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कर्नाटकः चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम की कुर्सी के लिए रस्साकशी 

कर्नाटकः चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम की कुर्सी के लिए रस्साकशी 

कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के सारे प्रत्याशी अभी घोषित नहीं हो पाए हैं। उससे पहले वहां मुख्यमंत्री पद को लेकर दो खेमों में शीत युद्ध जारी है।

कर्नाटक में अभी ठीक से कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं लेकिन उससे पहले राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर पूर्व सीएम सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि  दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी टिप्पणियों से यह साफ कर दिया है कि सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों ही इसके दावेदार हैं। सिद्धारमैया ने दावा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो आलाकमान अगले मुख्यमंत्री को चुनने में हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि निर्वाचित विधायकों को चुनाव करना है।

एनडीटीवी को दिए गए एक खास इंटरव्यू में पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा- हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलेंगे। आलाकमान खुद कोई फैसला नहीं लेगा। चुने हुए विधायकों की राय पर आलाकमान भी चलेगा। कर्नाटक में कांग्रेस का संकटमोचक कहलाने वाले शिवकुमार को जुलाई 2020 में सिद्धारमैया के वफादार दिनेश गुंडू राव की जगह प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व सौंपा गया था।

पार्टी युवा नेतृत्व को क्यों नहीं मौका देती, इस पर सिद्धरमैया ने कहा कि वो यह आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं। अभी उनकी उम्र 75 साल की है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच बहुत पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। हाल ही में जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यहां से गुजरी तो दोनों नेताओं के बीच कुछ समय के लिए शीत युद्ध रुक गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव ने उसे फिर जिन्दा कर दिया है।

फरवरी में दोनों नेताओं ने राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में अलग-अलग बस यात्राएं निकाली थीं। यह पार्टी का प्रोग्राम था। 2019 में कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक आनंद सिंह ने जब शिवकुमार से मुलाकात की तो सिद्धारमैया इस बात पर अड़ गए कि दलबदलुओं को पार्टी में वापस नहीं आने देना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि दोनों नेताओं को एक संयुक्त रूप से लड़ने की जरूरत है। जब दोनों ज्यादातर मुद्दों पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं, तो मुख्यमंत्री पद के लिए लिए लड़ाई बहुत गहरी हो गई है।

इससे राज्य में उम्मीदवारों का चयन भी प्रभावित हो सकता है। क्योंकि हर पक्ष की संख्या से जब यह तय होना है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा तो दोनों पक्ष अपने-अपने लोगों को पार्टी का टिकट दिलाना चाहेंगे।

एक प्रमुख मुद्दा जिस पर सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों सहमत थे कि त्रिशंकु विधानसभा अगर होती है तो एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर के साथ गठबंधन किया जा सकता है। लेकिन दोनों ने अब कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी करते हुए त्रिशंकु की संभावना को ही खारिज कर दिया है। कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 13 मई को होगी।

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