अमरोहा में मोदी ने आज चुनावी रैली में क्रिकेटर मोहम्मद शमी के नाम को ऐसे भुनाया
चुनाव के दौरान किसी भी बात को, किसी भी घटना को भुनाने से भाजपा और पीएम मोदी कभी नहीं चूकते। हालांकि कांग्रेस और सपा का हमेशा से यह आरोप है कि मोदी और भाजपा का रवैया मुस्लिम विरोधी रहता है। लेकिन मौका पड़ने पर ये लोग मुस्लिम नाम, प्रतीक, त्यौहार आदि को भुनाने से भी नहीं चूकते। यही कुछ शुक्रवार को पश्चिमी यूपी के प्रमुख शहर अमरोहा में देखने को मिला। मोदी ने एक तो क्रिकेटर मोहम्मद शमी का नाम भुनाया और दूसरी बात यह कही कि अमरोहा की गारमेंट इंडस्ट्री (कपड़ा उद्योग) का भारत सरकार की टेक्सटाइल्स नीति से बहुत फायदा होने वाला है। हालांकि अमरोहा में गारमेंट इंडस्ट्री नहीं के बराबर है। गजरौला में कुछ कारखाने हैं लेकिन उसका अमरोहा से कोई लेना-देना नहीं है।
क्रिकेटर शमी का नाम ऐसे भुनाया
शुक्रवार को अमरोहा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "...क्रिकेट विश्व कप में मोहम्मद शमी (जो कि अमरोहा के रहने वाले हैं) द्वारा किए गए अद्भुत कारनामे को पूरी दुनिया ने देखा है। केंद्र सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया है। खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मोहम्मद शमी और सीएम योगी की सरकार दो कदम आगे बढ़कर यहां युवाओं के लिए स्टेडियम भी बना रही है. 2024 का लोकसभा चुनाव देश के भविष्य का चुनाव है। इस चुनाव में आपके वोट भारत का भाग्य सुनिश्चित करेंगे...।"
क्रिकेटर मोहम्मद शमी को सरकार ने उनके शानदार प्रदर्शन के लिए हाल ही में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा है। शमी अपनी मेहनत और प्रदर्शन के दम पर भारतीय क्रिकेट में जगह बना सके। बीच-बीच में उन पर क्या बीती, कैसे वो टीम से बाहर भी किए गए, वो एक अलग कहानी है। लेकिन मोदी ने अमरोहा में ऐसे प्रदर्शित किया जैसे अर्जुन पुरस्कार देकर उनकी सरकार ने एहसान किया है। शमी वर्षों से भारतीय क्रिकेट के लिए योगदान दे रहे हैं लेकिन यूपी सरकार ने अभी हाल ही में नोएडा में स्टेडियम बनाने की घोषणा की है। देखना है कि चुनाव के बाद इस घोषणा पर कितना अमल होता है। यही घोषणा पांच साल पहले भी तो की जा सकती थी। यहां पर याद दिलाना होगा कि पिछले वर्ल्ड कप के समय पीएम मोदी खिलाड़ियों के ग्रीन रूम तक में चले गए थे और वहां भारतीय क्रिकेट टीम का मनोबल बढ़ाते हुए नजर आए थे। उसका वीडियो और फोटो बाकायदा लीक किया गया। उसी एक वीडियो में वो मोहम्मद शमी के साथ जिस तरह बात कर रहे थे, वो काफी चर्चा में रहा। हालांकि खिलाड़ियों के ग्रीन रूम में किसी वीआईपी के जाने पर रोक है। लेकिन मोदी चूंकि प्रधानमंत्री हैं इसलिए उन पर कोई रोक लागू नहीं होती। हालांकि भारत पिछला क्रिकेट विश्व कप हार गया और उसे लेकर मोदी को टारगेट करते हुए कई मजाक और मीम सोशल मीडिया पर नजर आए।
अमरोहा में जिस तरह शुक्रवार को भाजपा ने मोहम्मद शमी के नाम को भुनाया। वहीं यह बताना जरूरी है कि हाल की कुछ चुनावी रैलियों में मुस्लिमों के खानपान को टारगेट किया गया। लालू यादव और राहुल गांधी मांस पकाते हुए कई महीने पहले देखे गए। लेकिन मोदी ने अपनी सहारनपुर, पीलीभीत की रैलियों में उसे नवरात्र से जोड़ा और आलोचना की। मांस खाने पर यह हमला लालू और राहुल पर नहीं था, बल्कि मुस्लिमों पर था। इसी तरह मोदी ने बंगाल में मछली खाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं से जोड़ा। यह बात उन्होंने रामनवमी से ठीक पहले कही। लेकिन बंगाल में सभी समुदाय के लोग मछली चाव से खाते हैं। यहां तक कि बंगाली ब्राह्मण भी मछली खाते हैं। लेकिन बंगाल में भी टारगेट पर बंगाली मुसलमान रहे, जिन्हें भाजपा ने विदेशी घोषित कर रखा है। इस तरह मांस-मछली के नाम पर भाजपा मुसलमानों को टारगेट करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है।
अमरोहा में ही रैली क्यों
