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गोसावी लखनऊ में सरेंडर करेगा, यह बात अफ़वाह निकली

गोसावी लखनऊ में सरेंडर करेगा, यह बात अफ़वाह निकली

एनसीबी के गवाह केपी गोसावी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है, वह कहां है, यह बात किसी को पता नहीं है।  

मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी के गवाह केपी गोसावी को लेकर सोमवार रात को जबरदस्त ड्रामा हुआ। यह ख़बर आई कि गोसावी लखनऊ में सरेंडर करने वाला है। इसके बाद लखनऊ में जबरदस्त हलचल मच गयी लेकिन अंत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। गोसावी कई दिनों से लापता है और उसके ख़िलाफ़ लुक आउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है। 

लखनऊ पुलिस ने भी इस तरह की ख़बरों को खारिज किया कि गोसावी यहां सरेंडर करने जा रहा है। 

ऑडियो क्लिप वायरल

ये सारा मामला एक ऑडियो क्लिप से शुरू हुआ। जिसमें कथित रूप से यह कहा गया कि गोसावी ने लखनऊ के मड़ियांव पुलिस थाने में फ़ोन कर इस बात को कहा है कि वह यहां सरेंडर करेगा। ऑडियो क्लिप में कथित रूप से गोसावी ने यह भी कहा कि यह इस वक़्त उसके लिए सबसे नज़दीकी पुलिस स्टेशन है। 

यह क्लिप सोशल मीडिया पर जोरदार ढंग से वायरल हुई और थोड़ी ही देर में मड़ियांव पुलिस थाने के बाहर पुलिस और मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लग गया। 

लखनऊ के पुलिस आयुक्त ने एनडीटीवी को बताया कि गोसावी लखनऊ में सरेंडर नहीं कर सकता क्योंकि उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करना लखनऊ पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। 

हालांकि सोमवार को गोसावी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि वह लखनऊ में सरेंडर करना चाहता है क्योंकि उसे मुंबई में डर लग रहा है। गोसावी ने प्रभाकर सेल के दावों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने कहा, 'मैं यह पहली बार सुन रहा हूँ।' उसने आगे दावा किया कि वह 2 अक्टूबर से पहले एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े से नहीं मिला था।

गोसावी के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सेल ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े की तरफ़ से आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई है। इसके बाद से ही महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर हमले तेज़ कर दिए हैं। 

एक हलफ़नामे में प्रभाकर सेल ने दावा किया है कि उसने केपी गोसावी और सैम डिसूजा नाम के शख़्स के बीच 18 करोड़ की डील होने की बात सुनी थी। प्रभाकर के मुताबिक़, केपी गोसावी ने कहा था कि इसमें से 8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। हालांकि इन आरोपों को समीर वानखेड़े ने खारिज कर दिया है और क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। 

चार एफ़आईआर हैं दर्ज 

बता दें कि आर्यन के साथ सेल्फी आने के बाद से गोसावी ग़ायब है। गोसावी के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और जालसाजी की कम से कम चार एफ़आईआर दर्ज हैं। 

धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में पुणे पुलिस ने गोसावी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया है। साल 2018 में केपी गोसावी पर पुणे में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया गया था। 

गोसावी उस समय चर्चा में आया था जब एनसीबी ने कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी की थी। छापेमारी में एनसीबी ने शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। गोसावी आर्यन को पकड़कर एनसीबी दफ्तर ले जाता हुआ दिखाई दिया था।

इसके बाद गोसावी की आर्यन के साथ एक सेल्फी बहुत वायरल हुई थी और सवाल उठे थे कि आख़िर यह व्यक्ति कौन है। जब एनसीबी से गोसावी के बारे में पूछा गया तो एनसीबी ने साफ़ कर दिया कि गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठा कि जब गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं था तो फिर वह आर्यन को एस्कॉर्ट करते हुए एनसीबी दफ्तर कैसे लेकर गया था।

एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने दावा किया था कि केपी गोसावी और मनीष भानुशाली उसके गवाह थे और क्रूज़ पर ड्रग्स पार्टी की जानकारी उन्होंने ही दी थी। जब एनसीबी के अधिकारियों से यह पूछा गया था कि गोसावी और भानुशाली आरोपियों को एस्कॉर्ट करके एनसीबी दफ़्तर क्यों लेकर जा रहे थे तो एनसीबी ने कहा था कि वह उनके साथ जा रहे थे क्योंकि एजेंसी को उनका बयान दर्ज करना था।

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