कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामलों के बीच लोगों की जबरदस्त लापरवाही भी दिख रही है। हरिद्वार के कुंभ मेले में 12 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान चल रहा है और इसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटी है। मेले के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें साफ देखा जा सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग शून्य है। हरिद्वार के मुख्य घाट हर की पैड़ी पर यह हालात दिखे।
सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन बड़े स्नान यानी शाही स्नान होने हैं। इसमें बुधवार को 13 अखाड़े गंगा में डुबकी लगाएंगे। इसी बीच उत्तराखंड में रविवार को कोरोना संक्रमण के 1333 मामले सामने आए, जो इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
मेला प्रशासन के मुताबिक़, घाटों में सुबह 7 बजे तक ही आम लोग मौजूद रह सकते हैं और इसके बाद इस इलाक़े में सिर्फ़ अखाड़ों के साधु ही रहेंगे। शाही स्नान सुबह साढ़े 8 बजे से शुरू होकर शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी 13 अखाड़ों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है।
आईजी संजय गुंज्याल ने एएनआई को बताया, “हम लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि वे कोरोना के नियमों का पूरी तरह पालन करें। लेकिन भारी भीड़ के कारण रविवार को यह संभव नहीं हो पाया कि हम चालान काट सकें। घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना भी मुश्किल काम है।”
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुंभ मेला शुरू होने से पहले कहा था कि इसमें आने वालों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना होगा। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि मेले में हर दिन 50 हज़ार कोरोना के टेस्ट कराए जाएं। इधर, कुंभ मेला प्रशासन का कहना है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करवा रहे हैं।
कुंभ मेले के प्रभारी दीपक रावत ने कहा है कि बाहरी राज्यों से कुंभ मेले में आने वाले लोगों की बॉर्डर चेकिंग पोस्ट पर जांच की जा रही है और 50 हज़ार लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों से मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना और हाथों को लगातार सैनिटाइज करने के लिए कहा जा रहा है। दीपक रावत ने कहा है कि यहां मौजूद कई साधु कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
उत्तराखंड में 1 अप्रैल से कुंभ मेला शुरू हुआ था। उससे पहले ही राज्य सरकार ने 12 राज्यों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया था। इन राज्यों में महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान शामिल थे।
कुंभ का यह मेला 30 अप्रैल तक चलेगा और हर दिन इसमें हज़ारों लोग शामिल होंगे। हालांकि राज्य सरकार की ओर से 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने, एयरपोर्ट्स, रेलवे स्टेशनों और दूसरे राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर टेस्टिंग का काम करने जैसे तमाम सख़्त क़दम उठाए गए हैं लेकिन ऐसे वक़्त में जब संक्रमण के साथ मौतों की रफ़्तार तेज़ हो तो लाखों लोगों की भीड़ मुश्किल हालात पैदा कर सकती है।