करतारपुर समारोह में कैप्टन ने बाजवा को सुनाई खरी-खरी

05:35 pm Nov 27, 2018 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पंजाब के गुरदासपुर ज़िला स्थित बाबा नानक डेरा से पाकिस्तान को लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के लिए सोमवार को नींव रखी। इस मौक़े पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख का नाम लेकर उन्हें कड़ी चेतावनी भी दे दी। बीते दिनों पंजाब में हुए आतंकवादी हमले को ख़ालिस्तान आंदोलन को फिर खड़ा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी संभवतः इसी संदर्भ में थी।मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान सेना के प्रमुख क़मर बाजवा का नाम लेकर उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘मैं एक सैनिक होने के नाते यह पूछना चाहता हूँ कि कौन-सी सेना युद्धविराम का उल्लंघन करने और सीमा पार कर जवानों को मारने शिक्षा देती है? कौन-सी सेना पठानकोट और अमृतसर जैसे हमलों को अंजाम देती है? यह कायर है।’ अमृतसर में बीते दिनों एक कार्यक्रम पर ग्रेनेड हमला हुआ। बाद में उसके तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए। पुलिस ने कहा कि वह ग्रेनेड पाकिस्तान में बना हुआ था। 

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख से गले मिलने के लिए सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की तीखी आलोचना हुई थी।

करतारपुर गलियारे पर काम शुरू होने के पहले ही अमृतसर में ग्रेनेड हमला हुआ और उसके तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए। इस वारदात को ख़ालिस्तानी आंदोलन को फिर से जीवित करने और उसके ज़रिए पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा देने की मुहिम के तहत माना जा रहा है।

इसके पहले ही मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान के न्योते को अस्वीकार कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे पाकिस्तान के नरोवाल ज़िले स्थित शकरगढ़ में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे तक गलियारा बनाने की नींव रखी जाएगी।इस कार्यक्रम के लिए अमरिंदर सिंह के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी निमंत्रण मिला था। वे भी नहीं जाएँगी। भारत सरकार ने दो जूनियर मंत्रियों - हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी - को भेजने का ऐलान कर अपने कड़े रुख का संकेत पाकिस्तान को दिया है।

मुंबई हमले की दसवीं बरसी

करतारपुर साहिब गलियारे का कार्यक्रम मुंबई हमलों की दसवीं वर्षगाँठ के दिन ही हो रहा है। इसकी भी आलोचना हो रही है। रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने ट्वीट कर कड़ी टिप्पणी की है।

दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के ठीक पहले भारत में आतंकवादी हमला होने और उसका नाम पाकिस्तान से जुड़ने से मामला एक बार फिर खटाई में पड़ सकता है।

ऐसा पहले भी हो चुका है। जब जब रिश्ते सुधरने की प्रक्रिया होती है, हमले हो जाते हैं और माहौल ख़राब हो जाता है। इस बार क्या होता है, यह जल्द ही पता चल जाएगा।