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नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं: लालू यादव

नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं: लालू यादव

क्या नीतीश कुमार की फिर से महागठबंधन में वापसी हो सकती है? यदि नीतीश ऐसा चाहें तो आरजेडी की क्या प्रतिक्रिया होगी? जानिए, इस सवाल पर लालू यादव ने क्या कहा।

नीतीश क्या फिर से पलट सकते हैं और लालू के आरजेडी के साथ आ सकते हैं? इससे जुड़े सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि यदि महागठबंधन में वापस आने का फ़ैसला करते हैं तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं।

क्या नीतीश कुमार को फिर से गठबंधन में आरजेडी स्वीकार करेगा? पत्रकारों के इस सवाल पर शुक्रवार को लालू यादव ने कहा, 'जब आएंगे तो देखेंगे।' नीतीश के लिए दरवाजा खोलने के सवाल पर उन्होंने आगे कहा, 'खुला ही रहता है दरवाजा'। एक अन्य सवाल पर कि क्या राहुल जी पीएम बनेंगे, इस पर लालू ने कहा कि उनमें कोई कमी नहीं है। 

लालू यादव का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही लालू और नीतीश का आमना-सामना हुआ था। दोनों ने एक दूसरे से कुछ बातें साझा की थीं। 

लालू यादव की यह आश्चर्यजनक टिप्पणी बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार से भिड़ने के कुछ दिनों बाद आई है। बिहार के राजनीतिक हलकों में दोनों को 'बड़ा भाई, छोटा भाई' कहा जाता है और दोनों के बीच लंबे समय तक प्रतिद्वंद्विता रही है।

नीतीश हाल तक आरजेडी के साथ महागठबंधन सरकार में थे, लेकिन पिछले महीने नाटकीय रूप से लालू प्रसाद यादव की पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए। 

नीतीश कुमार ने पिछले महीने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। यह दो साल में दूसरी बार है जब उन्होंने शपथ ली।

नीतीश के बार-बार पलटी मारने को लेकर तेजस्वी विधानसभा में विश्वास मत के दौरान हमलावर रहे थे। तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम मुख्यमंत्री जी को बधाई देते हैं कि 9 बार शपथ लेकर इन्होंने इतिहास रचा है, एक ही टर्म में 3-3 बार पलट गए, ये अद्भुत है। हालाँकि इसके साथ ही तेजस्वी ने भी नीतीश को लेकर सॉफ्ट कॉर्नर ही रखा था। 

विश्वास मत के दौरान तेजस्वी ने सदन में संकेतों में कहा था, 'मोदी जी की गारंटी मजबूत वाली है। क्या मोदी जी गारंटी लेंगे कि नीतीश जी फिर पलटेंगे कि नहीं। खैर हमको चिंता नहीं है। आपलोगों की खूब जोड़ी है। लगे रहिए।' 

तेजस्वी ने कहा था कि 'नीतीशजी हमें बुलाकर कम से कम एकबार बोल दिए होते कि हम नहीं रहना चाहते। हम सबसे बड़े दल थे। हम कुछ कहते? हम तो खूंटा गाड़ के खड़े हैं।'

उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्रीजी हमें बुला लेते, बात कर लेते। हम मंत्रियों को हटा देते और बाहर से समर्थन दे देते। हम आपको परिवार समझते हैं। हम समाजवादी परिवार के हैं'।

भले ही लालू यादव ने नीतीश के लिए दरवाजे खुले होने के बात कही है, लेकिन जदयू नेता नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह जो कहा, उसे देखते हुए अब यू-टर्न की संभावना नहीं है। नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा था, 'हम पहले एक साथ थे। दो बार मैं इधर-उधर गया। अब मैं आ गया हूं। मैं स्थायी रूप से वहीं रहूंगा अब।'

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