ओमिक्रॉन संक्रमित विदेश कैसे लौट गया? कर्नाटक सरकार जाँच करेगी

01:22 pm Dec 04, 2021 | सत्य ब्यूरो

इसे गड़बड़ी कहेंगे या लापरवाही? जिस ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण दुनिया फिर से खौफ में है, उससे संक्रमित पाए गए दो लोगों में से एक व्यक्ति हवाई जहाज से देश से बाहर कैसे चला गया? कर्नाटक सरकार ने अब कहा है कि वह इस मामले की जाँच करेगी। 

कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में नागरिक उड्डयन के अधिकारियों को एक पुलिस शिकायत दर्ज करने और एक दक्षिण अफ्रीकी यात्री को दी गई नकारात्मक कोविड टेस्ट रिपोर्ट की वैधता की जांच करने का निर्देश दिया है।

दक्षिण अफ्रीकी यात्री उन दो लोगों में से एक है जो भारत में ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को ही कहा था कि कर्नाटक में 2 लोग इस नये वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। इन लोगों की उम्र 66 व 46 साल है। मंत्रालय ने कहा है कि इन दोनों लोगों के संपर्क में आने वालों का पता लगाया गया है और इनके भी कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। इन दोनों लोगों की पहचान को उजागर नहीं किया गया।

इनमें से जो 66 साल का शख़्स है, वह 20 नवंबर को भारत आया था और 27 नवंबर को दुबई गया था। इस शख़्स के संपर्क में आए सभी लोगों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है। इसी शख्स के नेगेटिव रिपोर्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 

दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के 66 वर्षीय यात्री ने कोविड पॉजिटिव होने के सात दिन के अंदर एक निजी लैब से नकारात्मक टेस्ट रिपोर्ट लेकर भारत छोड़कर चला गया।

जब इस पर सवाल उठे तो राज्य सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया आई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा, 'हमने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) आयुक्त को पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए निर्देश जारी किया है ताकि यह जांच की जा सके कि दक्षिण अफ्रीका के यात्री ने कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट कैसे प्राप्त की, जिससे उसे देश छोड़ने की अनुमति मिली।'

20 नवंबर को बेंगलुरु पहुंचे यात्री की हवाई अड्डे पर टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वह बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में रुके थे। 23 नवंबर को उन्होंने कथित तौर पर निजी लैब से एक नकारात्मक टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त की। इस रिपोर्ट से उन्हें 27 नवंबर को दुबई के रास्ते दक्षिण अफ्रीका लौटने की अनुमति मिल गई।

इस बीच गुरुवार यानी 2 दिसंबर को कर्नाटक सरकार ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी नागरिक से लिए गए नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है। 

इस पूरे मामले में खुद मंत्री ने कहा है, 'स्थिति से ग़लत तरीक़े से निपटा गया है। हम यह पता लगाने के लिए एक जाँच चाहते हैं कि क्या लैब ने परीक्षण के निष्कर्षों को सही तरीक़े से रिपोर्ट किया था या नहीं।'

बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचने के लिए भारत सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस भी लागू कर दी गई हैं। कोरोना वैरिएंट के ‘ख़तरे’ वाले देशों से आने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है और उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है। सरकार ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फ़ैसले को भी वापस ले लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 'वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न' माना है और इसमें 45 से 52 म्यूटेशन होते हैं और इनमें से 26 से 32 स्पाइक प्रोटीन से संबंधित हैं। शोध से यह पता चला है कि यह बहुत तेज़ी से फैलता है।