दशकों पुरानी अदावत भुला कर मैनपुरी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के लिए रैली करेंगी तो अरसे बाद मुज़फ़्फ़रनगर में अखिलेश यादव राष्ट्रीय लोकदल मुखिया अजित सिंह के लिए वोट माँगेंगे। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में हर चरण में कम से कम एक रैली में अखिलेश, माया, अजित सिंह एक साथ होंगे। उत्तर प्रदेश में बीजेपी से मुकाबले के लिए बना सपा-बसपा-रालोद गठबंधन 7 अप्रैल को देवबंद में रैली कर अपने प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत करेगा।
एक-दूसरे के इलाक़े में करेंगे प्रचार
उत्तर प्रदेश में प्रभावी तरीक़े से प्रचार करने और मतदाताओं को संदेश देने के बिहार विधानसभा चुनावों की तर्ज़ पर प्रचार होगा। जिस तरह बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद की सीटों पर नीतीश की और जदयू की सीटों पर लालू की रैली रखी गयी थी, उसी तरह का प्रयोग उत्तर प्रदेश में भी होगा। बसपा सुप्रीमो मायावती जहाँ सपा प्रत्याशियों के लिए वोट माँगेंगी वहीं अखिलेश माया के प्रत्याशियों के लिए मतदाताओं से अपील करने जाएँगे।
गठबंधन नेताओं का कहना है कि बीजेपी के फैलाए गए इस दुष्प्रचार कि सपा-बसपा का वोट ट्रांसफ़र नहीं होगा, इसकी काट के लिए एक-दूसरे की सीटों में रैलियाँ होंगी।
क्या गेस्टहाउस कांड भूल गये
दशकों बाद यह भी देखने को मिलेगा कि मायावती मंच से मुलायम सिंह यादव के लिए वोट माँगेंगी। दरअसल, 1993 में यूपी विधानसभा चुनावों के लिए सपा-बसपा ने गठबंधन किया था और सत्ता हथियाई थी। बाद में गेस्टहाउस कांड के चलते तल्ख़ी इस कदर बढ़ी कि दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे। बीते साल फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोकसभा उप-चुनाव में 25 साल बाद दोनों दल फिर साथ आ गए।
- मतदाताओं में कोई संशय न रहे इसलिए बुधवार शाम को मायावती से मुलाकात के दौरान अखिलेश ने मैनपुरी में रैली का प्रस्ताव रखा जिसे स्वीकार कर लिया गया। फ़िरोज़ाबाद में रामगोपाल के बेटे अक्षय के लिए मायावती रैली करेंगी। वहीं अखिलेश बसपा के गढ़ आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़ में रैली करेंगे।
हर चरण की एक रैली में होंगे तीनों दिग्गज
गठबंधन के प्रचार की जो रणनीति तैयार की गयी है उसके तहत यूपी में सात चरणों में होने वाले चुनावों में प्रत्येक में एक बड़ी रैली में तीनों दलों के नेता एक मंच पर होंगे। इसकी शुरुआत सहारनपुर के देवबंद से 7 अप्रैल से होगी। माया और अखिलेश उत्तर प्रदेश के सभी 16 मंडलों में कम से कम एक साझा रैली करेंगे। महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर दोनों की साझा रैली अलग से होगी। पश्चिम में हो रहे पहले चरण में आठ सीटों में चार पर बसपा और सपा व रालोद दो-दो सीटों पर लड़ रहे हैं।
रालोद के लिए छोड़ी गयी तीनों सीटों पर अखिलेश व माया साझा रैली करेंगे। अजित सिंह व जयंत चौधरी को खेती-किसानी के लिए महत्वपूर्ण इलाक़ों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी प्रचार के लिए उतारा जाएगा।
स्टार प्रचारक भी मिल कर तय किए
लोकसभा चुनावों के लिए सपा-बसपा और रालोद ने स्टार प्रचारक तय करते हुए भी एक-दूसरे की राय ली है। रालोद में जहाँ अजित सिंह व जयंत चौधरी ही प्रमुख प्रचारक हैं वहीं बसपा में मायावती के अलावा, सतीशचंद्र मिश्रा, रामअचल राजभर, के.के. गौतम, मुनकाद अली, सुनी चित्तौड़, नकुल दुबे, लालजी वर्मा जैसे स्टार प्रचारक होंगे। सपा के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, मुलायम सिंह यादव, रामगोपाल यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप सहित आधा दर्ज़न स्टार प्रचारक होंगे। गठबंधन सूत्रों के मुताबिक़ फ़िल्मी कलाकारों, बाहरी नेताओं के मुकाबले जातियों में पकड़ रखने वाले प्रदेश के नेताओं से प्रचार कराने पर ख़ास ज़ोर रहेगा।