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हरियाणा में खट्टर को हटाया, CM नायब सैनी ने 5 मंत्रियों के साथ ली शपथ

हरियाणा में खट्टर को हटाया, CM नायब सैनी ने 5 मंत्रियों के साथ ली शपथ

हरियाणा में भाजपा नेतृत्व ने बड़ा परिवर्तन कर दिया। मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी ने राज्य के सीएम के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली है। इससे पहले दोपहर को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। अभी सोमवार शाम तक खट्टर को नहीं मालूम था कि उन्हें हटाया जा रहा है। हरियाणा में लोकसभा और अक्टूबर में विधानसभा चुनाव से पहले यह बड़ा परिवर्तन है।

नायब सिंह सैनी ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इससे पहले कुरुक्षेत्र के इस भाजपा सांसद को दोपहर में विधायक दल का नेता चुना गया था। सैनी के साथ पांच मंत्रियों कंवर पाल गुज्जर, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जेपी दलाल और बनवारी लाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

इससे पहले खट्टर को हटाने को लेकर जबरदस्त गतिविधियां सुबह से ही शुरू हो गई थीं। मनोहर लाल खट्टर से भाजपा का मोह इतनी जल्दी भंग हो जाएगा, यह पार्टी के अंदर किसी ने सोचा तक नहीं था। सुबह से जब बतौर सीएम खट्टर के इस्तीफे की खबरें आ रही थीं तो तमाम खबरों में यही बताया जा रहा था कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन टूटने के बाद फिर से मंत्रिमंडल का गठन होगा। इसलिए सभी ने इस्तीफे दे दिए हैं। लेकिन यह बात सच नहीं थी। थोड़ी देर पहले भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें नायब सैनी को नेता विधायक दल चुना गया। पार्टी विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि नायब सिंह सैनी को सर्वसम्मति से पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया।

सैनी का नाम प्रस्तावित होते ही अनिल विज बैठक छोड़कर चले गए। सूत्रों ने कहा कि नए मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में उनके वापस आने की संभावना नहीं है। फिलहाल जिन पांच मंत्रियों ने शपथ ली है, उसमें विज का नहीं है। खट्टर और विज पंजाबी समुदाय का नेतृत्व करते हैं। दोनों खुद को पंजाबी नेता के तौर पर खुद को पेश करते रहे हैं। विज को उम्मीद थी कि खट्टर के बाद उन्हें मौका दिया जाएगा।

हरियाणा में राजनीतिक घटनाक्रम सुबह से ही लगातार बदल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में अपने सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में विभाजन से कुछ घंटे पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यानी खट्टर चाहते थे कि जेजेपी से भाजपा का समझौता बरकरार रहे। जेजेपी को दो लोकसभा सीटें समझौते में दी जाएं।

करीब 15 दिनों से हरियाणा में राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे थे। लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सबसे पहले भाजपा और जेजेपी गठबंधन में दरारें उभरीं। मंत्रिमंडल में 14 मंत्री शामिल थे, जिनमें खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के तीन सदस्य शामिल थे। सभी ने इस्तीफा दे दिया।

बीजेपी ने हरियाणा निवास में अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। समझा जाता है कि जेजेपी के पांच विधायक नई दिल्ली में पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए।

क्या जेजेपी टूटेगी

बताया जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता और नेता लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के पक्ष में हैं। जेजेपी के जिन पांच विधायकों के गठबंधन सहयोगी भाजपा में शामिल होने की संभावना है, वे हैं जोगी राम सिहाग, राम कुमार गौतम, ईश्वर सिंह, रामनिवास और देविंदर बबली। सभी विधायकों के एक अलग समूह बनाकर भाजपा में शामिल होने की संभावना है। हालांकि कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है।

90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के पास अपने 41 विधायक हैं जबकि जेजेपी के पास 10 विधायक हैं।

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