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कर्नाटक: बस स्टॉप 'मसजिद' जैसा? बीजेपी सांसद ने गुंबद क्यों हटवाए

कर्नाटक: बस स्टॉप 'मसजिद' जैसा? बीजेपी सांसद ने गुंबद क्यों हटवाए

बीजेपी के एक विधायक ने जब मैसूर पैलेस से प्रेरित गुंबद वाले बस स्टॉप बनवाए तो बीजेपी के ही सांसद ने आख़िर क्यों धमकी दी? जानिए बीजेपी सांसद ने क्यों की थी आपत्ति और क्या कार्रवाई की गई।

कर्नाटक के मैसूर में एक बस स्टॉप पर लगे विवादास्पद गुंबद हटा दिए गए। बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने इस पर आपत्ति की थी और उन्होंने गुंबदों को गिराने की धमकी दी थी। हालाँकि बीजेपी के ही एक विधायक ने इन बस स्टॉप को तैयार करवाया था। स्थानीय बीजेपी विधायक ने ही कहा है कि उन ढाँचों को ग़लत तरीक़े से सांप्रदायिक रूप दिया गया। एक रिपोर्ट है कि बीजेपी के इन विधायक और सांसद के बीच विवाद चला। अब जब दो गुंबदों को हटा दिया है तो कथित तौर पर सांसद इस फ़ैसले को अपनी ही पार्टी के विधायक पर जीत के तौर पर देख रहे हैं।

बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने ट्वीट किया है, 'यदि बीच में एक बड़ा गुम्बद और एक दूसरे से सटे हुए दो छोटे गुम्बद हों तो वह मस्जिद होती है। जिलाधिकारी को धन्यवाद जिन्होंने समय मांगा और बात रखी और रामदास जी को भी धन्यवाद जिन्होंने हकीकत समझी और जनमत को स्वीकार किया।'

 - Satya Hindi

सिम्हा के ट्वीट में साफ़ तौर पर लिखा है कि बस स्टैंड पर मुख्य गुंबद के दोनों ओर बने दो गुंबद मस्जिद की तरह दिखाई देते हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने धमकी दी थी, 'मैंने इंजीनियरों से कहा है कि वे तीन-चार दिनों में ढाँचे को गिरा दें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं एक जेसीबी ले आऊँगा और इसे गिरा दूंगा।' उनके इस बयान की विपक्ष समेत कई लोगों ने विभाजनकारी बताकर आलोचना की थी।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था।

स्थानीय भाजपा विधायक राम दास ने पहले अपनी पार्टी के सहयोगी की टिप्पणियों का खंडन किया था। उन्होंने दोहराया था कि बस शेल्टर डिजाइन मैसूर पैलेस से प्रेरित था। रिपोर्ट के अनुसार रामदास ने कहा, 'बस स्टॉप को विवाद में नहीं डालना चाहिए। मैंने पूरे मैसूर में एक मॉडल पैलेस के रूप में 12 बस स्टॉप का निर्माण किया। लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया गया और इससे मुझे ठेस पहुँची है। मैंने वरिष्ठजनों की राय लेने के बाद दो छोटे गुंबद तोड़ दिए और बड़े गुंबद को बरकरार रखा। लोगों को इसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए। विकास के हित में फ़ैसला लिया गया है।'

रामदास ने स्थानीय लोगों को संबोधित एक पत्र में माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने मैसूर की विरासत को ध्यान में रखते हुए बस स्टॉप को डिजाइन किया था। उन्होंने आगे कहा, 'विचारों में मतभेद पैदा हो गया... इसलिए मैं दो गुंबदों को हटवा रहा हूँ। अगर किसी की भावनाएँ आहत हुई हैं तो मैं माफी चाहता हूँ।'

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