फ्रेशर पार्टी के बाद 182 लोग संक्रमित, कई लोगों को लग चुकी थीं दोनों डोज़

01:32 pm Nov 26, 2021 | सत्य ब्यूरो

क्या वैक्सीन की दोनों डोज़ लगने के बाद बाद भी आप कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। जी हां, ऐसा हुआ है कर्नाटक के धारवाड़ में स्थित एसडीएम मेडिकल कॉलेज में। यहां एक फ्रेशर पार्टी हुई थी, जिसके बाद कॉलेज के स्टूडेंट और स्टाफ़ में से 182 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 

हैरानी की बात यही है कि इनमें से कई लोगों को कोरोना की दोनों डोज़ लग चुकी थीं। यहां संक्रमण बहुत तेज़ी से फैला क्योंकि गुरूवार को यह आंकड़ा 66 था जबकि अगले ही दिन 182 हो गया। 

दो हॉस्टल सील 

एहतियात के तौर पर कॉलेज में अधिक से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। संक्रमित पाए जाने वाले लोगों को कॉलेज के कैंपस के अंदर ही क्वारंटीन किया गया है और दो हॉस्टल को भी सील कर दिया गया है। 

इस घटना के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है। राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त डी. रणदीप ने कहा है कि संक्रमित लोगों के सैंपलों को जीनोम सीक्वेन्सिंग के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि ये लोग कहीं कोरोना के नए वैरिएंट से तो संक्रमित नहीं हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि 17 नवंबर को हुई फ्रेशर पार्टी के बाद ही संक्रमण ने इतना बड़ा रूप ले लिया है। 

टेस्ट कर रहा स्वास्थ्य महकमा

स्वास्थ्य महकमे के अफ़सरों का कहना है कि इन संक्रमित लोगों को कोरोना के हल्के या नहीं के बराबर लक्षण हैं। महकमे ने कहा है कि वह कॉलेज के स्टाफ़ और छात्रों को मिलाकर 3 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट करेगा। कई लोगों के टेस्ट हो चुके हैं। 

कर्नाटक में बीते कई दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले कम हो गए थे लेकिन इस फ्रेशर पार्टी के बाद संक्रमण फैलने के कारण एक बार फिर लोग सतर्क हो गए हैं। 

नए वैरिएंट को लेकर चेतावनी 

इधर, भारत सरकार ने गुरूवार को कहा है कि तीन देशों- दक्षिण अफ्रीका, हांग कांग और बोत्सवाना से आने वाले लोगों की सघन जांच और टेस्ट किए जाएं। इन देशों में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है और इस वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। सरकार की ओर से राज्य और केंद्र सरकारों को भी पत्र भेजकर कहा गया है कि इन देशों से आने वाले वे लोग जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, उनके सैंपल्स को जीनोम सीक्वेन्सिंग के लिए भेजा जाए। 

कोरोना के इस वैरिएंट का नाम 8.1.1529 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वह इस पर बारीक नज़र रख रहा है।