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कपड़ा फाड़ नेता...कांग्रेस आई, तबाही लाईः सतना में मोदी

कपड़ा फाड़ नेता...कांग्रेस आई, तबाही लाईः सतना में मोदी

चार राज्यों में चुनाव के दूसरे चरण में पीएम मोदी अपने जिन भाषणों के लिए मशहूर हैं, उस रंग में आते जा रहे हैं। गुरुवार 9 नवंबर को उन्होंने सतना में कांग्रेस के कपड़ा फाड़ नेताओं की याद दिलाई यह बात उन्होंने कांग्रेस के कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के संदर्भ में कही।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार 9 नवंबर को सतना रैली मे कमलनाथ के उस वीडियो को लेकर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने दिग्विजय सिंह के 'कपड़े फाड़ने' को कहा था। मोदी ने मध्य प्रदेश के लोगों से एक सबक याद रखने के लिए कहा - 'कांग्रेस आई, तबाही लाई।' उन्होंने राज्य की जनता को चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो उसे केंद्र सरकार से कोई भी सहायता नहीं मिलेगी। एक वीडियो क्लिप में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ की 'कपड़े फाड़ो' टिप्पणी का जिक्र करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि जो नेता दशकों से राज्य चला रहे थे, वे अब एक-दूसरे को कोस रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा- “ये नेता जिन्होंने मध्य प्रदेश को अभाव में रखा, वे राज्य को (विकास से) वंचित रखने के लिए जिम्मेदार हैं। वे आपको बेहतर भविष्य की गारंटी नहीं दे सकते।''

प्रधान मंत्री ने कहा कि दोनों कांग्रेस नेताओं का एक ही एजेंडा है: "किसका बेटा मध्य प्रदेश कांग्रेस पर कब्जा करेगा। वे अपने बेटों को सेट करने के लिए मध्य प्रदेश को अशांत करने में लगे हैं।''

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में गुरुवार को जिस घटना का संदर्भ लिया, वो हाल के दिनों की घटना है, जब कांग्रेस में एमपी के टिकट तय हो रहे थे। एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गई थी जिसमें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के प्रमुख कमल नाथ को लोगों के एक समूह को पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के 'कपड़े फाड़ने' के लिए कहते हुए सुना गया था। उन्हें शिवपुरी सीट पर उम्मीदवारों को टिकट वितरण पर सिंह को दोषी ठहराते हुए भी सुना जा सकता है। इस तरह कांग्रेस के दोनों नेताओं की इस सार्वजनिक लड़ाई को भाजपा ने खूब प्रचारित किया।

दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की आगामी विधानसभा चुनाव में दावेदारी है। छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ उम्मीदवार हैं और दिग्विजय सिंह के परिवार के कई लोग भी मैदान में हैं। हालांकि भाजपा में भी कम विवाद नहीं है। भाजपा आलाकमान मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान को दोबारा सीएम बनाने के लिए मना कर चुका है। इसीलिए कई केंद्रीय नेताओं को एमपी के विधानसभा चुनाव में उतारा गया है। एमपी भाजपा में भी मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार माने जा रहे हैं।

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