भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जुटे शिवकुमार को ईडी का समन 

05:34 pm Sep 15, 2022 | सत्य ब्यूरो

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा है कि उन्हें ईडी की ओर से समन किया गया है। शिवकुमार ने कहा है कि उन्हें समन ऐसे वक्त में किया गया है जब भारत जोड़ो यात्रा चल रही है और साथ ही कर्नाटक विधानसभा का सत्र भी चल रहा है। 

कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार ने कहा है कि वह जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। लेकिन समन भेजने की जो टाइमिंग है और जिस तरह के उत्पीड़न से वह गुजरे हैं, उससे उनके संवैधानिक और राजनीतिक कामों में रुकावट पैदा हो रही है। 

अगले कुछ दिनों में भारत जोड़ो यात्रा को कर्नाटक में प्रवेश करना है और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते डीके शिवकुमार इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा के भी चुनाव होने हैं। बता दें कि 2018 में ईडी ने डीके शिवकुमार और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। 

ईडी ने किया था गिरफ्तार 

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सितंबर 2019 में डीके शिवकुमार को गिरफ्तार भी किया था। डीके शिवकुमार को कुछ वक्त तक तिहाड़ जेल में भी रहना पड़ा था और बाद में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तिहाड़ जेल में शिवकुमार से मुलाक़ात की थी। डीके शिवकुमार की गिरफ़्तारी के विरोध में कर्नाटक में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया था और  तत्कालीन मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी। 

ईडी के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के दौरान जब डीके शिवकुमार मंत्री थे तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियुक्त बनाए गए दूसरे लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची थी और टैक्स चोरी किया था। ईडी ने कहा था कि तब बड़ी मात्रा में नकदी को बेंगलुरु से दिल्ली ले जाया गया था। 

ईडी ने 2017 के अगस्त महीने में शिवकुमार के ठिकानों पर छापे मारे थे और बड़ी मात्रा में नकदी मिलने का दावा किया था। कर्नाटक में जब तक कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली, इसमें डीके शिवकुमार का अहम योगदान रहा।

धड़ाधड़ छापेमारी 

सीबीआई और ईडी के अलावा आयकर विभाग की ओर से भी देश भर में कई जगहों पर बीते दिनों जबरदस्त छापेमारी की गई है। कुछ दिन पहले सीबीआई ने ममता बनर्जी सरकार के कानून मंत्री मलय घटक के घर पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी कथित कोयला घोटाला के मामले में हुई थी। उस दौरान आयकर विभाग ने गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी राजस्थान मध्याह्न भोजन कथित घोटाला मामले में हुई थी। 

इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में 35 जगहों पर छापेमारी की थी। आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में अभियुक्त बनाए गए समीर महेंद्रु के दिल्ली स्थित आवास के अलावा गुड़गांव, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु में भी कई जगहों पर ईडी ने छापेमारी की थी। 

पिछले महीने बिहार में आरजेडी नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने छापेमारी की थी। आरजेडी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और फैयाज़ अहमद के आवास पर जांच एजेंसी ने छापा मारा था। ये नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं। यह छापेमारी लैंड फॉर जॉब या रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में हुई थी। 

झारखंड की राजधानी रांची में भी खनन घोटाले के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने छापेमारी की थी। 

सिसोदिया के घर छापेमारी 

याद दिलाना होगा कि सीबीआई ने आबकारी नीति को लेकर पिछले महीने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था। 

विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला था।

एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल?

ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के किसी विपक्षी नेता को समन करने या घरों, दफ्तरों पर छापेमारी के बाद वही पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या इन एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। पिछले आठ सालों में जांच एजेंसियों की छापेमारी पर ढेरों सवाल उठे हैं कि क्यों ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को धड़ाधड़ समन भेज रही हैं या उनके घरों-दफ़्तरों पर छापेमारी कर रही हैं।