मौनी अमावस्या के दिन कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गाँधी यूपी में अपनी सियासी पारी की शुरुआत करेंगी। प्रियंका गाँधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का चुनाव अभियान शुरू करने से पहले कुंभ के मौक़े पर संगम में डुबकी भी लगाएँगी और अखाड़े में संतों के साथ बैठकर धर्म चर्चा भी करेंगी। प्रियंका गाँधी के साथ कुंभ में डुबकी लगाने उनके भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भी आएँगे।
फ़ेल हुई योजना : वाड्रा को सरकार करने वाली थी गिरफ़्तार, प्रियंका को उतार कांग्रेस ने पलट दी बाज़ी
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के अनुसार अभी प्रियंका व राहुल के कुंभ आने की तारीख तय नहीं हुई है पर इसे फरवरी के पहले सप्ताह में किसी भी दिन रखा जा सकता है। कांग्रेस की प्रयाग इकाई को मौनी अमावस्या से लेकर बसंत पंचमी तक के बीच का समय तैयारियों के लिए दिया गया है। इस दौरान किसी भी दिन राहुल और प्रियंका का कार्यक्रम लग सकता है।
वाड्रा की चुनौती : रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों का सामना कैसे करेंगी प्रियंका
अभी तक के कार्यक्रम के मुताबिक़ नवनियुक्त महासचिव मौनी अमावस्या के दिन यानी चार फरवरी को पत्रकारों के साथ बातचीत कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को लेकर कांग्रेस की योजनाओं का ख़ुलासा करेंगी। उसी दिन प्रियंका पार्टी महासचिव का पद भार भी ग्रहण करेंगी।
राहुल-प्रियंका के कुंभ में आने को लेकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कहा जा रहा है कि मौनी अमावस्या के बाद दोनों नेता प्रयागराज आएँगे।
तैयारियों में जुटा प्रदेश नेतृत्व
प्रयाग कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अभी तिथि तय नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि 9 या 10 फरवरी को राहुल-प्रियंका संगम में डुबकी लगाने आ सकते हैं। इस दौरान उनकी सभा कराने की भी तैयारी है। इस पर प्रदेश नेतृत्व ने काम शुरू कर दिया है। कुंभ यात्रा के दौरान राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी किसी अखाड़े के शिविर में जाकर संतों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
वंशवाद का इतिहास : नेहरू से लेकर प्रियंका तक, कांग्रेस में नेहरू-गाँधी परिवार
ग़ौरतलब है कि 4 फरवरी को कुंभ का दूसरा शाही स्नान है। इसी दिन मौनी अमावस्या भी है। इसके बाद प्रियंका गाँधी अपने राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत करेंगी। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि 10 फरवरी का मुहुर्त भी उपयुक्त है क्योंकि इस दिन बसंत पंचमी है और तीसरा शाही स्नान भी है।
यह पहली बार है जब राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी दोनों संगम में स्नान करेंगे। आने वाले दिनों में प्रियंका और राहुल काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने भी जा सकते हैं।
मंदिर-मंदिर घूमे थे राहुल
प्रियंका गाँधी की इस योजना के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इससे पहले 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कई मंदिरों में पूजा-अर्चना की थी। यह कांग्रेस की सॉफ़्ट हिंदुत्व की नीति के तहत किया गया था। राहुल गाँधी के इस क़दम की भाजपा ने आलोचना की थी और कहा था कि राहुल को मंदिर तभी याद आते हैं जब चुनाव आता है।
यूपी में क्या होगा : प्रियंका के आने से बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन को भी होगी मुश्किल
सोनिया ने भी किया था स्नान
इससे पहले वर्ष 2001 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी कुंभ मेले में पहुँची थीं और स्नान किया था। ग़ौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बड़ी राजनीतिक चाल चलते हुए प्रियंका गाँधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त कर दिया है।
राहुल के नये तेवर : बैकफ़ुट नहीं, फ्रंटफ़ुट पर खेलेंगे
पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की काफ़ी सीट हैं। इस क्षेत्र में वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, चंदौली व ग़ाज़ीपुर जैसे भाजपा के मजबूत गढ़ हैं। बीते लोकसभा चुनाव में पूर्वी उत्तर प्रदेश में आजमगढ़, रायबरेली, अमेठी छोड़कर सभी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी।