कर्नाटक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कुछ बयानों को आपत्तिजनक बताते हुए कांग्रेस की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। कांग्रेस को अब एफआईआर का इंतजार है। कांग्रेस ने इन्हीं बयानों को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग में भी शिकायत की है।
बेलगावी की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आती है, तो राज्य में "दंगे होंगे। इस बयान के खिलाफ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, परमेश्वर और डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स में पुलिस शिकायत दर्ज कराई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के "भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने और विपक्ष को बदनाम करने" के लिए शाह और भाजपा रैली के आयोजकों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में ये शिकायत दी गई है।
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो सांप्रदायिक दंगे होंगे। वो ऐसा कैसे कह सकते हैं? हमने भारत के चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज की है। शिवकुमार ने कहा कि मेरे खिलाफ तो बेवजह 20 एफआईआर करा दी गई है। देखना है पुलिस हमारी शिकायत पर कब एफआईआर करती है।.
बेलागवी जिले के तेरदल में एक जनसभा के दौरान, पूर्व भाजपा प्रमुख ने सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी पर हमला किया और कहा कि अगर कांग्रेस सरकार बनाती है तो राज्य का विकास "रिवर्स गियर" में होगा। यानी राज्य का विकास उल्टी दिशा में होगा। कर्नाटक में "राजनीतिक स्थिरता" के लिए लोगों के जनादेश की मांग करते हुए, जहां 10 मई को मतदान होगा, शाह ने कहा कि केवल भाजपा ही राज्य को 'नए कर्नाटक' की ओर ले जा सकती है।
पार्टी के प्रमुख चुनावी रणनीतिकारों और प्रचारकों में से एक शाह ने कहा, "अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वंशवादी राजनीति हमेशा चरम पर होगी और कर्नाटक दंगों से झुलस रहा होगा।" कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर आए शाह ने कहा था - अगर कांग्रेस गलती से सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार चरम पर होगा और उस पार्टी के नेता 'तुष्टिकरण' की नीति लागू करेंगे।
शाह ने कहा कि भाजपा के दो प्रमुख नेताओं - पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी, जो हाल ही में मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए हैं, से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होगा। कांग्रेस ने हमेशा लिंगायत समुदाय का अपमान किया है क्योंकि राज्य में अपने लंबे शासन में वह केवल दो लिंगायत मुख्यमंत्री - एस निजलिंगप्पा और वीरेंद्र पाटिल दे सकी और दोनों को अपमानित किया गया और पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।
शाह ने जोर देकर कहा कि भाजपा से आए नेताओं के आधार पर वोट मांगना दर्शाता है कि कांग्रेस कितनी दिवालिया है।