कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस बार दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे। 'हिंदुस्तान टाइम्स' के मुताबिक़, केरल कांग्रेस के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा है कि राहुल गाँधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। ख़बर के मुताबिक़, रामचंद्रन ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष केरल से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। एआईसीसी महासचिव ओमन चांडी ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राहुल गाँधी से वायनाड से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है।
बता दें कि इस बात को लेकर लंबे समय से चर्चा थी कि कांग्रेस अध्यक्ष दक्षिण की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह चर्चा थी कि कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के नेताओं की तरफ़ से इस बात का प्रस्ताव दिया गया था कि राहुल अमेठी के अलावा दक्षिण की भी किसी सीट से चुनाव मैदान में उतरें। इस बारे में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केरल कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गाँधी से राज्य की किसी सीट से चुनाव लड़ने की माँग की है और कांग्रेस अध्यक्ष इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
लोकसभा सीटों का परिसीमन होने के बाद साल 2008 में वायनाड लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी। यह सीट कन्नूर, मलाप्पुरम और वायनाड संसदीय सीटों से निकलकर बनी है। कांग्रेस नेता एमएल शाहनवाज दो बार इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं लेकिन छह महीने पहले ही उनका निधन हो गया था।
युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष टी. सिद्दीकी का नाम इस सीट पर पार्टी उम्मीदवार के तौर पर सामने आ रहा था, लेकिन अब सिद्दीकी ने ख़ुद को इस दौड़ से बाहर कर लिया है। चुनाव से नाम वापसी का एलान करते हुए सिद्दीकी ने कहा कि अगर राहुल गाँधी इस सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यह उनके लिए और राज्य के लिए सम्मान की बात होगी।
तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष केएस अलागिरी का कहना है कि अगर राहुल दक्षिण से चुनाव लड़ते हैं तो वह दक्षिण और उत्तर भारत को जोड़ने वाले नेता साबित होंगे।
बता दें कि राहुल की दादी इंदिरा गाँधी चिकमंगलुरू से तथा माँ सोनिया गाँधी बेल्लारी से लोकसभा के लिए चुनी जा चुकी हैं। इंदिरा गांधी ने 1978 के उपचुनाव में चिकमंगलुरू से जीत हासिल की थी तो सोनिया गांधी ने 1999 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट से बीजपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज को हराया था।
बीते लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी और वड़ोदरा से चुनाव लड़ा था। माना जा रहा है कि कांग्रेस भी उसी रणनीति पर काम कर रही है। राहुल गाँधी 2004 से लगातार तीन बार अमेठी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जा चुके हैं।