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कोटा में नीट की तैयारी करने वाली छात्रा ने दी जान, इस साल 25 केस

कोटा में नीट की तैयारी करने वाली छात्रा ने दी जान, इस साल 25 केस

राजस्थान के कोटा में नीट की तैयारी करने वाले छात्र आख़िर के के बाद एक क्यों आत्महत्या करने जैसे कदम उठा रहे हैं?

राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी एनईईटी (नीट) की तैयारी कर रही एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। इस साल राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में पच्चीस छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है। पिछले महीने टेस्ट देने के कुछ घंटों बाद ही दो नीट अभ्यर्थियों ने आत्महत्या कर ली थी इसके बाद कोचिंग संस्थानों को टेस्ट रोकने के लिए आदेश निकाला गया।

दरअसल, राजस्थान के कोटा में लगातार बढ़ते आत्महत्या के मामलों ने पढ़ाई के तौर-तरीक़ों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा यानी एनईईटी जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं।

कहा जाता है कि छात्रों की संख्या अधिक होने से प्रतिस्पर्धा बेहद ज़्यादा है। पढ़ाई का ख़र्च बेहद ज़्यादा होने और बहुत ज़्यादा उम्मीदें लगाने से अनावश्यक दबाव बनता है। कुछ लोग मानते हैं कि जिस तरह प्रतिस्पर्धा का दबाव और पढ़ाई का तौर तरीका है, वह काफ़ी हद तक बच्चों में डिप्रेशन पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार है। 

पिछले महीने टेस्ट देने के कुछ घंटों बाद दो नीट अभ्यर्थियों की आत्महत्या ख़बर जब आई थी तो कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर द्वारा जारी एक आदेश में कोचिंग संस्थानों को दो महीनों के लिए नियमित टेस्ट आयोजित करने से रोकने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि निर्देश छात्रों को 'मानसिक सहायता' प्रदान करने के लिए पारित किए गए।

बता दें कि कोटा में आत्महत्याओं की घटनाओं की प्रतिक्रिया में जिला प्रशासन ने पहले एक आदेश जारी किया था जिसमें सभी छात्रावास के कमरों और पेइंग गेस्ट आवास में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने को अनिवार्य किया गया था।

इस वर्ष अधिकारियों ने जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं के दबाव से संबंधित 25 छात्रों की आत्महत्या की सूचना दी है। एक साल में ऐसा कदम उठाने वालों की यह संख्या सबसे ज़्यादा है। 

राजस्थान पुलिस के अनुसार, यह आंकड़ा 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 था। इंडिया टुडे ने पुलिस आंकड़े के हवाले से रिपोर्ट दी है कि कोचिंग संस्थानों के लिए कोटा में 2020 और 2021 में किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली क्योंकि तब कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद थे।

इस बीच, राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य के कोचिंग संस्थानों, विशेषकर कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या को रोकने के लिए सिफारिशें मांगी हैं।

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