कर्नाटक में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। विधानसभा में बजट पेश करने से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री देश में लोकतंत्र को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राज्य बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा पर भी हमला बोला।
बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार संकट में है। व्हिप जारी करने के बावजूद कांग्रेस के 10 विधायक बजट सत्र के दूसरे दिन भी विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए। पहले दिन भी कांग्रेस के 9 विधायक विधानसभा से ग़ायब रहे थे। सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने कुमारस्वामी सरकार को गिराने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' को नए सिरे से शुरू किया है।
नयी रणनीति : सरकार गिराने नहीं, विधानसभा भंग करने के लिए 'ऑपरेशन लोटस'!
इसी सियासी उठापटक के बीच कुमारस्वामी ने पीएम पर 'दो चेहरे' रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश के लोकतंत्र को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो वह नागरिकों और राजनेताओं को बताते हैं कि कैसे व्यवहार करना चाहिए और दूसरी ओर अपने दोस्तों को कालेधन के ज़रिए लोकतंत्र को गिराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि वह सच सामने लेकर आएँगे और उनके पास उनके आरोपों को साबित करने के लिए सबूत हैं।
विश्लेषण : बीजेपी की हताशा को दिखाता है ‘ऑपरेशन लोटस’
इस समय 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार को 118 सदस्यों का समर्थन हासिल है, इसमें कांग्रेस से 80, जेडीएस के 37 शामिल हैं। बीजेपी के पास 104 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीयों का भी समर्थन हासिल है। यानी अगर बीजेपी को सरकार गिरानी है तो उसे सत्ताधारी पक्ष से सिर्फ़ 7 विधायकों को तोड़ना होगा। ऐसी स्थिति में सत्ताधारी पक्ष के पास सिर्फ 111 विधायक होंगे और विपक्ष के पास 113 विधायक। और ऐसा होने पर अगर वोटिंग हुई तो सरकार गिर जाएगी। मौजूदा स्थिति को देखकर तो यही लग रहा है कि बीजेपी ‘ऑपरेशन लोटस’ को कामयाब बनाने के बहुत ही क़रीब पहुँच गयी है।
ख़तरा : गहरे संकट में कर्नाटक सरकार, क्या दो दिन में गिर जाएगी?