलम राणे के स्वामित्व वाली कंपनी पर 27.13 करोड़ रुपये का बकाया है। घाडगे का कहना है कि इसी तरह नितेश राणे के नीलम होटल्स ने भी डीएचएफएल से कर्ज लिया था। नितेश पर भी उस कंपनी का 34 करोड़ रुपये का बकाया है।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी श्रीनिवास घाडगे का कहना है कि डीएचएफएल कंपनी की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने नीलम राणे और नितेश राणे के ख़िलाफ़ वह सर्कुलर जारी किया है। दरअसल, लुकआउट सर्कुलर एक ऐसा नोटिस होता है जो किसी व्यक्ति के देश से बाहर जाने पर रोक लगाता है और उसे देश के तमाम हवाई अड्डों पर भेजा जाता है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र गृह विभाग को इस संबंध में केंद्र सरकार से पत्र मिला था। पाटिल ने कहा कि दोनों ही कर्जों को डीएचएफएल ने ग़ैर भुगतान के चलते एनपीए की श्रेणी में डाल दिया था।

उन्होंने कहा कि डीएचएफएल ने इसके बाद केंद्र सरकार से संपर्क किया था और केंद्र ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किये थे कि आरोपियों के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किये जाएँ। इसके बाद पुणे पुलिस ने उसी आधार पर कार्रवाई की।

इस सर्कुलर जारी होने के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बीजेपी नेता रमेश सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक बदले की भावना से ही कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि पहले भी महाराष्ट्र सरकार ने नारायण राणे को अवैध तरीक़े से गिरफ्तार किया था। यह राज्य सरकार की छोटी मानसिकता को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे पिछले महीने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कहकर विवादों में आये थे। इसके बाद मुंबई, पुणे, नासिक समेत 4 शहरों में राणे के ख़िलाफ़ केस भी दर्ज किए गए थे और रायगड़ पुलिस ने राणे को गिरफ़्तार भी किया था। राणे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के कई शहरों में बीजेपी और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई थी। उस मामले में राणे अभी भी ज़मानत पर हैं। इस बीच राणे की पत्नी और बेटे के ख़िलाफ़ जारी हुए इस लुकआउट सर्कुलर ने राणे परिवार की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं।

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