भाजपा की ओर से अमरोहा कोई महत्वपूर्ण सीट नहीं है। लेकिन कांग्रेस की ओर से यह बहुत महत्वपूर्ण सीट है। भाजपा ने यहां से कवंर सिंह तंवर को खड़ा किया है। कांग्रेस ने यहां से सांसद दानिश अली को खड़ा किया है। दानिश अली बसपा से कांग्रेस में आए थे। अब आप सोचिए कि पीएम मोदी की रैली यहां क्यों रखी गई। इसके लिए पहले चरण में यानी शुक्रवार को हो रहे है 8 लोकसभा सीटों के मतदान और संसद में दानिश अली के रुख को देखते हुए यहां मोदी की रैली रखी गई। पश्चिमी यूपी की जिन 8 लोकसभा सीटों (कैराना, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, पीलीभीत, बिजनौर, नगीना) पर शुक्रवार को मतदान हो रहा है, वो ज्यादातर मुस्लिम बहुल सीटें हैं या वहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं। अमरोहा भी मुस्लिम बहुल सीट है लेकिन यहां मतदान 26 अप्रैल को है। इसलिए बहुत सोच समझकर यहां 19 अप्रैल को मोदी की रैली रखी गई, ताकि मतदाताओं को नजदीक से संदेश दिया जा सके। बाकी यह ऊपर बताया ही जा चुका है कि मोदी ने क्रिकेटर मोहम्मद शमी के नाम को कैश कर लिया है।
मोदी की अमरोहा में रैली करने की एक वजह दानिश अली भी हैं। संसद में दानिश अली ने भारत के चंद्रयान की सफलता पर देश के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए भाषण दिया था। अपने भाषण में दानिश अली ने मनमोहन सिंह सरकार के समय विज्ञान की उपलब्धियों का जिक्र किया और भाजपा के फर्जी राष्ट्रवाद पर हमला किया था। उस पर संसद के अंदर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली और बाकी मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक शब्द बोले। इसकी देश ने निन्दा की। लेकिन दानिश अली काफी निराश हो गए थे। बाद में राहुल ने उनके घर जाकर उन्हें हौसला दिया। राहुल की वजह से दानिश अली कांग्रेस में आ गए। भाजपा ने रमेश बिधूड़ी का टिकट काट दिया और इस बार दक्षिण दिल्ली सीट से रामवीर सिंह बिधूड़ी को टिकट दिया है। लेकिन मोदी ने शुक्रवार को बहुत होशियारी से दानिश अली पर हमला किया। मोदी ने दानिश अली के लिए कहा कि उन्हें संसद में भारत माता की जय बोलने से परहेज है। जबकि संसद में ऐसा कोई मामला था ही नहीं। दानिश अली ने कभी भी भारत माता की जय बोलने का विरोध नहीं किया। क्रिकेट की भाषा में कहें तो लेकिन मोदी तो मोदी ठहरे। कहां कहां बॉलिंग को टर्न देना है, कोई उनसे सीख सकता है।
चुनाव आयोग चाहे तो ऐसी रैलियों पर रोक लगा सकता है कि जहां जिस दिन वोटिंग होगी, बगल के जिले में किसी भी दल के राष्ट्रीय नेता की रैली नहीं होगी। लेकिन जैसा कि कांग्रेस का चुनाव आयोग का भाजपा को लेकर विशेष प्रेम का आरोप है, उसे देखते हुए आयोग ऐसी रैलियों पर क्यों प्रतिबंध लगाएगा।
मोदी और क्या बोले
अमरोहा में रैली को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "हमारे देश में पहले की सरकारें सामाजिक न्याय के नाम पर एससी/एसटी और ओबीसी को धोखा देती रहीं। जो सपना ज्योतिबा फुले ने देखा था, जो सपना बाबा साहेब अंबेडकर ने देखा था। जो सपना चौधरी चरण सिंह ने देखा था, अब मोदी उस सामाजिक न्याय के सपने को पूरा कर रहे हैं...।"
राहुल-अखिलेश पर हमला
मोदी ने कहा- ''यूपी में एक बार फिर दो राजकुमारों वाली फिल्म की शूटिंग चल रही है जो पहले ही रिजेक्ट हो चुकी है। हर बार ये लोग यूपी की जनता से वोट मांगने निकलते हैं। ये लोग अपने प्रचार में भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की टोकरी लेकर हमारी आस्था पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी को 'भारत माता की जय' बोलने में भी दिक्कत होती है और कांग्रेस दलों ने प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। ये लोग हर दिन राम मंदिर और सनातन आस्था को गाली दे रहे हैं, आज रामनवमी पर भगवान रामलला का भव्य सूर्य तिलक किया गया है भगवान राम, समाजवादी पार्टी के लोग सरेआम भगवान राम के भक्तों को पाखंडी कहते हैं...।" बता दें कि यूपी में राहुल और अखिलेश की पार्टियां गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही हैं।
मोदी ने कहा- ''अमरोहा के गन्ना किसान कभी नहीं भूल सकते कि पहले भुगतान के लिए उन्हें कितना परेशान किया जाता था। लेकिन आज गन्ने की रिकॉर्ड खरीद के साथ-साथ रिकॉर्ड भुगतान भी किया जा रहा है। जब प्रदेश में सपा की सरकार थी, तब अमरोहा के गन्ना किसानों को औसतन 500 करोड़ रुपये ही भुगतान होता था, जबकि सीएम योगी की सरकार में हर साल गन्ना किसानों को करीब 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।'
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "बीजेपी गांव और गरीबों के लिए एक बड़ी दृष्टि और बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। लेकिन विपक्ष के लोगों की पूरी ऊर्जा हमारी आलोचना में खर्च होती है। इस मानसिकता से सबसे ज्यादा नुकसान गांव और ग्रामीण इलाकों को हुआ है इससे अधिक से अधिक रोजगार पैदा होंगे...।"