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सोशल मीडिया: यूपी में बीजेपी का क़िला बचेगा या दरकेगा? 

सोशल मीडिया: यूपी में बीजेपी का क़िला बचेगा या दरकेगा? 

उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में चुनाव के बाद अब क्या स्थिति है? क्या बीजेपी पिछले चुनाव की तरह प्रदर्शन करती हुई दिख रही है? पढ़िए, यूपी की 3000 किमी की यात्रा करने वाले एक फ़ेसबुक यूज़र विश्व दीपक की ज़ुबानी यूपी के चुनावी हालात।

  • विश्व दीपक की टिप्पणी

उत्तर प्रदेश बीजेपी का सबसे मजबूत किला माना जा रहा था। कुछ समय पहले तक मैं भी यही मानता था। लेकिन पांच-सात दिन फील्ड में बिताने के बाद लगा कि किले के अंदर-बाहर दरारें पड़ चुकी हैं। अगर दरारें फैल गईं और बाहर से सटीक हमला हुआ तो यूपी का किला दरक भी सकता है। किले के अंत:वासी भी अपनी मुक्ति का इंतज़ार कर रहे हैं।

3000 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा। आगरा-इटावा-हमीरपुर-रायबरेली-अमेठी-लखनऊ-अयोध्या में सैकड़ों लोगों से बातचीत-मुलाकात का निचोड़ यह रहा : 

1. लोगों को लग रहा कि  ‘अति’ हो गई। ‘अति’ के प्रति असंतोष दो तरह से व्यक्त हुआ– 

  • हिंदुत्व के प्रति अस्पष्ट चिढ़। राम में सबकी आस्था है। राम मंदिर से लोग खुश भी हैं। इसका क्रेडिट भी मोदी को मिल रहा लेकिन राम के नाम पर राजनीति अब उबाऊ लगने लगी है। 
  • केजरीवाल, हेमंत सोरेन को जिस तरह से जेल में डाला गया उसको लोग ठीक नहीं मान रहे हैं। जिस तरह से इंदौर, सूरत में लोकतंत्र का चीरहरण किया गया उससे उससे खुद संघ/बीजेपी के नेता/समर्थक नाखुश दिखे।

2. लोगों को लग रहा है कि अगर तीसरी बार भी मोदी (बीजेपी नहीं) सरकार आ गई तो संविधान बदल देंगे। आरक्षण खत्म कर देंगे। इंडिया गठबंधन का यह संदेश ज़मीन तक पहुंचा है।

3. हिंदू-मुसलमान का मुद्दा गायब है। ध्रुवीकरण का कार्ड नहीं चल रहा। लव ज़िहाद जैसे मुद्दों का जिक्र तक नहीं हुआ कहीं। आपने सुना है क्या?

4. भ्रष्टाचार बढ़ा है। बुंदेलखंड में संघ के एक पुराने नेता से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में लकड़ी माफिया ने जंगल साफ कर दिया है। पैसा ऊपर से लेकर नीचे तक बंटता है।

5. इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले के बारे में लोगों को जानकारी नहीं। लेकिन लोग मानते हैं कि बीजेपी ने भ्रष्टाचारियों को टिकट देकर, पार्टी में शामिल करके ठीक नहीं किया। इस वजह से बीजेपी के अंदर असंतोष है।

6. अग्निवीर योजना मुद्दा है। हालांकि यह वोट में कितना तब्दील होगा-कहा नहीं जा सकता। युवकों में हताशा और नराज़गी साफ दिखाई पड़ी। लड़कों की शादियां नहीं हो पा रही। मुख्य वजह बेरोज़गारी।

7. उत्तर प्रदेश में मोदी के मुकाबले योगी की छवि ज्यादा अच्छी है। लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर लोग उनकी तारीफ करते हैं। बीजेपी से राजपूतों का गुस्सा जेनुइन है। बीजेपी के खिलाफ वोट में बदलेगा, कह नहीं सकता।

8. राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ी है। समाजवादी पार्टी गैर यादव जातियों के बीच विस्तार की कोशिश कर रही है। यादवों का एक धड़ा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट करेगा।

9. बहुजन समाज पार्टी कहीं पर बीजेपी को, कहीं पर इंडिया गठबंधन को नुकसान पहुंचाएगी।

10. यूपी में एक धारणा यह भी बन रही है कि गुजराती बनिये उनका हक मार रहे। राज्य उनका, संसाधन उनका लेकिन मुनाफा गुजरातियों को मिल रहा।

निष्कर्षत: माहौल विपक्ष के मुफीद है लेकिन उनकी तैयारी उतनी दुरुस्त नहीं जितनी होनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी राम के नाम पर, राशन देकर जो हासिल करना था, कर चुकी है।

(विश्व दीपक के फ़ेसबुक पेज से साभार)

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