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केरल: वायनाड में भूस्खलन से 100 से ज़्यादा मौतें हुईं

केरल: वायनाड में भूस्खलन से 100 से ज़्यादा मौतें हुईं

केरल के वायनाड में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही का मंजर है। अभी तक 100 से ज़्यादा मौतों की पुष्टि हो चुकी है। इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शाम में कहा था कि 93 शव बरामद किए जा चुके हैं और 128 लोग घायल हुए हैं। केरल के सीएम ने कहा था कि भूस्खलन में जान गंवाने वाले वायनाड के 34 लोगों की पहचान कर ली गई है और 18 शव मृतकों के परिवारों को सौंप दिए गए हैं। केरल सरकार ने आपदा के बाद दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।सेना और अन्य सरकारी एजेंसियां राहत और बचाव में जुटी हुई हैं। सभी राजनीतिक दल वहां के हालात पर चिंतित हैं। नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड जाने की योजना बना रहे हैं। राहुल ने पार्टी के नेताओं को वायनाड जाकर मदद का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के सीएम पी. विजयन से बात कर हर मदद का आश्वासन दिया है।

केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में मंगलवार सुबह हुए भारी भूस्खलन के बाद कम से कम 55 लोगों के मारे जाने की आशंका है, जबकि कई अन्य लापता हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने अग्निशमन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को प्रभावित क्षेत्र में भेजा है, जहां सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है। कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों के साथ एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम भी सहायता के लिए पहुंच गई है।

भारी बारिश की से बचाव प्रयासों में बाधा आ रही है। मलप्पुरम में चालियार नदी से कम से कम 15 शव बरामद किए गए और कई अन्य के बह जाने की आशंका है। पुलिस ने कहा है कि नदी से और शव निकाले जा रहे हैं। मुंडक्कई में कई घर, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए हैं। घटनास्थल पर एक पुल बह गया है, जिससे बचाव कार्य और भी जटिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आश्वासन दिया है कि एक अस्थायी पुल बनाने, हेलीकॉप्टर द्वारा लोगों को निकालने के लिए सेना की सहायता ली जाएगी। पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताया और पूरी मदद का भरोसा दिया है। विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने भी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की, और कहा, “मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं उन्हें जल्द ही सुरक्षित लाया जाएगा… मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ तालमेल बनाने, एक कंट्रोल रूम स्थापित करने का अनुरोध किया है। और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करें।"

केरल की मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया "आज (मंगलवार) सुबह लगभग 3 बजे, वायनाड में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ और बचाव अभियान जारी है। हम अपने लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अब तक हमें अलग-अलग अस्पतालों में 24 शव मिले हैं और कई घायल हैं, उनका इलाज चल रहा है. हमने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग में नियंत्रण कक्ष खोले हैं। हमने वायनाड में और दवाएं भेजी हैं।”

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अलर्ट किया है कि केरल में चल रही अत्यधिक भारी वर्षा गतिविधि अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है, खासकर मध्य से उत्तरी केरल तक।

अधिकारियों ने बताया कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के पंद्रह शव मलप्पुरम में चलियार नदी सी पोथुकल्लू से बरामद किए गए। पोथुकल्लू पुलिस ने कहा, अभी भी और शव निकाले जा रहे हैं। चालियार नदी की एक सहायक नदी वायनाड की मेप्पडी पहाड़ियों से बहती है, जहां मंगलवार को भूस्खलन हुए।

केरल सरकार ने सेना से सहायता मांगी है। पीटीआई के अनुसार, बचाव प्रयासों में सहायता के लिए 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की एक टीम को तैनात किया गया है, जिसमें 43 सदस्य शामिल हैं। भूस्खलन से व्यापक क्षति हुई है, घर नष्ट हो गए हैं। पेड़ उखड़ गए हैं। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा जैसे गांव अलग-थलग पड़ गए हैं और कई निवासी फंसे हुए हैं। मनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कासरगोड और कन्नूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

मुंडक्कई स्थित ट्रीवैली रिसॉर्ट के कर्मचारी जिलसन के अनुसार, पहला भूस्खलन मंगलवार सुबह 2.30 से 3 बजे के बीच हुआ। पहली घटना के बाद, घाटी में रहने वाले कई परिवार रिसॉर्ट की ओर दौड़ पड़े। हमारे पास लगभग 120 ग्रामीण आए जिन्होंने रिसॉर्ट में शरण मांगी। हमें नहीं पता कि गांव में दूसरों के साथ क्या हुआ. इनमें से कई को चोटें आई हैं। सबसे जरूरतमंदों को इलाज उपलब्ध कराया गया है। मलबे के विशाल प्रवाह ने यहां बहने वाली नदी की दिशा बदल दी है। वाहन और घर बह गए हैं।'' उन्होंने कहा। इस क्षेत्र में कई रिसॉर्ट हैं, लेकिन वायनाड जिला प्रशासन के मौसम अलर्ट के बाद इन दिनों पर्यटकों को नहीं ठहराया गया।''

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