अगले महीने होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में टिकट से इनकार किए जाने पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा को शुक्रवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन किया। पीएम ने पार्टी के फ़ैसले को स्वीकार करने के लिए ईश्वरप्पा का धन्यवाद दिया और उनकी प्रशंसा की। वह शिवमोग्गा से विधानसभा के पांच बार के विधायक रहे हैं। लेकिन हाल में वह एक भ्रष्टाचार के मामले में फँस गए थे। और अब कांग्रेस ने उसी को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी को निशाने पर लिया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 'ऐसी भगदड़ मची है कर्नाटक भाजपा में कि सब छोड़ छोड़ कर भाग रहे हैं, और अब ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी को ईश्वरप्पा को फ़ोन करके ना छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है'। कांग्रेस ने कहा है, 'प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भाजपा नेता ईश्वरप्पा को भाजपा का टिकट न मिलने के बावजूद बगावत न करने के लिए बधाई देना अस्वीकार्य है! इस व्यक्ति पर 40% कमीशन की मांग करने का आरोप है और भाजपा कार्यकर्ता संतोष पाटिल द्वारा आत्महत्या करने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। ऐसे भ्रष्ट नेताओं की प्रशंसा कर भाजपा स्पष्ट संदेश दे रही है कि वह भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों का समर्थन करती है।'
कांग्रेस द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में ईश्वरप्पा को प्रधानमंत्री को यह कहते सुना जा सकता है, 'यह बहुत अच्छा लगता है कि आप जैसा नेता मेरे जैसे एक साधारण कार्यकर्ता को फोन कर रहा है।'
पीएम मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'आपने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं आपसे बहुत खुश हूं। इसलिए, मैंने आपसे बात करने का फैसला किया।' पीएम मोदी को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि वह अगली बार जब भी कर्नाटक आएंगे तो उनसे मिलेंगे।
ईश्वरप्पा ने छठे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन उनको इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित पार्टी की उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था। उन्होंने पीएम मोदी को आश्वासन दिया कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार, शिवमोग्गा नगर निगम में सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय नेता चन्नबसप्पा के लिए प्रचार करेंगे।
पूर्व मंत्री ने कहा, 'मैं यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा कि कर्नाटक में भाजपा की जीत हो।'
इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "सत्यपाल मलिक जी ने कहा था- 'प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार से नफरत नहीं है'। हम कहते हैं- प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार से मोहब्बत है। कर्नाटक का जो बीजेपी नेता 40% कमीशन लेता था, आज पीएम मोदी उसकी जी हुजूरी कर रहे हैं, चुनाव जितवाने की गुहार लगा रहे हैं।'
पवन खेड़ा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान के एक वाकया का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, 'कुछ महीनों पहले हिमाचल प्रदेश में उन्होंने एक व्यक्ति को फोन किया। उनको टिकट नहीं मिला था तो वो निर्दलीय खड़े हो गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री की बात को माना भी नहीं। बड़ा अटपटा सा लग रहा था कि देश का प्रधानमंत्री इस तरह से हुज्जत कर रहा हो।'
सुप्रिया श्रीनेट ने ट्वीट किया है, '...लगे हाथ यह भी बता दें यह वही ईश्वरप्पा हैं जिनपर 40% कमीशन का आरोप लगा कर भाजपा के कार्यकर्ता संतोष पाटिल ने आत्महत्या कर ली थी। इसी के बाद कर्नाटक की कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर 40% कमीशनखोरी के बारे में बताया था। पर प्रधानमंत्री जी को भ्रष्टाचार से कोई ख़ास दिक़्क़त तो है नहीं इसीलिए उनके कान पर जूँ नहीं रेंगी और ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग किसी ने कर्नाटक के भ्रष्टाचार पर अपना वक्त नहीं बर्बाद किया।'
उन्होंने आगे कहा है, 'विद्रोह के स्वर इतने प्रखर हैं कर्नाटक में कि भाजपा के सामने 40 से ज़्यादा तो बाग़ी मैदान में हैं। अब इन भ्रष्टाचारियों को फ़ोन कर कर के शांत कराया जा रहा है। ठीक ऐसे ही हिमाचल में भी किया था - परिणाम याद है ना? 40 से कम पर सिमटेंगे यह 40% कमीशनखोर।'
कर्नाटक में 10 मई को होने वाले चुनाव को 13 मई को नतीजे आएँगे। अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से पहले पीएम मोदी की लोकप्रियता के इसे परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।