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कांग्रेस प्रशांत से बात करती रही, केसीआर ने IPAC से डील भी कर ली

कांग्रेस प्रशांत से बात करती रही, केसीआर ने IPAC से डील भी कर ली

प्रशांत किशोर का कांग्रेस और टीआरएस को लेकर आख़िर रणनीति क्या है? तेलंगाना में दोनों विरोधी दल हैं तो फिर प्रशांत किशोर दोनों के क्या बातें कर रहे हैं?

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी यानी IPAC से सौदा कर लिया। यह कंसल्टेंसी फर्म चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से जुड़ी रही है, हालाँकि पिछले साल ही उन्होंने खुद को उस फर्म से आधिकारिक तौर पर अलग कर लिया है। ये वही प्रशांत किशोर हैं जिनके कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं और पिछले कुछ हफ़्तों में कांग्रेस नेतृत्व के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं। लेकिन प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की बातचीत चल ही रही है कि उधर टीआरएस ने IPAC के साथ हाथ मिला लिया। तेलंगाना में कांग्रेस ही प्रमुख विपक्षी दल है।

टीआरएस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में अपने चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए IPAC से अनुबंध किया है। यह अनुबंध तब हुआ है जब प्रशांत किशोर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ पिछले दो दिन से लगातार बैठकें कर रहे थे। चुनावी रणनीतिकार शनिवार सुबह हैदराबाद पहुंचे थे और रात भर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर ही रुके।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि IPAC के ऋषि सिंह टीआरएस के अभियान को संभालने के लिए हैदराबाद में हैं। टीआरएस और IPAC के बीच अनुबंध इसलिए काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस तेलंगाना में एक प्रमुख विपक्ष दल बनी हुई है।

भले ही प्रशांत किशोर यानी पीके ने आधिकारिक तौर पर एक साल पहले IPAC के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर लिया था, लेकिन टीआरएस के साथ अनुबंध के दौरान पीके के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के मिलने से सवाल उठता है कि क्या उन्होंने सच में आईपैक से अपना संबंध तोड़ लिया है?

केसीआर के साथ बैठक जैसे पीके के हालिया क़दमों से सवाल उठता है कि क्या वह टीआरएस के साथ काम करना जारी रखेंगे? 

लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि कांग्रेस तेलंगाना में टीआरएस के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में है क्योंकि वही वहाँ की प्रमुख विपक्षी पार्टी है। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस और टीआरएस में वह गठबंधन करा देंगे और इस तरह वह दोनों के लिए काम करेंगे?

यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि कांग्रेस में प्रशांत किशोर के शामिल होने के जो कयास लगाए जा रहे हैं उसके तहत ख़बर यह भी है कि उन्होंने अपनी योजना में कांग्रेस को सुझाव दिया है कि कांग्रेस अन्य राज्यों में दूसरे दलों के साथ तेलंगाना में टीआरएस के साथ गठबंधन करे। हालाँकि, माना जा रहा है कि इस फ़ैसले पर न तो तेलंगाना में कांग्रेस और न ही टीआरएस के नेता सहमत होंगे।

बता दें कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य के चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने प्रशांत किशोर से संपर्क किया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को 2024 के चुनावों के लिए एक विस्तृत खाका प्रस्तुत किया है।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत कर ली है। पिछले एक हफ़्ते में इन घटनाक्रमों से माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर की कांग्रेस में 'नौकरी' तय है। लेकिन इस पर आख़िरी फ़ैसला अभी होना बाक़ी है। कांग्रेस की कमेटी प्रशांत किशोर की कांग्रेस की योजना पर अपनी राय देगी और और फिर आख़िरी फ़ैसला सोनिया गांधी लेंगी। 

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