लखीमपुर खीरी: बीजेपी कार्यकर्ताओं, ड्राइवर की मौत के मामले में चार्जशीट दायर
लखीमपुर खीरी मामले में पुलिस ने शुक्रवार को 7 किसानों के खिलाफ चार चार्जशीट स्थानीय अदालत में दायर की हैं। ये चार्जशीट एक ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत के मामले में दायर की गई हैं। बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी जिनमें 4 किसान शामिल थे।
इसके साथ ही एक ड्राइवर और बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की भीड़ ने जान ले ली थी। एक पत्रकार की मौत भी इस घटना में हुई थी। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थी।
पहली एफआईआर जगजीत सिंह नाम के किसान और पत्रकार की मौत मामले में दर्ज हुई थी जिसमें आशीष मिश्रा उर्फ मोनू और 15 से 20 अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। दूसरी एफआईआर बीजेपी के कार्यकर्ता सुमित जायसवाल की ओर से बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और ड्राइवर की मौत के मामले में दर्ज कराई गई थी।
इस महीने की शुरुआत में ही पुलिस ने मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भी 5000 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दायर की थी।
आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि वारदात के दौरान उनका बेटा वहां मौजूद नहीं था और वह दंगल के आयोजन स्थल पर था।
आशीष मिश्रा ने भी इस बात को कहा था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। लेकिन खबरों के मुताबिक चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया गया है कि आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद था और उसने फायरिंग की थी। आशीष मिश्रा के मामा वीरेंद्र शुक्ला को भी चार्जशीट में अभियुक्त बनाया गया था। चार्जशीट में कहा गया था कि वीरेंद्र शुक्ला किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों के काफिले में शामिल स्कॉर्पियो कार में मौजूद था।
इस मामले में जांच के लिए बनी एसआईटी ने कहा था कि यह घटना किसानों की हत्या करने की सोची-समझी साजिश थी।
लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा के पिता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर सड़क से संसद तक काफी हंगामा हो चुका है।
फंस गई बीजेपी
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी के मुद्दे पर बीजेपी बुरी तरह फंस गई है। टेनी का इस्तीफा लेने से उसे ब्राह्मण मतदाताओं की नाराजगी का डर है तो इस्तीफा न लेने पर विपक्ष के द्वारा इसे बड़ा मुद्दा बनाने से वह परेशान है।