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मंदिर आंदोलन में मारे गए कार सेवकों के घर तक बनाएंगे सड़क: मौर्य

मंदिर आंदोलन में मारे गए कार सेवकों के घर तक बनाएंगे सड़क: मौर्य

सात महीने बाद चुनावों का सामना करने जा रहे उत्तर प्रदेश की सत्ता को फिर से हासिल करने की क़वायद में बीजेपी ने नया एलान किया है। 

सात महीने बाद चुनावों का सामना करने जा रहे उत्तर प्रदेश की सत्ता को फिर से हासिल करने की क़वायद में जुटी बीजेपी ने नया एलान किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरूवार को कहा है कि योगी सरकार बलिदानी रामभक्तों के घर तक की सड़क को बनवाएगी और इन्हें उनके नाम पर ही रखेगी। दूसरी ओर, एसपी ने कहा है कि चुनाव सामने आते ही बीजेपी जाति, धर्म का खेल शुरू कर देती है। 

बलिदानी रामभक्त कहने से मौर्य का मतलब उन कार सेवकों से है जिन्हें राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी थी। राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर कई चुनाव लड़ और जीत चुकी बीजेपी ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले यह भावनात्मक मुद्दा जनता के सामने उछाल दिया है। 

मौर्य ने अयोध्या में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि रामभक्त अयोध्या में कारसेवक के रूप में आए थे लेकिन समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार ने रामभक्तों पर गोलियां चलवा दी थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी बलिदानी रामभक्तों के घर तक सड़कों का निर्माण करवाने का वह एलान करते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन सड़कों पर बलिदानी रामभक्तों का फ़ोटो भी लगाया जाएगा। 

मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा है कि यूपी की जनता होशियार है और इस बार के चुनाव में वह काम के आधार पर वोट देगी। 

राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत करते हुए बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक की रामरथ यात्रा निकाली थी और उस वक़्त देश के कई इलाक़ों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई थीं। मंदिर आंदोलन अपने चरम पर तब पहुंच गया था जब 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मसजिद को ढहा दिया गया था। 

चुनावी तैयारियों में जुटी बीजेपी 

बीजेपी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी है और इसके लिए वह बेहद गंभीर भी दिखाई देती है। संघ के बड़े पदाधिकारियों के लखनऊ दौरे से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल के ताज़ा विस्तार तक, यह बात साफ दिखाई देती है। मंत्रिमंडल के विस्तार में उत्तर प्रदेश को खासी तरजीह मिली है और यहां से 7 लोगों को मंत्री बनाया गया है। 

इनमें कौशल किशोर, एसपी बघेल, पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, अजय कुमार, भानु प्रताप वर्मा और अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। इनमें छह मंत्री पिछड़े और दलित समाज से हैं। अभी योगी कैबिनेट का विस्तार होना बाक़ी है और इसमें भी पिछड़े और दलित समाज के लोगों को अच्छी भागीदारी मिलने की बात कही जा रही है। 

 - Satya Hindi

जिलों का किया दौरा 

इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, पार्टी के महासचिव (संगठन) सुनील बंसल और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह प्रदेश ने हाल ही में लगभग सभी जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं को एकजुट किया है और उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के कामों का प्रचार करने की अपील की है। 

इस दौरान इन तीनों बड़े नेताओं ने हर जिले में वरिष्ठ नेताओं, सांसदों-विधायकों, जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों से बातचीत की है। पार्टी की ओर से स्वतंत्र देव सिंह को बृज और कानपुर के जिलों की, सुनील बंसल को अवध के और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाक़ों की और राधा मोहन सिंह को पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बचे हुए जिलों की जिम्मेदारी दी गई थी। 

कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कई विधायकों, मंत्रियों, सांसदों ने नाराज़गी ज़ाहिर की थी। इसे भी पार्टी ने गंभीरता से लिया है और बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से पहले भी हालात को संभालने की कोशिश की जा चुकी है और अभी भी दोनों संगठन इस काम में जुटे हैं। 

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