नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोपी येदियुरप्पा पर आरोपपत्र दायर

10:09 pm Jun 27, 2024 | सत्य ब्यूरो

नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक सीआईडी ने गुरुवार को चार्जशीट दायर की है। 

आरोपपत्र दाखिल करने की कार्रवाई कर्नाटक उच्च न्यायालय में जमानत की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले हुई है। 14 जून को पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने सीआईडी ​​को कोई भी 'दबावपूर्ण कदम न उठाने का निर्देश दिया था। नाबालिग से कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के लिए 14 मार्च, 2024 को बेंगलुरु में पुलिस केस दर्ज किया गया और 15 मार्च को मामले की जांच के लिए सीआईडी ​​को सौंप दिया गया था।

येदियुरप्पा पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 8 के तहत आरोप लगाए गए हैं। नाबालिग के यौन उत्पीड़न के लिए सजा का प्रावधान है। कानून में तीन साल की अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है जिसे जेल में पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। 

इसके अलावा भी कई धाराएँ लगाई गई हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला है कि पूर्व सीएम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न), धारा 204 (साक्ष्य नष्ट करना) और धारा 214 (अपराधी की जांच के बदले में संपत्ति का उपहार की पेशकश) के तहत भी आरोप हैं। कथित घटना 2 फरवरी, 2024 को हुई थी जब नाबालिग और उसकी मां न्याय मांगने के लिए येदियुरप्पा से मिली थीं। दोनों एक रिश्तेदार द्वारा लड़की पर कथित यौन उत्पीड़न के पहले के मामले में न्याय पाने के लिए मदद के लिए येदियुरप्पा के पास पहुँची थीं।

आरोप है कि यहां उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया। घटना के बाद पीड़िता कमरे से बाहर भागी और उसने अपनी मां को इस कथित छेड़छाड़ के बारे में बताया। 

इन आरोपों को बीएस येदियुरप्पा ने झूठा और बेबुनियाद बताया है। यह मामला सामने आने के बाद बीएस येदियुरप्पा के कार्यालय ने कई दस्तावेज जारी कर कहा था कि एफआईआर करने वाली महिला अब तक अलग-अलग लोगों पर 53 केस कर चुकी है।

बहरहाल, पीड़िता के भाई ने 26 मई को अपनी मां की मौत के बाद 10 जून को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी माँ येदियुरप्पा के खिलाफ पोक्सो मामले में शिकायतकर्ता थीं।

पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने लड़की का यौन उत्पीड़न किया, जब शिकायतकर्ता 2015 में एक रिश्तेदार द्वारा नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में मदद के लिए उनसे मिलने गई थी। याचिका में कहा गया है, 'आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया और 41 (ए) नोटिस भी नहीं दिया गया। इसलिए यह याचिका दायर की गई है, क्योंकि इस माननीय न्यायालय से संपर्क करने के अलावा कोई कारगर उपाय नहीं है, ताकि इसके असाधारण रिट क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल किया जा सके।' याचिका में संकेत दिया गया है कि लड़की की मां ने मामले में सीबीआई जांच के लिए कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था।