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पाबंदी के बावजूद केरल कांग्रेस ने दिखाई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री

पाबंदी के बावजूद केरल कांग्रेस ने दिखाई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर कांग्रेस में इस्तीफ़े और डॉक्यूमेंट्री को दिखाने पर पाबंदी के बावजूद पार्टी ने इसकी स्क्रीनिंग क्यों की?

प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगे होने के बावजूद आज केरल कांग्रेस ने इस फ़िल्म की स्क्रीनिंग की। वह भी तब जब राज्य में कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी इसी मुद्दे को लेकर पार्टी छोड़ चुके हैं।

इस पर राजनीतिक गहमागहमी के बीच ही केरल में कांग्रेस की इकाई ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई। पार्टी ईकाई ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री को सार्वजनिक रूप से देखने में मदद करने के लिए स्क्रीनिंग की जगह को एक समुद्र तट पर स्थानांतरित कर दिया गया था।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री भारत में बहस का मुद्दा बन गई है। केंद्र सरकार ने भारत में इसे झूठा और प्रोपेगेंडा कहकर प्रतिबंधित कर दिया है।

बीबीसी की 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक दो-भाग की श्रृंखला में डॉक्यूमेंट्री आयी है। बीबीसी ने इस सीरीज के डिस्क्रिप्शन में कहा है कि 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव को देखते हुए 2002 के दंगों में उनकी भूमिका के बारे में दावों की जांच कर रहा है, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।'

जब इस डॉक्यूमेंट्री की ख़बर मीडिया में आई तो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी श्रृंखला की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 'झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए प्रोपेगेंडा डिजाइन किया गया'। 

कांग्रेस केरल में विपक्ष में है, लेकिन सत्तारूढ़ सीपीएम ने भी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ रुख अपनाया है। राज्य में भले ही सत्ता और विपक्ष इस मुद्दे पर एकराय दिख रहे हों, लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस में ही एकराय नहीं है।

केरल में दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने हाल ही में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के मुद्दे पर पार्टी छोड़ दी है।

उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, 'मैंने राष्ट्रीय कांग्रेस और केरल कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है। उन लोगों द्वारा एक ट्वीट को वापस लेने की असहिष्णु कॉल, जो बोलने की आज़ादी के लिए लड़ते हैं। मैंने मना कर दिया। प्यार फैलाने का समर्थन करने वालों द्वारा फेसबुक वाल पर नफरत/अपशब्दों को बढ़ावा! इसे पाखंड कहते हैं! ज़िंदगी आगे बढ़ेगी। नीचे इस्तीफा पत्र है।'

अनिल केरल में कांग्रेस डिजिटल मीडिया संयोजक के रूप में काम कर रहे थे। अनिल ने दिग्गज कांग्रेस नेता शशि थरूर को केरल कांग्रेस डिजिटल मीडिया संयोजक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। अपने त्याग पत्र में अनिल ने अपने कुछ सहयोगियों पर कटाक्ष किया और कहा, 'मुझे यकीन है कि मेरे पास अपनी अनूठी ताकत है जो मुझे कई तरीकों से पार्टी में बहुत प्रभावी ढंग से योगदान करने में सक्षम बना सकती थी। हालांकि, अब मुझे अच्छी तरह से अवगत कराया गया है कि आप, आपके सहयोगी, और नेतृत्व के आसपास के मंडली केवल चापलूसों और चमचों के झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं, जो निर्विवाद रूप से आपके इशारे पर काम करेंगे। यह योग्यता का अकेला मानदंड बन गया है।'

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए सेंसरशिप पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, 'सच्चाई चमकती है। इसे सामने आने की बुरी आदत है। इसलिए कितने भी प्रतिबंध, दमन और लोगों को डराने से सच्चाई सामने आने से नहीं रुकेगी।'

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