कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को चुनाव में मात देने की ठान ली है। इसलिए मतदान शुरू होने से पहले ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचने के लिए वे दोनों हर मुमकिन रास्ता अपना रहे हैं। केरल के वायनाड से राहुल गाँधी के पर्चा भरने के बाद हुए रोड शो के जरिए अपनी ताक़त दिखाकर बीजेपी की नींद उड़ाने के बाद अब प्रियंका ने देश भर के हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फ़ोन पर बात करके उनका हौसला बढ़ाने की ठानी है।
प्रियंका गाँधी के क़रीबी सूत्रों के मुताबिक़, पहले भी वह अमेठी और रायबरेली के कुछ कार्यकर्ताओं से सीधे फ़ोन पर बात करती रहींं हैं। लेकिन अब वह संगठित तरीके़ से देशभर के कुछ हज़ार कार्यकर्ताओं से फ़ोन पर बात करके उन्हें ज़रूरी हिदायतें देंगी और चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए भरसक कोशिश करने की नसीहत भी देंगी।
सूत्रों के मुताबिक़, प्रियंका देश भर में क़रीब 5 से 10 हज़ार कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क करेंगी। बाद में लाखों कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को उनका रिकॉर्डेड मैसेज भेजा जाएगा।
रिकॉर्डेड मैसेज में प्रियंका गाँधी की तरफ़ से कांग्रेस को वोट देकर देश के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा करने की अपील की जाएगी।
डाटा एनालिसिस विभाग को सौंपी ज़िम्मेदारी
प्रियंका गाँधी के इस मिशन को कामयाब बनाने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस के डाटा एनालिसिस विभाग को सौंपी गई है। इसके लिए विभाग ने हज़ारों कार्यकर्ताओं को व्हाट्सएप संदेश भेजकर जानकारी दे दी है कि जल्द ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी उनसे फ़ोन पर बात करेंगी, लिहाज़ा वह फ़ोन उठाकर उनसे बात ज़रूर करें।
डाटा एनालिसिस विभाग ने 'शक्ति एप' पर रजिस्टर्ड वेरिफ़ाइड कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी के कामकाज में उनकी सक्रियता के आधार पर प्रियंका गाँधी से बात करने के लिए छाँटा है।
विभाग की तरफ़ से संदेश मिलने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता बेसब्री से प्रियंका गाँधी के फ़ोन का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे ही एक कार्यकर्ता ने ‘सत्य हिंदी’ को वह मैसेज फ़ॉरवर्ड किया है, जिसमें प्रियंका गाँधी के फ़ोन करने की जानकारी दी गई है। मैसेज इस तरह है -
प्रिय 'कार्यकर्ता का नाम' जी,
आप कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यकर्ता हैं, शीघ्र ही आपको प्रियंका गाँधी जी की फ़ोन कॉल प्राप्त होगी। कृपया कॉल का उत्तर ज़रूर दें।
प्रवीण चक्रवर्ती
अध्यक्ष, शक्ति, AICC
डाटा एनालिसिस विभाग के चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी तरफ़ से देश भर के चुनिंदा कार्यकर्ताओं को प्रियंका गाँधी के फ़ोन करने और बात करने की जानकारी दी गई है। प्रवीण चक्रवर्ती ने इस बात की भी पुष्टि की है कि प्रियंका गाँधी सिर्फ़ पूर्वी उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं से ही नहीं बल्कि देश भर के कार्यकर्ताओं से बात करेंगी। लेकिन उन्होंने यह जानकारी देने से साफ़ इनकार कर दिया कि प्रियंका गाँधी कितने कार्यकर्ताओं से बात करेंगी और क्या बात करेंगी। हाँ, उन्होंने यह संकेत ज़रूर दिया कि ऐसे कार्यकर्ताओं की तादाद 5 से 10 हज़ार के बीच हो सकती है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी अगर फ़ोन पर कार्यकर्ताओं से सीधे बात करती हैं और उन्हें चुनाव से जुड़ी हिदायतें देती हैं तो यह अपने आप में एक अनोखा कदम होगा।
वाजपेयी ने की थी शुरुआत
अभी तक तमाम बड़े नेता अपने कार्यकर्ताओं को एक तरफ़ा रिकॉर्डेड संदेश भेजते रहे हैं। इसकी शुरुआत 2004 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। तब उनकी आवाज में रिकॉर्ड किया गया क़रीब एक मिनट का मैसेज देशभर के लाखों लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं को भेजा गया था। उस दौरान जब लोग मोबाइल फ़ोन पर सुनते थे, ‘नमस्कार, मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूं’ तो लोगों को लगता था कि शायद सच में प्रधानमंत्री उनसे बात कर रहे हैं। बातचीत पूरी होने के बाद इसका एहसास होता था कि वह महज़ एक रिकॉर्डेड मैसेज था।
लखनऊ दौरे में भी भेजा था संदेश
ग़ौरतलब है कि पार्टी में महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाए जाने के बाद जब प्रियंका गाँधी पहली बार लखनऊ गई थींं तब एक दिन पहले उनकी आवाज़ में क़रीब 30 से 35 लाख लोगों को उनका रिकॉर्डेड मैसेज भेजा गया था। उसमें उन्होंने बड़ी शालीनता और सहज भाव से कार्यकर्ताओं से अपने लखनऊ आने की जानकारी दी थी और उनसे अपील की थी कि वे कांग्रेस के साथ जुड़कर नई राजनीति की शुरुआत करें। प्रियंका ने कहा था कि इस राजनीति में महिलाओं के साथ समाज के कमजोर और निचले तबके़ के लोगों की भी बराबर की भागीदारी होगी। ऐसा ही संदेश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की आवाज़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को भेजा गया था।
प्रियंका गाँधी का रिकॉर्डेड संदेश काफ़ी असरदार साबित हुआ था। जिन लोगों को भी प्रियंका गाँधी का यह संदेश मिला था, वे उसे दूसरों के साथ साझा करते हुए देखे गए थे। इसके बारे में काफ़ी चर्चा भी हुई थी। शायद इसी की कामयाबी को देखते हुए प्रियंका गाँधी ने सीधे फ़ोन करके पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करने की योजना बनाई है।
वैसे भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह शिकायत रहती है कि बड़े नेता उनसे जुड़ाव नहीं रखते। शायद इसी फ़ीडबैक के चलते प्रियंका गाँधी ने कार्यकर्ताओं से फ़ोन पर संपर्क साध कर उनकी शिकायतें दूर करने की रणनीति बनाई है।