नरेंद्र मोदी को शनिवार को बीजेपी और एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। बीजेपी संसदीय दल के नेता के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा और नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह ने इसका समर्थन किया। एनडीए के संसदीय दल के नेता के लिए अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने मोदी के नाम का प्रस्ताव किया और बिहार के सीएम नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने इसका समर्थन किया। इस दौरान वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित कई नेता मौजूद रहे।
एनडीए और बीजेपी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों का अभिवादन किया। मोदी ने कहा कि पूरे विश्व का ध्यान भारत के इस चुनाव पर था और इसे संपन्न कराने में केंद्रीय चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, केंद्रीय बलों, राज्य सरकारों ने अहम भूमिका अदा की। मोदी ने चुनाव को संपन्न कराने में सक्रिय रहे सभी लोगों का धन्यवाद किया। मोदी ने कहा कि प्रचंड जनादेश ज़िम्मेदारियों को बढ़ा देता है और हमें नई ऊर्जा के साथ, नई उमंग के साथ आगे बढ़ना है।
मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हमारा मंत्र है। मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ग़रीबों के साथ ही अल्पसंख्यकों से भी छल किया गया, उन्हें डराकर रखा गया, अच्छा होता कि उनका भी विकास होता। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया, हमें उनका विश्वास जीतना है।
मोदी से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश ने एक बार फिर मोदी के नाम पर विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व जनादेश मोदी जी की नीतियों, उनके काम का जनादेश है और मोदी जी ने पाँच साल तक देश की लगातार सेवा की है और लोगों ने उन्हें आशीर्वाद दिया है।शाह ने कहा कि पूर्व की सरकारें आतंकवाद से निपटने के लिए गंभीर नहीं थीं। जब मोदी सरकार ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक की तो लोगों को लगा कि हम आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के घर में घुसकर उसे मार सकते हैं। इसके बाद पुलवामा हमले के बाद भी भारत ने एक और सर्जिकल स्ट्राइक की।
बीजेपी को लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली है, उसे अपने दम पर 303 सीटें मिली हैं जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे 282 सीटों पर जीत मिली थी। एनडीए को इस बार 353 सीटें मिली हैं जो पिछली बार के आंकड़े 336 से ज़्यादा है। स्पष्ट बहुमत मिलने के कारण यह तय है कि मोदी को सरकार चलाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।