शराब स्कैमः दोनों चार्जशीट में सिसोदिया का नाम क्यों नहीं?
सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को दिल्ली सरकार की विवादास्पद नई शराब नीति के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी। ईडी की चार्जशीट में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहीं नाम नहीं है। सीबीआई ने शुक्रवार को इसी मामले में जो चार्जशीट पेश की थी, उसमें भी सिसोदिया का नाम नहीं था। हालांकि सीबीआई ने जब एफआईआर दर्ज की थी, तब उसमें सिसोदिया का नाम था। इस घटनाक्रम के बाद सिसोदिया ने खुद को ईमानदार घोषित कर दिया है और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने बीजेपी से माफी मांगने को कहा है।
दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं होने से तमाम सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि नई शराब नीति जो वापस ली जा चुकी है, उस मामले को लेकर बीजेपी ने सिसोदिया और केजरीवाल सरकार पर ढेरों गंभीर आरोप लगाए थे। दोनों जांच एजेंसियों के सूत्रों के आधार पर मीडिया ने जो खबरें चलाई थीं, और बीजेपी ने जो आरोप लगाया था, उनसे लगता था कि मनीष सिसोदिया ही असली आरोपी हैं और इस घोटाले में आम आदमी पार्टी को करोड़ों रुपये का लाभ हुआ था। उस पैसे को उसने गोवा और अन्य जगहों पर चुनाव लड़ने में खर्च किया था।
बहरहाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ईडी की शुरुआती चार्जशीट में अपना नाम नहीं होने के बाद ईडी पर कटाक्ष किया।
ये मेरे लिए बेहद गर्व की बात है कि इनकी तमाम साज़िशों और झूठी FIRs के बाद भी ये मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा पा रहे. 800 अफ़सरों की टीम ने 500 जगह रेड कर जो चार्जशीट बनाई है उसमें मेरा नाम नहीं है.
— Manish Sisodia (@msisodia) November 26, 2022
CBI और ED की चार्जशीट ने साबित कर दिया कि कोई शराब घोटाला नहीं हुआ. https://t.co/IO0jI1zGvc
ईडी ने आज शनिवार को आरोपी समीर महेंद्रू को नामजद करते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि बाद में और नाम जोड़े जाएंगे, क्योंकि जांच अभी भी जारी है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया ने ट्वीट किया, यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि अपनी तमाम साजिशों और झूठी एफआईआर के बाद भी वे मुझ पर कोई आरोप नहीं लगा पा रहे हैं। चार्जशीट में मेरा नाम नहीं है। 500 जगहों पर छापेमारी के बाद 800 अधिकारियों की टीम ने इसे तैयार किया है। "सीबीआई और ईडी की चार्जशीट ने साबित कर दिया कि कोई शराब घोटाला नहीं था।
मोदी माफी मांगेंः केजरीवाल
उनके ट्वीट के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया-ईडी की चार्जशीट में भी मनीष जी का नाम नहीं। शिक्षा क्रांति से दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले मनीष जी को झूठे केस में फँसाने के लिए क्या मोदी जी को देश से माफ़ी नहीं माँगनी चाहिए? अच्छा काम करने वालों को जेल में डालने से क्या देश आगे बढ़ेगा?
जिन्होंने दिन रात @ArvindKejriwal और @msisodia को भ्रष्ट कहा
— AAP (@AamAadmiParty) November 26, 2022
आज कह रहे हैं कि हमने Chargesheet पढ़ी नहीं, और तथ्य सामने आ सकते हैं
BJP वालों को सांप सूंघ गया?
पूरी BJP को माफ़ी मांगनी चाहिए @msisodia से
खुद सोचिए, अगर BJP के पास सबूत होते तो कितना बवाल करती
— @raghav_chadha pic.twitter.com/xN0U1PkoxX
बता दें कि कल शुक्रवार को इससे पहले, एक अन्य केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई ने भी शराब नीति मामले में चार्जशीट दायर की थी। उसमें भी सिसोदिया का नाम नहीं था। सबसे ज्यादा रहस्यमय यह है कि सीबीआई की एफआईआर में सिसोदिया का नाम था। हो सकता है कि बाद की चार्जशीट में सिसोदिया का नाम शामिल किया जाए लेकिन उस समय तक सीबीआई के पास ऐसे क्या सबूत आ जाएंगे।
सीबीआई और ईडी दोनों इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या दिल्ली सरकार की आबकारी नीति, जिसे अब खत्म कर दिया गया है, सरकारी खजाने की कीमत पर शराब निर्माताओं और वितरकों को अनुचित और अवैध लाभ प्रदान करने के लिए तैयार की गई थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और बॉलीवुड में आप का प्रचार करने वाले विजय नायर को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह सिसोदिया के पीए और निकटवर्ती लोगों से भी पूछताछ की गई थी।
समझा जाता है कि सिसोदिया के निकटवर्ती लोगों से सीबीआई और ईडी कुछ भी बात नहीं निकलवा पाई। इसी तरह सिसोदिया के घर की तलाशी में किसी तरह का कैश न मिलना भी उनका पक्ष मजबूत कर गया। बैंक के खातों की छानबीन में भी शायद कुछ नहीं मिला। सिसोदिया के पैतृक गांव में भी सीबीआई और ईडी पहुंचे और वहां खेत वगैरह की जानकारी जुटाई लेकिन उसमें भी कुछ गड़बड़ी तलाश नहीं कर पाए। इस मामलों में पैसों का ट्रांजैक्शन सबसे बड़ा सबूत होता है। शायद सीबीआई और ईडी सिसोदिया के खिलाफ इस मामले में कोई सबूत नहीं पा सके।