कर्नाटक में आज बुधवार को जब वोट डाले जा रहे हैं तो कई मतदान बूथों के बाहर रखे कुकिंग गैस सिलेंडरों की पूजा के बाद लोग वोट डालने जा रहे हैं। इनमें महिला वोटरों की तादाद ज्यादा है। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी का 2013 का एक ट्वीट सामने आया है, जब उन्होंने लोगों से घर में रखे गैस सिलेंडर को नमस्कार करके वोट डालने को कहा था। उस समय गैस सिलेंडर की कीमत 430 रुपये हुआ करती थी। लेकिन कर्नाटक में आज सिलेंडर पूजा के पीछे कांग्रेस है। तमाम शहरों में आज सिलेंडर पूजा के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हैं।
दरअसल, कर्नाटक में सिलेंडर पूजन की शुरुआत कल मंगलवार शाम से उस समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख, डीके शिवकुमार ने मतदाताओं को महंगाई के बारे में याद दिलाते हुए, 'गैस सिलेंडर' की पूजा की। यह पूजा राज्य में मतदान शुरू होने से चंद घंटे पहले की गई थी।
डीके ने मेज पर रखे सिलेंडर पर माल्यार्पण कर नारियल और केले सहित फल चढ़ाए गए। शिवकुमार ने उसकी आरती करने और उसे प्रणाम करने से पहले उसके सामने कपूर जलाया।
शिवकुमार ने लोगों से याद करने के लिए कहा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था: "वोट देने जाने से पहले सिलेंडर को नमस्कार करें।" शिवकुमार ने कहा, "मैं केवल लोगों से उसका पालन करने के लिए कह रहा हूं।"
डीके शिवकुमार के आग्रह पर आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मतदान केंद्रों के बाहर 100 मीटर दूर सिलेंडर रख दिया, ताकि मतदाताओं में जागरूकता फैल सके।
क्या मोदी ने अपील की थी
ऑल्ट न्यूज के संपादक और सहसंस्थापक मोहम्मद जुबैर ने आज पीएम मोदी का 2013 वाला ट्वीट सोशल मीडिया पर शेयर कर बताया है कि नरेंद्र मोदी जो उस समय पीएम नहीं बने थे, उन्होंने मतदाताओं से अपील की थी कि वे वोट डालने से पहले घर में रखे कुकिंग गैस सिलेंडर को नमस्कार करके जाएं। हालांकि उस समय रसोई गैस की कीमत 430 के आसपास थी लेकिन अब उसी रसोई गैस की कीमत 1100 रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है। यह कीमत अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग है। उस समय सरकार घरेलू रसोई गैस पर सब्सिडी भी देती थी लेकिन अब किसी तरह की सब्सिडी नहीं है।कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 विधायक चुनने के लिए आज एक ही चरण में मतदान हो रहा है। वोटों की गिनती 13 मई को होगी। इस चुनाव के नतीजे जो भी हों लेकिन फिलहाल कांग्रेस ने अपने आक्रामक चुनाव अभियान से इसे दिलचस्प बना दिया। सबसे पहले उसने पे सीएम अभियान और बाद में महंगाई के खिलाफ सिलेंडर को प्रतीक बनाकर जो अभियान छेड़ा, उसने बीजेपी के धार्मिक मुद्दों की हवा निकाल दी है।