कर्नाटकः धर्म के नाम पर वोट का धंधा, न चुनाव आयोग को फिक्र, न सुप्रीम कोर्ट को
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में धार्मिक ध्रुवीकरण करने के लिए तरह-तरह के खेल रचे गए। किसी भी दल ने चुनाव आयोग की गाइडलाइंस और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं की। यहां तक कि इन दोनों संवैधानिक संस्थाओं को अंगूठ दिखाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैलियों में लोगों से कहा कि वो जय बजरंग बली बोलकर ईवीएम का बटन दबाएं। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस अगर कर्नाटक में सत्ता में आई तो दंगे होंगे। बीजेपी नेताओं ने आज गुरुवार शाम 7 बजे पूरे कर्नाटक में हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया है। राज्य में इस समय जगह-जगह बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता सड़कों पर धार्मिक उन्मादी नारे लगा रहे हैं। अच्छे खासे चुनाव में तनाव का माहौल बन गया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर बैन लगने की बात कही थी। इसी के इर्द-गिर्द पूरा चुनाव मीडिया का एक वर्ग करा रहा है।
क्या है चुनाव आयोग की गाइडलाइन
चुनाव आयोग की आचार संहिता कर्नाटक में लागू है। उसकी गाइडलाइंस का तीसरा प्वाइंट बता रहा है - वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों को चुनाव प्रचार के मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगाः चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने बहुत गर्व से इस गाइडलाइन को अपनी वेबसाइट पर लगा रखा है। कोई भी जाकर पढ़ सकता है। लेकिन चुनाव आयोग को खुद यह नियम लागू कराने की फिक्र नहीं है।
चुनाव आयोग ने यह वीडियो देखा क्या
चुनाव आयोग की नजर इस वीडियो पर जरूर पड़ी होगी। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा 3 मई को जारी इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी कहते हुए देखे और सुने जा सकते हैं। पीएम मोदी रैली में मतदाताओं से कह रहे हैं - वोट डालते समय 'जय बजरंगबली' का नारा लगाकर गाली देने वाली संस्कृति को सजा दें।
Punish abuse culture by chanting 'Jai Bajrangbali' when casting vote: PM Modi slams Congress in Karnataka
— ANI Digital (@ani_digital) May 3, 2023
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प्रधानमंत्री की यह अपील चुनाव आयोग के नियम के खिलाफ है। इस पर चुनाव आयोग को पीएम मोदी को नोटिस देना चाहिए था या चेतावनी देना चाहिए था। लेकिन उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया। अलबत्ता उसने कर्नाटक के कांग्रेस नेता प्रियंक खड़गे के उस बयान पर नोटिस दिया है, जिसमें प्रियंक खड़गे ने कथित तौर पर पीएम मोदी को नालायक बेटा कहा था। प्रियंक खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
4 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव प्रक्रिया को "धर्मनिरपेक्ष कवायद" होनी चाहिए। तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा था -
“
कोई भी राजनेता जाति, पंथ या धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।
-सुप्रीम कोर्ट, 4 जनवरी 2017 सोर्सः द हिन्दू
क्या यह बताने की जरूरत है कि भारतीय संविधान के मुताबिक भारत आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन राजनीतिक दलों ने पारंपरिक रूप से धर्म और जाति को उम्मीदवारों का चयन करने और मतदाताओं से अपील करने के लिए मुख्य मानदंड के रूप में इस्तेमाल किया है।
2017 में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का कर्नाटक में खुलकर मजाक बन रहा है। लेकिन न तो इसका संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया और न ही उसके संज्ञान में कोई संगठन या राजनीतिक दल लाया। जैसे कुएं में भांग पड़ गई हो।
2014 से अब तक क्या हुआ
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ बीजेपी 2014 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं उसमें हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे पर चुनाव लड़ा है। हालांकि अतीत में भी इस पार्टी पर हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मुस्लिम विरोधी बयान देने का आरोप लग चुका है। लेकिन 2014 से तो जैसे यह रिवाज हो गया है कि उधर चुनाव की घोषणा होती है और इधर बीजेपी नेता फौरन हिन्दू-मुसलमान करने लगते हैं। इन्हीं को देखकर तमाम छोटी पार्टियां भी इन्हीं के एजेंडे को आगे बढ़ाने लगती हैं। कुछ पार्टियां तो बाकायदा मुसलमानों को इस दिशा में सिर्फ मुस्लिम पार्टी को वोट देने की अपील करती नजर आती हैं। कई बार इन्हें सफलता मिलती है, तो कई बार ये सेकुलर पार्टियों का खेल बिगाड़ देते हैं तो कई बार खुद धूल में मिल जाते हैं यानी सारे उम्मीदवारों की जमानत मुस्लिम मतदाता ही जब्त करा देते हैं और इनकी जगह वो हिन्दू नेतृत्व वाली पार्टियों का चुनाव करते हैं। सपा, बसपा को इसी की बदौलत यूपी में बढ़त मिलती रही है।"BJP will recite Hanuman Chalisa across Karnataka at 7 pm tomorrow": Union Minister Shobha Karandlaje
— ANI Digital (@ani_digital) May 3, 2023
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हनुमान चालीसा का पाठ
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने घोषणा की है कि बीजेपी शाम 7 बजे पूरे कर्नाटक में हनुमान चालीसा का पाठ करेगी। इस घोषणा का मतलब समझा जा सकता है। मंत्री शोभा का कहना है कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने चुनौती दी थी कि बीजेपी कार्यकर्ता ठीक से हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर सकते। इसलिए उन्हें चुनौती देते हुए पार्टी कार्यकर्ता आज शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
Karnataka: Vishva Hindu Parishad and Bajrang Dal recite Hanuman Chalisa in Vijayanagar in order to protest against the Congress manifesto for Karnataka elections. pic.twitter.com/jBJ62felpf
— TIMES NOW (@TimesNow) May 4, 2023
पार्टी कार्यकर्ताओं ने शाम होने का इंतजार भी नहीं किया और विजय नगर समेत तमाम स्थानों पर भजन के साथ हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। इस दौरान धार्मिक नारे भी लगाए जाते रहे। इस सारे घटनाक्रम से एक ही बात निकलकर आ रही है कि राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की कोई परवाह नहीं है। चुनाव आयोग पर ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन वो मूक दर्शक बना हुआ है। इन सबकी जिम्मेदार कांग्रेस भी कम नहीं है। सत्य हिन्दी पर यह लिखा जा चुका है कि कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में बजरंग दल या पीएफआई के उल्लेख की जरूरत नहीं थी। लेकिन उसने किया और बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया।