कम से कम 10 लोग ऐसे हैं, जो बीते दिनों अफ्रीकी देशों से बेंगलुरू आए हैं, लेकिन अब उनका कहीं पता नहीं चल रहा है। यह निश्चित रूप से परेशान करने वाली बात है, क्योंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले अफ्रीका में ही मिला था।
इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह बहुत तेज़ी से फ़ैलता है। ऐसे में विदेश से आए इन लोगों का ग़ायब होना चिंता का विषय होने के साथ ही घनघोर लापरवाही भी है।
कर्नाटक में ही इस वैरिएंट से संक्रमण के दो मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक शख़्स अफ्रीका का ही है और वह भारत छोड़कर जा चुका है जबकि दूसरा शख़्स बेंगलुरू का है।
बेंगलुरू महानगर पालिका ने शुक्रवार को कहा है कि स्वास्थ्य महकमे के अफ़सर इन लोगों का पता लगाने में जुटे हैं।
स्विच ऑफ़ हैं मोबाइल
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वायरस मिलने के बाद वहां से 57 यात्री बेंगलुरू आए। लेकिन बेंगलुरू महानगर पालिका को इनमें से 10 लोगों का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के मोबाइल फ़ोन स्विच ऑफ़ हैं और ये लोग अपने दिए गए पते पर भी नहीं मिले हैं।
कर्नाटक में जो दो लोग इस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं, उनकी उम्र 66 व 46 साल है। 46 साल की उम्र वाले शख़्स डॉक्टर हैं, उन्हें कोरोना की दोनों डोज लग चुकी थीं और वह भारत से बाहर भी नहीं गए हैं। 21 नवंबर को उन्हें बुखार आया था और बदन में दर्द हुआ था।
कर्नाटक सरकार ने डॉक्टर के संपर्क में आने वालों का पता लगाया है और इनमें से 13 लोग ऐसे थे, जो इस डॉक्टर के सीधे संपर्क में आए थे जबकि 250 से ज़्यादा लोग ऐसे थे, जो किसी न किसी तरह इस शख़्स के या इसके संपर्क में आने वालों के संपर्क में आए थे। इसमें से 5 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित दूसरा शख़्स दक्षिण अफ्रीका का रहने वाला है और कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर भारत आया था। इस शख़्स को भी कोरोना की दोनों डोज़ लग चुकी थीं।
लेकिन भारत पहुंचने के बाद जब इसका टेस्ट किया गया तो वह पॉजिटिव निकला, उसे सेल्फ़ आइसोलेट होने के लिए कहा गया। एक हफ़्ते बाद जब उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई तो वह दुबई चला गया।
इस शख़्स के सीधे संपर्क में आए 24 लोगों और किसी न किसी तरह इस शख़्स के या इसके संपर्क में आने वालों के संपर्क में आए 240 लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है।